SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 82
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राजु विभाग प्रथमादिक राजु की समाप्तिपर लोक विस्तार वातवलय रत्नप्रभादि ७ पृथिवियाँ खर-पंकभागादि विभाग भवनवासी १० नरकसंख्या प्रस्तारसंख्या अवधविषय मृत्तिकागन्ध असुरकुमारादिकों की आयु असुरकुमारादिकों की उंचाई लेश्या स्पर्शवेदना जन्मभूमियाँ .... समुत्पतन वेदना ... Jain Education international विषय त्रिलोकप्रज्ञप्तिकी अन्य ग्रन्थोंसे तुलना तिलोयपण्णत्ति और हरिवंशपुराणका विषयसाम्य .... .... .... .... .... ४९ इन्द्रको नाम ४०-४५ इन्द्रक, श्रेणिबद्ध व प्रकीर्णक बिलोंकी संख्या ५५-९४ 99 ४७-५३ सीमन्तक आदिक प्रथम श्रेणिबद्धों के नाम संख्यात व असंख्यात योजन विस्तृत बिलोंकी संख्या " ९५-९९ सीमन्तकादि इन्द्रक बिल का विस्तार इन्द्रकादिक बिलोंका बाहल्य इन्द्रकादिकोंका अन्तराल नारक त्रिलोके अनुसार आयुका प्रमाण उत्सेध **** ... .... 6040 ...* **** .... .... ... .... .... .... जन्म-मरणान्तर नरक में उत्पन्न होनेवाले जीव व उत्पत्तिवार नरकोंसे निर्गमम .... .... ..... ति. प. ६. पु. १, १५४-१६२ ४, १२-१६ ,, १७६-७८, १९३-९७ „ १७-२८ २६७-२७३ ,, ३३-४२ १५२-१५३ ,, ४३-४६ "" ४७-५८ ,, ६३-६४ १, ६६-६७ ६८ ७१-७४ در 19 २, ९-२३ ३, ९ ” १४४-१४५ " १७६ २, २६-१८ 29 ३७ 99 19 १०५-१५६ १५७-१५८ ” १५९-१९४ 99 " 19 २०२-२१५ " २१६-९७० " २७१ 39 ३४६ " २८१ ” २९-३३ ” ३०२-३१२ 19 ३१५ ३१६-३५८ २८७ " 99 " २८४-२८६ 99 २८९-२९२ For Private & Personal Use Only 99 " ,, ७५ ७६-८५ ८६-१५० 39 " १५१-१५८ १६०-१७० 35 , १७१-२१७ ” २१८-२२४ " २२५-२४८ 39 (५५) २४९-२९४ 99 २९५-३३९ " ३४०-३४१ ,, ३४२ "3 19 ३४३-३४५ ,, ३४६ " ३४७-३५४ ,, ३५५-३६२ ,, ३६३-३६९ ३७१-३७२ " ,, ३७३-३७८ ३७९-३८३ - www.jainelibrary.org
SR No.001275
Book TitleTiloy Pannati Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy