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: चयहदमिछूणपदं चयहदमिट्ठाधियपद जीवाकदितुरिमंसा जीवाविक्खंभाणं जेट्टम्मि चावपट्टे जेठाए जीवाए तक्खय-वड्विपमाण
५-२६१ ५-२४१
कुछ संज्ञा-शब्दोंकी तुलना . २-६४ दुचयहदं संकलिदं २-८६ | रुंदद्धं इसुहीणं २-७० पददलहदवेकपदा २-८४ लक्खविहीण रुंदै ४-१८२ पददलहिदसंकलिदं -८३ लक्खूणइट्ठरुंदै ४-२५९७ पदवग्गं चयपहदं -७६ लक्खणोणं रुंद ४-१८९ पदवगं पदरहिदं २-८१ लवणादीण रुंद ४-१८७ बाहिरसूईवग्गो ४-२५२५ वाणजद १-१७७ भुज-पडिभुजमिलिदई १-१८१ वाणविहीणे वासे १-१९४ भूमिय मुई विसोहिय १-१७६ वासकदी दसगुणिदा ५-२४१ भूमीए मुहं सोहिय १-१९३ विक्खंभद्धकदीभो ४-२७६३ "
४-२४०३ समववासवग्गे ४-२५२१ मुह भूविसेसमद्धिय १-१६५ सूजीए कदिए कदि
४-१८१ ७-४२२
तिगुणियवासा परिही दुगुणाए सूजीए दुगुणिच्चियसूजीए
४-२०११
लोकप्रकाश
चित्रा
चित्रा
रत्नकाण्ड
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गोमेद
कुछ संज्ञा-शब्दोंकी तुलना
खर-भागके १६ भेद क्रम । तिलोयपण्णत्ती हरिवंशपुराण | त्रिलोकसार संख्या २,१०-१८ ४, ५२-५४ १४७-१४८ १ | चित्रा
वज्रा
वज्रा | लोहितांक वैडूर्या
वैडूर्या असारगल्ल
लोहितांका लोहिता गोमेदक (गोमज्जयं) मसारगल्व
मसारकल्पा प्रवाल
गोमेदा ज्योतीरस प्रवाल
प्रवाला अंजन द्योती
ज्योतिरसा अंजनमूल
अंजना अंक अंजना
अंजनमुलिका स्फटिक
अंका चन्दन
अंग ( अंक) स्फटिका स्फटिक
चंदना बहुला चन्द्रमा
सर्वार्थका वर्चक
बकुला १६ / पाषाण
| शैला
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रसा
वज्रकाण्ड वैडूर्य लोहित मसारगल्ल हंसगर्भ पुलक सौगंधिक ज्योतीरस अंजन अंजनपुलक रजत जातरूप अंक स्फटिक | रिष्टकाण्ड
अंजनमूल
वर्चगत
शला
। बहुशिलामय
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