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तिलोयपण्णत्ती पंचत्तीस लक्खा छसहस्सा चउसयाणि इगिवण्णा । जोयणया उणवीसा कलाभो रुजगस्स वित्थारो ॥ ३४
३५०६४५१३ चउतीसं लक्खाणिं पणतीससहस्सचउसयाणि पि । तेसीदि जोयणाणि सगवीसकलाओ रुचिरविस्था ।
३४३५४८३ /२७ तेत्तीसं लक्खाणि चउसद्विसहस्सपणसयाणि पि । सोलस य जोयणाणिं चत्तारि कलाओ अंकवित्थारो॥३६
३३६४५१६, बत्तीसं चिय लक्खा तेणउदिसहस्सपणसयाणि पि । अडदालजोयणाणिं बारसभागा फलिहरुंदो ॥ ३७
___३२९३५४८ ३२ बत्तीसलक्खजीयण बावीससहस्सपणपया सीदी। भंसा य वीसमेत्ता रुंदो तवणिज्जणामस्स ॥ ३८
३२२२५८०२९ इगितीसलक्खजोयण इगिवणसहस्सछसयबारं च । अंसा अट्ठावीसं वित्थारो मेघणामस्स ॥ ३९
३१५१६१२ २८
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रुचक इन्द्रकका विस्तार पैंतीस लाख छह हजार चार सौ इक्यावन योजन और उन्नीस कला अधिक है ॥ ३४ ॥ ३५०६४५१३।।
रुचिर इन्द्रकका विस्तार चौंतीस लाख पैंतीस हजार चार सौ तेरासी योजन और सत्ताईस कला अधिक है ॥ ३५ ॥ ३४३५४८३३३ ।
अंक इन्द्रकका विस्तार तेतीस लाख चौंसठ हजार पांच सौ सोलह योजन और चार कला अधिक है ॥ ३६ ॥ ३३६४५१६३४ ।
स्फटिक इन्द्रकका विस्तार बत्तीस लाख तेरान_ हजार पांच सौ अड़तालीस योजन और बारह भाग अधिक है ॥ ३७ ॥ ३२९३५४८३३ ।
तपनीय नामक इन्द्रकका विस्तार बत्तीस लाख बाईस हजार पांच सौ अस्सी योजन और बीस भाग मात्र अधिक है ॥ ३८ ॥ ३२२२५८०३३।।
मेघ नामक इन्द्रकका विस्तार इकतीस लाख इक्यावन हजार छह सौ बारह योजन और अढाईस भाग अधिक है ॥ ३९ ॥ ३१५१६१२३६ ।
१६ अट्ठावीसा.
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