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तिलोयपण्णत्ती
[५.२६७
सादिरेयत्तपरूवणहेदुमिमा गाहाकालोदगोदहीदो उवरिमदीवोवहीण पत्तेकं । रुंदं णवलक्खगुणं
दि उवरुवारं ॥ २६७ ॥
तेरसमपक्खे अप्पाबहुगं वत्तइस्सामो-जंबूदीवस्स खेत्तफलादो लवणणीरधिस्स खेत्तफलं' चंउवीसगुणं । जंबूदीवसहियलवणसमुदस्स खेत्तफलादो धादईसंडदीवस्स खेत्तफलं पंचगुणं होऊण चोइससहस्स-बेसय-पंण्णासकोडिजायणेहिं अब्भहियं होदि। १४२५००००००००। जंबूदीवलवणसमुदसहियधादईसंडदीवस्स खेत्तफलादो कालोदगसमुदस्स खेत्तफलं तिगुणं होऊण एयलक्ख-तेवीससहस्स-सत्तसयपण्णासकोडिजोयणेहिं अभहियं होई । तस्स ठवणा १२३७५००००००००। एवं कालोदगसमुद्दप्पहदि हेट्रिमदीवरयगायराणं पिंडफलादो उपरिमदीवस्त वा रयणायरस वा खेत्तफलं पत्तेयं तिगुणं पक्खेवभूदएयलक्ख-तेवीससहस्स-सत्तसय-पण्णासकोडिजोयणाणि कमसो दुगुणं दुदुणं होऊण वीससहस्स-दुसयपण्णासकोडिजोयणेहिं अब्भहियं-पमाणं २०२५०००००००० होऊण गच्छदि जाव सयंभरमणसमुद्दो त्ति । तत्थ अतिमवियप्पं वत्तइस्सामो- सयंभूरमणस मुद्दस्स हटिमदीव उवहीओ सब्बाओ जंबूदीवविरहिदामो
सातिरेकताके निरूपणके हेतु यह गाथासूत्र है
कालोदकसमुद्रसे उपरिम द्वीप-समुद्रोंमेंसे प्रत्येकके विस्तारको नौ लाखसे गुणा करनेपर ऊपर ऊपर वृद्धिका प्रमाण आता है ॥ २६७ ॥
उदाहरण --पु. द्वी. वि. यो. १६०००००४९०००००=१४४०००००००००० सातिरेक क्षे. फ. । (यह पुष्करवरद्वीपसे पुष्करवरसमुद्रके आयामकी वृद्धिका प्रमाण होता है।) .
तेरहवें पक्षमें अल्पबहुत्वको कहते हैं-जम्बूद्वीपके क्षेत्रफलसे लवणसमुद्रका क्षेत्रफल चौबीसगुणा है । जम्बूद्वीप सहित लवणसमुद्रके क्षेत्रफलसे धातकीखण्डद्वीपका क्षेत्रफल पांचगुणा होकर चौदह हजार दो सौ पचास करोड़ योजन अधिक है-१४२५००००००००। जम्बूद्वीप
और लवणसमुद्रके क्षेत्रफलसे सहित धातकीखण्डद्वीपके क्षेत्रफलसे कालोदकसमुद्रका क्षेत्रफल तिगुणा होकर एक लाख तेईस हजार सातसौ पचास करोड़ योजन अधिक है। उसकी स्थापना१२३७५०००००००० । इस प्रकार कालोदकसमुद्रप्रभृति अधस्तन द्वीप-समुद्रों के पिण्डफलसे उपरिम द्वीप अथवा समुद्रका क्षेत्रफल प्रत्येक तिगुणा होनेके साथ प्रक्षेपभूत एक लाख तेईस हजार सात सौ पचास करोड़ योजन क्रमसे दुगुणे दुगणे होकर बीस हजार दो सौ पचास करोड़ योजन २०२५०००००००० अधिक होता हुआ स्वयंभूरमणसमुद्र तक चला गया है । इसमेंसे अन्तिम विकल्पको कहते हैं- स्वयंभूरमणसमुद्रके नीचे जम्बूद्वीपको छोड़कर जितने द्वीप-समुद्र
१द उणवीस.
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