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[४२] विषय गाथा विषय
गाथा प्रकारान्तरसे उक्त बिलोंकी संख्या
सब पृथिवियोंके समस्त श्रेणीबद्ध निकालनेका विधान
बिलोंकी संख्याको निकालनेके लिये विवक्षित पटल में इन्द्रकबिलोंकी संख्या
आदि, चय और गच्छका निर्देश ८० निकालने का विधान
सब पृथिवियोंके समस्त श्रेणीबद्ध रत्नप्रभादिक पृथिवियोंमें संकलित
बिलोंकी संख्या निकालने का विधान ८१ धनको ( इ. व |. ) निकालनेके सब पृथिवियोंकी समस्त श्रेणीबद्धलिये आदि, उत्तर ( चय ) और
बिलसंख्या गच्छका प्रमाण
आदिको निकालनेका विधान संकलित धनके निकालनेका विधान ६४ चयके निकालनेका विधान प्रकारान्तरसे संकलित धनके निकाल
दो प्रकारसे गच्छके निकालनेका नेका विधान
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विधान प्रथमादि पृथिवियोंमें समस्त इन्द्रक
रत्नप्रभादिक पृथिवियोंमें प्रकीर्णक और श्रेणीबद्ध बिलोंकी संख्या
___ बिलोंकी संख्या समस्त पृथिवियोंके इन्द्रक और श्रेणी
रत्नप्रभादिक छह पृथिवियोंकी समस्त बद्ध बिलोंके सम्मिलित प्रमाणको
प्रकीर्णक बिलोंकी संख्या निकालनेके लिये आदि, चय और
इन्द्रकादिक बिलोंका विस्तार गच्छका प्रमाण
संख्यात व असंख्यात योजन विस्तारसमस्त पृथिवियोंके संकलित धनको
वाले बिलोंकी संख्या निकालनेका विधान ।
रत्नप्रभादिक पृथिवियोंमें संख्यात व प्रकारान्तरसे सब पृथिवियोंके संकलित
असंख्यात योजन विस्तारवाले धनको निकालने का विधान
बिलोंकी पृथक् पृथक् संख्या
संख्यात व असंख्यात योजन विस्तारसब पृथिवियोंके इन्द्रक और श्रेणीबद्
वाले बिलोंका तिरछेरूपमें जघन्य __ बिलोंकी संख्या
व उत्कृष्ट अन्तराल प्रथमादि पृथिवियोंके श्रेणीबद्ध बिलोंकी
प्रकीर्णक बिलोंमें संख्यात व असंसंख्या निकालनेके लिये आदि,
ख्यात योजन विस्तृत मिलोंका गच्छ और चयका निर्देश ___७३ विभाग
१०२ प्रथमादि पृथिवियोंके श्रेणीबद्धबिलोंकी
संख्यात व असंख्यात योजन विस्तृत संख्या निकालनेका विधान
नारकबिलोंमें नारकियोंकी संख्या १०४ प्रथमादि पृथिवियोंमें श्रेणीबद्ध बिलोंकी . हानि-वृद्धिका प्रमाण बतलाकर पृथक् पृथक् संख्या
सब इन्द्रक बिलोंका विस्तार
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