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________________ ३२६ ] तिलोयपण्णत्ती [ ४. १३९१ सम्वाण मउडबद्धा बत्तीस सहस्सयाणि पत्तेक्कं । तेत्तियमेत्ता णाढयसाला संगीयसालाओ ॥ १३९१ ३२०००। ३२००० । ३२०००। होति पदााणीया दुगुणियचउवीसकोडिपरिमाणा । बत्तीससहस्सागि देसा चक्कीण पत्तेक्कं ॥ १३९२ ४८०००००००। ३२००। छण्णउदिकोडिगामा जयराई पंचहत्तरिसहस्सा । अडहददुसहस्साणि खेडा सव्वाण पत्तेक्कं ॥ १३९३ ९६०००००००। ७५०००। १६०००। चउवीससहस्साथि कब्बडणामा मडंबणामा य । चत्तारि सहस्साई अडदालसहस्सपट्टणाई पि ॥ १३९४ २४०००। ४०००। ४८००० । णवणउदिसहस्साई संखा दोणामुहाण चक्कीसु । संवाहाणि चउइससहस्समेत्ता य पत्तेक्कं ॥ १३९५ ९९००० । १४०००। छप्पण्णंतरदीवा कुक्खिणिवासा हवंति सत्तसया। अडवीससहस्साई दुग्गादीआणि सम्वेसुं॥ १३१६ ५६ । ७०० । २८०००। दिब्वपुरं रयणणिहिं चमुभायणभोयणाइ सयणिज्जं । आसणवाहणणहा दसंगभोगा इमे ताणं ॥ १३९७ सब चक्रवर्तियोंमेंसे प्रत्येकके बत्तीस हजार मुकुटबद्ध राजा, इतनी ही नाट्यशालायें और इतनी ही संगीतशालायें भी होती हैं ॥ १३९१ ॥ मुकुटबद्ध ३२००० । नाट्यशाला ३२००० । संगीतशाला ३२००० । प्रत्येक चक्रवर्तीके पदानीक ( पदाति ) दुगुणित चौबीस अर्थात् अडतालीस करोड़ और देश बत्तीस हजार होते हैं ॥ १३९२ ॥ पदाति ४८००००००० । देश ३२००० । सब चक्रवर्तियोंमेंसे प्रत्येकके छयानबै करोड़ ग्राम, पचत्तर हजार नगर और आठसे गुणित दो अर्थात् सोलह हजार खेडे ( खेट ) होते हैं ॥ १३९३ ॥ ग्राम ९६००००००० । नगर ७५००० । खेट १६०००। कर्बट नामक चौबीस हजार, मटंब नामक चार हजार और पट्टन अडतालीस हजार होते हैं ॥ १३९४ ॥ कर्वट २४००० । मटंब ४००० । पट्टन ४८००० । प्रत्येक चक्रवर्तीके निन्यानबै हजार द्रोणमुख और चौदह हजारप्रमाण संवाहन हुआ करते हैं ॥ १३९५ ॥ द्रोणमुख ९९००० । संवाहन १४०००। ___ सब चक्रवर्तियोंके छप्पन अन्तर्वीप, सातसौ कुक्षिनिवास और अट्ठाईस हजार दुर्गादिक होते हैं ॥ १३९६ ॥ अन्तर्वीप ५६ । कुक्षिनिवास ७०० । दुर्गादि २८००। दिव्य पुर, रत्न, निधि, चमू, ( सैन्य ), भार्जन, भोजन, शय्या, आसन, वाहनें और नाट्य, ये उन चक्रवर्तियोंके दशांग भोग होते हैं ॥ १३९७ ॥ १ द ब चमुहभायण. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001274
Book TitleTiloy Pannati Part 1
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages598
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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