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-४. ३०० ]
उत्थो महाधियारो
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दस वाससहस्साणिं वाससहस्सम्मि दसहदे होंति । तेहिं दसगुणिदेहिं लक्खं णामेण णादन्वं ॥ २९२ ( चुलसीदिहदं लक्खं पुग्वंग होदि तं पि गुणिदव्वं । चउसीदीलक्खेहिं णादन्वं पुष्वपरिमाणं ॥ २ पुन्यं चउसीदिद्ददं णिउदगं' होदि तं पि गुणिदव्वं । चउसीदीलक्खेहिं गिडेदस्स पमाणमुद्दिनं ॥ २९४
उदं चउसीदिदं कुमुदंगं होदि तं पि णादव्वं । चउसीदिलक्खगुणिदं कुमुदं णामं समुद्धिं ॥ २९५ कुमुदं चउसीदिहदं पउमंग होदि तं पि गुणिदव्वं । चउसीदिलक्खवासे' पउमं णामं समुहि ॥ २९६ पउम चउसीदिइदं णलिणंगं होदि तं पि गुणिदव्वं । चउसीदिलक्खवासे णलिणं णामं वियाणाहि ॥ २९७ लिणं चउसीदिगुणं कमलंगं नाम तं पि गुणिदव्वं । चउसीदीलक्खेहिं कमलं णामेण निहिं ॥ २९८ कमलं चउसीदिगुणं तुडिदंगं होदि तं पि गुणिदव्वं । चउसीदीलक्खेहिं तुडिदं णामेण णादव्वं ॥ २९९ तुडिदं चउसीदिहदं अडडंगं होदि तं पि गुणिदव्वं । चउसीदीलक्खेहिं अडडं णामेण णिद्दिनं ॥ ३००
सहस्रवर्षको दशसे गुणा करनेपर दश सहस्रवर्ष, और इनको भी दशसे गुणा करनेपर लक्षवर्ष जानना चाहिये ॥ २९२ ॥
लक्षवर्षको चौरासीसे गुणा करनेपर एक 'पूर्वाङ्ग', और इस पूर्वाङ्गको चौरासी लाखसे गुणा करनेपर एक 'पूर्व' का प्रमाण समझना चाहिये ॥ २९३ ॥
पूर्वको चौरासी से गुणा करनेपर एक 'नियुतांग' होता है, और इसको चौरासी लाख से गुणा करनेपर एक 'नियत' का प्रमाण कहा गया है ॥ २९४ ॥
चौरासीसे गुणित नियुतप्रमाण एक 'कुमुदांग' होता है । इसको चौरासी लाखसे गुणा करने पर 'कुमुद' नाम कहा गया जानना चाहिये ॥ २९५ ॥
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चौरासी गुणित कुमुदप्रमाण एक 'पद्मांग' होता है । इसको चौरासी लाख वर्षों से गुणा करनेपर 'पद्म' नाम कहा गया है ।। २९६ ॥
चौरासीसे गुणित पद्मप्रमाण एक 'नलिनांग' होता है । इसको चौरासी लाख वर्षोंसे गुणा करनेपर 'नलिन' यह नाम जानना चाहिये ॥ २९७ ॥
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चौरासीसे गुणित नलिनप्रमाण एक 'कमलांग' होता है । इसको चौरासी लाख से गुणा करने पर 'कमल' इस नामसे कहा गया है ।। २९८ ॥
कमलसे चौरासीगुणा 'त्रुटितांग' होता है। इसको चौरासी लाख से गुणा करनेपर 'त्रुटित' नाम समझना चाहिये ॥ २९९ ॥
चौरासीसे गुणित त्रुटितप्रमाण एक 'अटटांग' होता है। इसके चौरासी लाखसे गुणित होनेपर 'अटट' इस नामसे कहा गया है ॥ ३०० ॥
१ द पुव्वंगं, ब विदंगं. २ द पव्वपमाणं स गादव्वं. ३ द गुणिदे. ४ द ब 'वासेहिं. TP. 23
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