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बिदुओ महाधियारो
पणसट्ठी दोणि सया इंदयसेठीए पंचमखिदीए । तेसठ्ठी चरिमाए पंचाए होंति णायब्वा ॥ ६८
२६५ । ६३ । ५।
पंचादी भट्ट चयं उणवण्णा होदि गच्छपरिमाणं । सव्वाणं पुढवीणं सेढीबर्द्धिदयाणिदमं ॥ ६९ चयैहदमिट्ठाधियपदमेकाधियइट्ठगुणिदचयहीणं । दुगुणिदवदणेण जुदं पददलगुणिदम्मि होदि संकलिदं ॥ ७०
अथवा-
अट्ठत्तालं दलिदं गुणिदं अट्ठेहि पंचरूत्रजुदं । उणवण्णाए पहदं सम्वधणं होइ पुढवीणं ॥ ७१ इंदयसेढीबद्धा णवयसहस्साणि उस्सयाणं पि । तेवण्णं अधियाई सम्वासु वि होंति खोणीसु ॥ ७२
९६५३ ।
णियणियचरिमिंदयपयमेक्कोणं होदि भादिपरिमाणं । नियणियपदरा गच्छा पचया सव्बत्थ भैट्टैव ॥ ७३ बाणउदित्तदुसया दुसयं चउ सयजुर्देण बत्तीसं । छावत्तरि छत्तीसं बारस रयणप्पदादिआदीभो ॥ ७४ २९२ । २०४ । १३२ । ७६ । ३६ । १२ ।
पांचवीं पृथिवीमें दोसौ पैंसठ, छठीमें तिरेसठ और अन्तिम सातवीं पृथिवीमें सिर्फ पांच ही इन्द्रक व श्रेणीबद्ध बिल हैं, ऐसा जानना चाहिये || ६८ || २६५; ६३; ५ ।
सम्पूर्ण पृथिवियोंके इन्द्रक व श्रेणीबद्ध बिलोंके प्रमाणको निकालनेके लिये आदि पांच, चय आठ और गच्छका प्रमाण उनंचास है, यह निश्चित समझना चाहिये ॥ ६९ ॥
इष्टसे अधिक पदको चयसे गुणा करके उसमेंसे, एक अधिक इष्टसे गुणित चयको घटा देनेपर जो शेष रहे उसमें दुगुणे मुखको जोड़कर गच्छके अर्ध भागसे गुणा करनेपर संकलित धन आता है ॥ ७० ॥
७ × ८ ) - ( ७ + १ × ८ ) + (५ x २ ) x ९६५३ सातों पृथिवियोंका सं. धन । - अड़तालीसके आधेको आठसे गुणा करके उसमें पांच मिला देनेपर प्राप्त हुई राशिको उनंचास से गुणा करे । इस रीति से पृथिवियोंका सर्वधन निकलता है ॥ ७१ ॥
उदाहरण - ( ४९ + = ४४८ ६४ + १० × ू अथवा
उदाहरण - x ८ + ५ × ४९ = ९६५३ सर्व पृथिवियोंका सं. धन । सम्पूर्ण पृथिवियों में कुल नौ हजार छहसौ तिरेपन इन्द्रक व श्रेणीबद्ध बिल
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हैं ॥ ७२ ॥ ९६५३ ।
( प्रत्येक पृथिवीके श्रेणीधनको निकालनेके लिये ) एक कम अपने अपने चरम इन्द्रकका प्रमाण आदि, अपने अपने पटलका प्रमाण गच्छ और चय सब जगह आठ ही है ॥ ७३ ॥
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दोसौ बानबै, दोसौ चार, एकसौ बत्तीस, छयत्तर, छत्तीस और बारह, इसप्रकार रत्नप्रभादि छह पृथिवियोंमें आदिका प्रमाण है ॥ ७४ ॥
र. प्र. २९२; श.प्र. २०४; वा. प्र. १३२; पं. प्र. ७६; धू. प्र. ३६; त. प्र. १२ ।
१ द ब ॰दयाण इदमं. २ द चयपदमिट्ठा दियपदमेक्कादिय ं, ब चयहद मिट्ठदियपदेमक्कादि ३ ब अलद्वैव, द लट्ठेव ४ चउअधियसय .
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