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मुद्रित पाठ १०७ उत्सुक बद्धिशाली १०९ पीटा। ११. उस...बांधलिया ।
११५ नगर के....दशपुर
४ अनुग्रह करके ५ इसमें...ऐसा ६ लक्ष्मण से पूछा ८ राजा के १७ तुम मे...रही हो?
हिन्दी अनुवाद संशोधन
१४५ पठितव्य पाठ
मुद्रित पाठ पठितव्य पाठ उद्यत मनवाले
१२२ उन...सिंहोदर उन स्त्रियों के रोते हुए सिहोदर पीट गिराया ।
१२६ तथा...की।
तथा सीता से भादर व स्नेह पूर्वक वह किसी किसी योद्धा को आपस में ही एक दूसरे से मरवाता था, किसी को १३७ जैन धर्मके ..दिये । जैन धर्म के प्रभाव से संतुष्ट हो कर एड़ी की चोट से निर्जीव करता
सिंहोदर ने वह गणिका (वेश्या) ? था और किसी किसी को जिसकी
भौर दिम्य कुण्डल विद्यु दा को सुप्रत पीठ फट गयी थी तथा अधोमुख
किये। पड़ा हुभा था, वह यों ही छोड़े
१५७ वज्रश्रमण...बढ़ाया गया । बजकर्ण (बज्रश्रवण) के साथ उत्तम देता था।
प्रीति हुई तथा परस्पर सम्मान, दान
प्रदान व आवागमन से उम दोनों का नगर के मुख्यद्वार पर भासीन दशपुर
स्नेह बढ़ता गया। उद्देश-३४ बिना अवरोध
२५ छुदा सका ।
छुवाता है। "क्या दोष है ?" ऐसा
... ३३ शब्दायमान,...उछलने के शब्दायमान, संक्षुब्ध मगर, मच्छ, लक्ष्मण से उसने पूछा ।
कच्छप और मत्स्यों के उछलने के नगराधिप के
३३ बल में प्रविष्ट हाधियों की जल-हस्तियों को हे सुन्दर शरीर वाली कन्ये ! तुम अपने ही राज्य में इस प्रकार के ५० बन्धन से
बन्धम से वेश में क्यों क्रीका करती हो ? ५३ तुम ..है।
तुम यह सब जान जाभोगे । उद्देश-३५ पाप अपकीर्ति का मूल है, इस ७६ सम्मान से...था । सम्मान से वह इतना पराजित था भीगते हुए
कि उसको शान्ति नहीं हो रही थी। पूतन नाम का विनायक (यक्ष) वहाँ ७९ अठारह लाख
अठारह हजार वहाँ शीघ्र ही विशाल
७९ मन्दपनि मुनि के नन्द नामक यति के वही प्रमाणित (योग्य) धर्म है । ८१ यह प्रशस्त
यह उद्देश-३६ सभी दिशाओं में अन्धकार छा आने २८ जैसी आज्ञा....इस जिस प्रकार भाप कहती है वैसा ही पर एक उपवास धारण किये हुए वह
x निकाल दो
३३ भाग्य से अधीरता व लक्ष्मण को उस स्त्री के साथ देख कर ३३ वृद्धि हो ।
वृद्धि देखी गई है। सीता ने हँस कर कहा कि
उद्देश-३७ कलभ (राजा) केसरी के साथ तथा
स्थित हुए हैं। पंचालपति पार्थ एक महाध्वज आदि (भौर) अंगाधिपति
हजार हाथियों के साथ आया है। राजा ये (सब अपने अपने) छः सौ २७ राजा सेमा के
राजा कनक सेना के मत्त हाथियों के साथ व सात सौ २९ उसने
राजा महीधर ने भइवों के साथ रण में शीघ्र ही उप- १९ राजा ने राम से राजाको राम ने
१४ पापी इस २० भीगे हुए २२ पूपण...वहाँ २३ वहाँ विशाल ६७ वह धर्म...है।
८ सभी...एक
१५ बन्धन में...वह २१ अधिक २५ अपने...कहा कि
७.८ सिंह के...हुआ है।
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