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________________ १०४ ७. पाठान्तराणि क ५९ ता ठाहि ६. ऊसारि ६. विभोसणं ६. रिवणं जे,क,ख ६१ जालाउला फुलिंगणिहा क,ख जाम्ब धणुं बलइ कह वि तू जे ६५ ण रणे कओ वि. जे ६६ °रो वेम्हलो ६७ लोडिओ ६७ अण्ण प्रणरहे जे.क.ख ६८ य ण विसा ख ६९ पुण्णेण रक्खिओ चिय.पं जे ७० रक्खसाहमा ए' ७. सत्तिप्पहा क,ख ७१ लग्गो ७१ भणिउं भणियं : पुरहतं ७० प्राण वसू ७१ ओ चिय ७२ पते जे,क,ख गेण्हन्ति ७३ जोहेहि . , ७३ अंग उकुमरो ७४ निवडत 'न्तआगएणं, आ , ७५ "विमाणसरमेसु ७५ लक्खणविरा हिया जे,क,ख आसासेन्तो जे जइ ठाविस्सए ७७ °स्सए णातो। क,ख कि मारि' निच्छिएणं तो रणाउ जे,क,ख 'त्तो नाह ! सुणसु मह ख __हि पासेहि क,ख कि जीबद ८२ लक्षणो उवसग्गे ८५ पहरण पडिपुण्णा वारुगाइ य अ ८६ देवगया ल° इति नाम पव्वं सम्मत्तं उद्देश-६० १ हणुमादिभ' जे हणुवाइभ' क ३ बंधणाओ ते मुक्का ४ पउमभडा , सिरिविक्खाई भ,, ५ जाय उस्सग्गा ६ साहेन्ताणं ६ तमतिमिर क,ख ६ तमतिमिरवितिमिरयरं जे , से चिन्तिय क,ख १७ पसादेहि ७ मेत्तेणवि, जे . २० °कोव ८ एयं रा २३ धणु ८ °कहाणुसता २६ नलो सयंभूणं । जे क ख ९ ण यं पिया २. घडउवरं ९ णेय करे नित २८ अंगो मयं कुद्धो ,, ९ चेव पुना अंगयं सया कुद्धो मु ९ लत्त-मित्ता २८ हणुय तो ९ मणूसस्स २९ ‘ण्डलो महाकाली ९ हिओवदेर्स ३१ तिट्ठोति ९ विमलस्सहावा , ३२ निनाएण जे,क,ख ३३ भुज्जह आ" क.ख समागमणं ३४ जं पगहुत्तं नाम पत्र ३५ कोवि भडो , सम्मत्तं कख ३५ साहेइ साहु पुरिसा जे,क, ख ३५ विवडिय उद्देश-६१ ३५ यं अन्त ३६ 'तोसमणुजुत्तो जे १ ने सरपरि ३७ सामियकरणि जसु य, ,, परिहच्छा ३८ घापन्ति जे क,ख २ 'ल-तिलिमा' ३९ के सुयर ३ समविभवो ३९ होंति सं ४ विद्यबद्धचिंधा ४० गलियहत्था सबर सो ४. लोलेति ५ लकुन्तेहि ४२ नियये निवाति ५ गहणंकियं ४४ सं सत्यं ७ सवरसामन्ता ४५ भीमसुयगेहि 'मारीची वैदिओ प चन्दक्खा मावणं विज्जवियण' वइणतेयं जे,क,ख जीमुत्त क,ख,मु १६ अत्थं च सवरसूरा विसज्जियं प° जे समासूरा अत्थं बीसजिय पक,ख तमि य १२ दूरा ओ° १४ जुत्तमेवं ५० णागपास' क,ख १६ उज्झिऊण भियवंसं जे ५६ उक्क पिव जलंति क.स सणो मह सुणेहि गरुडं समुट्ठिी पु जे विष्णपं । ५८ आहिगारो , १७ लोगेसु रो, जेण तुमे ठाहि १९ दहरहतणया मह पु " क,ख ७२ मेरा जे ७३ रुद्धा सोऊण सुया, , निसासु सुत्तो, निसासएन्तो, हियासा इति सत्तसं पायाविहाण ना जे,मु नाम पप जे संमत्त जे,क,ख उद्देश-६२ १ तालिओ २ पम्हन्थं २ सम्भलो ५ जाणासि य विउयत्ते, न ,, ५ त्तमित्तं ६ तुह मे ८ तस्से Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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