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________________ ४० जडाइ) जडागि बंधुदत्त सरस्सई खेम नयदत्त सहस्सभाभ नियमदत्त सायरदत्त पउमरुइ सिरिकत पभव सिारगुत्त पवर सिलाधर हरिदास भावण हियकर मघदत्त स्त्री महाधण कित्तिमई महीदेव कुरुविदा गुणमई मेहबाहु अउणा लयादत्त घना वजक धारिणी वसुदत्त भुयवत्ता विज्जुयंग मयरिमा विणयदत्त मित्तमई विहियक्ख रयणप्पभा संभमदेव रयणाभा सञ्चरुइ विणयमई सहसंगम सुणंदा समुदत्त (९) अन्य पउमचरिय, रामदेव- रामायण (ब्राह्मण) चरिय, राहवचरिय वेय-सत्य (वेदशास्त्र) भारह ( महाभारत) (१०) प्रन्थकर्ता विमल सूरिविमल (११) तन्तुवायपरिवार पुरुष वीरय वणमाला (१२) तीर्थकर-प्रथमभिक्षादातृ बंभदत्त सेयंस वसभदत्त (१३) दास-भृत्य-परिवार चवल-गइ,-वेग अमरवणु भड़कलस कावडिय जयावई २. प्रथम परिशिष्ट के वर्ग-विशेष (१४) दूतपरिवार (२०) नैमित्तिक पुरुष सिरिभूह सायरविहि अमयसर सुबुद्धि (२१) पक्षिविशेष उदिअ स्त्री मुइय उवओगा जडाउ) सामत (१५) दूती (२२) पुरोहितपरिवार चित्तमाला महुपिंगल (१६) देव अम्गिकेट सिरिभुइ अग्गिकेउ मणिचूल उवमचु सुकेउ अणलप्पम महालोयण जलणसिह सोम अणाढिय माणिभद्द धमकेउ इभकण्ण रयणचूल पिंगल उदहिकुमार रूवाणद पुस्समूह गरुडाहिव वज्जाउह (२३) रामके प्रजाप्रगण्य चमरकुमार वेणुदालि काल महुगंध धणथ सीइंद कासव सीया-इंद विजय धरण पुण्णभद्द सीयादेव सूरदेव पूयण पिंगल सुरुवनाम सूलघर (२४) ब्राह्मणपरिवार रमण चित्तुस्सवा सुनामा अइभूइ वसुनंद भवणपाली अग्गिभूह वसुभा (१७) द्वारपाल अरिंगल बाउमा सिलाकवाड इंधण वामदेव (१८) धात्री कयाण विणो वसंतलया कविल विमुचि (१९) नागरिक-परिवार कुलिसधार विसालभूइ पुरुष भग्गव कुसद्धय विस्समूह असोयदत्त भद्दवरुण खीरकयंव आवलि भावण सुइरस किंपुरिस वरकित्ति सुनंद जउणदेव विसाल जन्नवक सोमदेव दगकित्तिधर सहस्सविजन पभासकुंद धरण स्त्री पल्लव अइराणी पच्छिमय उवस्थि पवय अग्गिकुंडा पढम खीरधारा बंभरुइ अग्गिला पीइंकर माहवी भग्गव अणुकोसा * इनका कोई विशेषपरिचय प्राप्त नहीं होने मरुभूइ से इन्हें इस शीर्षक के नीचे रक्खा गया है। मिउमह पइमत्ता भीम स्रो वेसाणल गिरिभू गोभूइ स्त्री स्त्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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