________________ क्रान्तिकारी चिन्तक एवं विचारक पू. उपाध्याय कविश्री अमरम निजी ने गत अर्धशताधिक वर्षों में आधुनिक विचारों से परिप्लुत शताधिक ग्रन्थों की निर्मिति की है। मानव सेवा एवं आधुनिक शिवषा का केन्द्र बिहार में राजगृहीस्थित वीरायतन आप ही की कल्पना शक्ति का सुफल है / 88 वर्ष की अवस्था में भी गुरुदेव को अध्ययनशीलता का परिचायक प्रतीक अथाह जैन-शास्त्र-सागर-मन्थन प्राप्त अनमोल रत्नों का यह खजाना सूज्ञ पाठकों की ज्ञान तृष्णा को तृप्त करेगा। साथ में आप पायेंगे, उनका भावानुवाद भी। उपाय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org