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________________ आशिक रंनिकर मुज्वलाम रालमा हा सर दवा देवा दरला ॥१ कुशेव हरददातिकाच नाश रामक श्वस्त कमल पुस्तक वासुदमरा कॉलनी एगुल लीग जब साली मुता जगद बालोदनापुरा। श्रादिसा लीला करु दया दानादवि शोक हमदर महा राचार्याः॥ चंदा वदनामृग लो। कमाल जिमीजलपोय ॐ ॥ भीरकम मे व कनी सामिनि ॥६दरिदर ने सरदरदेवाक विदेयो श ल कपाससह विवचित अपारविनाशिमा वा जगमोदन a घमघमक तया ॐ ગુણરત્નાકરછંદ તિ कीराक शाएं बेदारको पतन उदाराज निदमे निदेलि रम्य मो दल वेलिक रश्क म ल गेलि मलमूत कल पनि म । मे 3२मारह मायापनिमयल १० मरिमोदशमिदूरशिखा राता निम्लन खादिमश्क मलमु शायरातपदिवायरा तेज कर जांचंदामहिम पयवंदगंज गमलाड विमलामिरादाय पुरंद श्राय संवतपनर बिऊन शिवरसे। एम बंद रच्य अमन दस्में मुद२बोलत्राणदए संशोधन-संपाहणजे गाजर वसंतऋषिपाल કાન્તિભાઈ બી. શાહ લિકથિર शुभदरावर कलानिक जै कामदामन जय कारीव यरी वियोग न लीलावि ला रंगदी अक रूम हिजसुंदरमया ॥३८ विनोद मनो विधिका रमं ॥मंदद ओपन मेध्ये श्री एमाले हारक श्री विनयप्रमूरि वाचनाची ॥ श्र कलयमस्तु ॥ Bro Jain Education International रामसि | For Private & Personal Use Only २१ www.jainelibrary.org,
SR No.001192
Book TitleGunratnakarchand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajsundar, Kantilal B Shah
PublisherShrutgyan Prasarak Sabha
Publication Year1998
Total Pages398
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Literature
File Size18 MB
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