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________________ चूर्णियुक्त नन्दीसूत्रका विषयानुक्रम पृष्ठ ५८ विषय उत्कालिकश्रुत के २९ नाम चूर्णिमें- २९ उत्कालिकQतके नामोंका व्युत्पत्त्यर्थविवरण कालिकश्रुतके २९ नाम चूर्णिमें-कालिक ध्रुतके नामोंका व्युत्पत्यर्थविवरण । टिप्पणी में नामोंकी कमीबेशीका निर्देश आवश्यकव्यतिरिक्तश्रुतका उपसंहार अङ्गप्रविष्टश्रुतके १२ नाम १ आचारागसूत्रका स्वरूप २ सूत्रकृताङ्गसूत्रका स्वरूप ३ स्थानाङ्गसूत्रका स्वरूप ४ समवायाङ्गसूत्रका स्वरूप ५ विवाहप्रज्ञप्तिअङ्गसूत्रका स्वरूप ६ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रका स्वरूप ७ उपासकदशाङ्गसूत्रका स्वरूप ८ अन्तकृद्दशाङ्गसूत्रका स्वरूप ९३ ९ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्रका स्वरूप ९४ १० प्रश्नव्याकरणदशाङ्गसूत्रका स्वरूप ११ विपाकसूत्रके दुःखविपाक सुखविपाक दो प्रकार, उनका वर्णन और स्वरूप ९६ १२ दृष्टिवाद अंगके पांच भेद . ९७-१०५ परिकर्मदृष्टिवादके सात प्रकार और इनके भेद १.६ सूत्ररष्टिवादके २२ प्रकार १०७ पूर्वगतदृष्टिवाद-चौदह पूर्व सूत्र विषय १.८-१० अनुयोगदृष्टिवादके मूलप्रथमानुयोग और गंडिकानुयोग दो प्रकार तथा इनका स्वरूप ७६ चूर्णिमें सिद्धगण्डिकाका वर्णन १११ चूलिका दृष्टिवाद ११२-१३ दृष्टिवादका परिमाण और विषय ११४ द्वादशाङ्गीके विराधकोंको हानि ११५ द्वादशाङ्गीके आराधों को लाभ ११६ द्वादशाङ्गीकी शाश्वतिकता ११. द्रव्य क्षेत्र काल भाव आश्री श्रुतज्ञान का स्वरूप ८२ ११८ गा. ८१ श्रुतज्ञानके चौदहभेद, गा. ८२ श्रुतज्ञानका लाभ, गा. ८३ बुद्धिके आठ गुण, गा. ८५ सूत्रार्थश्रवणविधि, गा. ८५ सूत्रव्याख्यानविधि और उपसंहार-मन्दीसूत्रकी समाप्ति प्रथम परिशिष्ट- नन्दीसूत्रगत गाथाओंका अकारादिक्रम द्वितीय परिशिष्ट- नन्दीचूर्णिगत उद्धरणोंका अकारादिक्रम तृतीय परिशिष्ट- नन्दीचूर्णीगत पाठान्तर और मतान्तरोंका निर्देश ८८ चतुर्थ परिशिष्ट-नन्दीसूत्र और चूर्णिगत . प्रन्थ, ग्रन्थकार, स्थविर, नृप, श्रेष्ठी, नगर आदि के विशेषनामोंका अकारादिक्रम पञ्चम परिशिष्ट- नन्दीसूत्र और चूर्णिगत विषयविभाग और व्युत्पत्तिदर्शक शब्दोंका अकारादिक्रम ६८ ७. Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001150
Book TitleAgam 44 Chulika 01 Nandi Sutra
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorJindasgani Mahattar, Punyavijay
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2004
Total Pages142
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, G000, G010, & agam_nandisutra
File Size22 MB
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