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४९३] छटुं अज्झयणं 'छट्ठाणं'।
२०७ ४९०. छविहा मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा—जबूंदीवगा, धायइसंडदीवपुरस्थिमैद्धगा, धायइसंडदीवपच्चत्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड़पुरस्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड्डपञ्चत्थिमद्धगा, अंतरदीवगा।
अहवा छव्विहा मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा—समुच्छिममणुस्सा ३–कम्मभूमगा १, अकम्मभूमगा २, अंतरदीवगा ३। गब्भवकंतियमणुस्सा ३- ५ कम्मभूमगा १, अकमभूमगा २, अंतरदीवगा ३।
४९१. छविहा इड्रीमंता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा-अरहंता चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा चारणा विजाधरा ।
छव्विहा अणिड्रीमंता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा–हेमवंतगा हेरन्नवंतगा हरिवरसगा रम्मगैवस्सगा कुरुवासिणो अंतरदीवगा।
४९२. छव्विधा ओसप्पिणी पन्नता, तंजहा–सुसमसुसमा जाँव दुस्समदुसमा।
छव्विहा उँसप्पिणी पन्नत्ता, तंजहा–दुस्समदुस्समा जाव सुसमसुसमा।
४९३. 'जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु तीताते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाते मणुया , धणुसहस्साइं उडमुच्चत्तेणं होत्था, छैच्च अद्धपलिओवमाइं १५ परमाउं पालयित्था १, "जंबूदीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु इमीसे ओसप्पिणीते सुसमसुसमाते समाते एवं चेव २, जंबू[दीवे दीवे] भरहेरवते[सु वासेसु] ऑगमेस्साते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए एवं चेव जाव छच अद्धपलिओव
१. माणुस्सा जे०। मणुस्सगा मु०॥ २. बुद्दी क०॥ ३. महगा जे. पा०॥ ४. धाततिसंड जे० पा० ला० मु०॥ ५. समुच्छिममणुस्सा ३ गब्भवक्कमंतितमणुस्सा ३ कम्मभूमगा १ अकम्मभूमगा २ अंतरदीवगा ३ पा० ॥ “सम्मूर्छनजमनुष्यास्त्रिविधाः कर्मभूमिजादिमेदेन तथा गर्भव्युत्क्रान्तिकानिधा तथैवेति षोढा"-अटी० ॥ ६. °वकंतितम' ला। वक्कमंतितम जे० पा०॥ ७-८. भूमि मु०॥ ९, १०. °वयगा क० । °वंतगा मु०॥ ११, १२. °वंसगा क. विना॥ १३. कुमारवासिणो पा०॥ १४. क० विना-जाव दूसमदूसमा मु०। जाव दुसमा जे० पा० ला०। १५. मोस मु०॥ १६. दूसमदूसमा क०॥ १७. जंबूदीवे क० जे०॥१८. उसप्पि पा०॥ १९. छञ्चधणु मु०। "छद्धणु(छश्च धणुमु०)सहस्साई ति त्रीन् क्रोशानित्यर्थः"-अटी०॥ २०. हुत्था मु० ॥ २१. "छच्च अद्धपलिओवमाई ति त्रीणि पल्योपमानीत्यर्थः"-अटी०॥ २२. 'यित्ता क. जे०॥ २३. जंबुद्दीचे मु० ॥ २४.भागामेसागे पा०॥ २५. उस पा० क०॥ २६. समाए नास्ति पा०॥
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