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________________ ४८.५१ विषयानुक्रम विषय गाथा क्रमांक पृ०/क्रमांक भूमिका १-७६ मानुषोत्तर पर्वत .... १-१८ ३-५ नलिनोदक आदि सागर १९-२४ ५-७ नन्दीश्वर द्वीप २५ अंजन पर्वत और उनके ऊपर जिनदेव के मंदिर " २६-४७ ७-११ दधिमुख पर्वत और उनके ऊपर जिनदेव के मंदिर ... अंजन पर्वतों की पुष्करिणियाँ ५२-५७ १३ रतिकर पर्वत और शक्र ईशान देव-देवियों को राजधानियाँ ५८-७० १३-१५ कुण्डल द्वीप . ७१ कुण्डल पर्वत ७२-७५ १५ कुण्डल पर्वत के ऊपर सोलह शिखर ७६-८३ कुण्डल पर्वत के शिखरों पर सोलह नागकुमार देव ... ८४-८६ कुण्डल पर्वत के भीतर सौधर्म ईशान लोकपालों की राजधानियाँ ८७-९७ कुण्डल पर्वत के भीतर शक्र ईशान अग्रमहिषियों की राजधानियाँ ९८-१०१ २१ कुण्डल पर्वत के बाहर त्रायस्त्रिशकों और उनकी अग्रमहिषियों की राजधानियाँ ___ १०२-१०९ २१-२३ कुण्डल समुद्र ११० २३ रुचक द्वीप १११ २३ रुचक पर्वत ..." ११२-११६ २३ रुचक पर्वत पर शिखर .." ११७-१२६ २३-२५ दिशाकुमारियों और उनके स्थान .... १२७-१४२ २५-२९ दिग्रहस्ति शिखर १४३-१४८ २९-३१ रतिकर पर्वत पर शक ईशान सामानिक देवों के उत्पादक पर्वत और राजधानियाँ .. १४९-१५५ ३१-३३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001141
Book TitleDivsagar Pannatti Painnayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1993
Total Pages142
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_anykaalin
File Size6 MB
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