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प्रस्तुत प्रकाशन के अर्थ सहयोगी
प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन हेतु गोगोलाव निवासी श्रीमती जीवणीदेवी कांकरिया धर्मपत्नी स्व० सेठ मुकनमलजी कांकरिया की पुण्य स्मृति में उनके सुपौत्र श्री दिलीप कांकरिया ने अर्थ सहयोग प्रदान किया है ।
श्रीमती जीवणीदेवी कांकरिया आचार्य श्री नानालालजी म० सा० की परमभक्त एवं धर्मनिष्ठ सुश्राविका थीं । शिक्षा, सेवा और चिकित्सा सम्बन्धी कोई भी शुभ कार्य हो, उसमें आप उदारहृदय से अर्थ सहयोग प्रदान करती थीं । आपके नाम से रतलाम में महिला उद्योग मन्दिर का निर्माण कराया गया था, उसमें आपने एक लाख रुपये से भी अधिक का अनुदान प्रदान किया था ।
आपके युवा पौत्र श्री दिलीप कांकरिया उदारहृदयी एवं मृदु व्यवहारी हैं । आप समाज के सभी कार्यों में सदैव उदारतापूर्वक अर्थ सहयोग प्रदान करते हैं । समाज को आपसे भारी आशाएँ हैं ।
संस्थान श्री कांकरिया सा० के योगदान हेतु सदैव आभारी रहेगा ।
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