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________________ तृतीयः समुद्देशः १४१ यच्चोक्तम् 'अतीतानागतावित्यादि तदपि स्वमतनिर्मूलनहेतुत्वेन विपरीत - साघनात्तदाभासमेवेति । तथाहि अतीतानागतौ कालौ वेदार्थज्ञविविजितौ । कालशब्दाभिधेयत्वादधुनातनकालवत् ||२६|| इति सम्भव नहीं है, क्योंकि आपके यहाँ नियोग का अनेक वक्ताओं ने ग्यारह: प्रकार से किया है । १. कोई कहते हैं कि जो लिङ्, लोट् और तव्य प्रत्यय का अर्थ है, शुद्ध है, अन्य निरपेक्ष है एवं कार्यरूप ( यज्ञरूप ) है, वही नियोग है । २. वाक्यान्तर्गत कर्मादि अवयवों से निरपेक्ष शुद्ध प्रेरणा ही नियोग है । ३. प्रेरणा सहित कार्य ही नियोग है । ४. कार्य सहित प्रेरणा को नियोग कहते हैं; क्योंकि कार्य के बिना कोई पुरुष प्रेरित नहीं होता है । ५. कार्य को ही उपचार से प्रवर्तक कहकर उसे नियोग कहते हैं । ६. प्रेरणा और कार्य का सम्बन्ध ही नियोग है । ७. प्रेरणा और कार्य का समुदाय हो नियोग है । ८. इन दोनों से विनिर्मुक्त स्वभाव ही नियोग है । -- ९. यन्त्रारूढ़ — याग लक्षण कार्य में लगा हुआ जो पुरुष है, वही नियोग है । १०. भोग्य भविष्यत् रूप ही नियोग है । ११. पुरुष ही नियोग है ' । भावनावादी भाट्ट हैं, विधिवादी ब्रह्माद्वैतवादी हैं और नियोगवादी प्रभाकर हैं । क्या कारण है कि भाट्टों के मत में भावना ही वाक्यार्थ है, ब्रह्माद्वैतवादियों के मत में विधि ही वाक्यार्थ है और प्राभाकरों के मत में नियोग ही वाक्यार्थ है ? इन तीनों में मतवैभिन्न क्यों है ? अल्पज्ञ होने के कारण वेद के या वेद के अर्थ का ठीक परिज्ञान न होने से मनु, याज्ञवल्क्य आदि ने अन्यथा प्रतिपादन किया है; क्योंकि उनमें मतभेद है । और जो अपने "अतीतानागतौ" इत्यादि श्लोक कहा है वह भी मीमांसक मत के निर्मूलन का कारण होने से विपरीत अर्थ का साधन करने से अनुमानाभास ही है । इसी बात को स्पष्ट करते हैं । श्लोकार्थ - अतीत और अनागत काल वेदार्थ के जानने वाले से १. अष्टसहस्त्री, प्र० भाग ( आर्यिका ज्ञानमती जी कृत टीका पृ० ४७ ( नियोग-वाद के खण्डन का सारांश ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001131
Book TitlePrameyratnamala
Original Sutra AuthorShrimallaghu Anantvirya
AuthorRameshchandra Jain
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1992
Total Pages280
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Nyay
File Size17 MB
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