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________________ Jain Education International क्र. अभिलेख मूल स्थान की पंक्ति वेद अध्ययन की शाखा गोत्र प्रवर. पिता पितामह दान प्राप्तकर्ता ब्राह्मण का नाम प्राप्त भाग मांधाता अभिलेख १३. ४१-४२ मथुरा स्थान आश्वलायन काश्यप च. गदाधर शर्मा १४. ४३-४४ भार्गव च. गर्भेश्वर शर्मा १५. ४४-४६ काश्यप च. लोहट शर्मा " १ गौतम च. पुरुषोत्तम शर्मा १ १६. ४६-४७ डिम्डवानक शांखायन स्थान १७. ४७-४९ मुतावथू स्थान माध्यंदिन - काश्यप द्वि. गदाधर शर्मा For Private & Personal Use Only काश्यप वत्सार च. समुद्धर च. देवधर नैध्रुव भार्गव वैतहव्य च. पवित्र च. धरणीधर सावेतस काश्यप वत्सार च. समुद्धर च. देवधर नैध्रुव गौतम आंगिरस च. धरणीधर च. ब्रह्म औतत्थ्य काश्यप वत्सार द्वि. गोविन्द द्वि. वासधर नैध्रुव दी. गंगाधर दी. केशव गौतम आंगिरस पं. मदन प. कन्हड़ औतत्थ्य भार्गव च्यावन त्रि. जनार्दन त्रि. नरसिंह आप्नुवान और्व जामदग्न्य आंगिरस भर..स अग्नि. छीतू अग्नि. धरणीधर मुद्गल शांडिल्य अशित याग्नि. नागदेव याग्नि. कृष्ण देवल - ४९-५० १९. ५०-५२ महावन स्थान कौथुम (?) उदै शर्मा पं. कुलधर शर्मा गौतम १ २०. ५२-५३ टकारी स्थान वत्स आव. अभिनन्द शर्मा १ २१. ५३-५५ मध्यदेश माध्यंदिन मुद्गल अग्नि. अनन्त शर्मा १ २२. ५५-५६ , , शांडिल्य याग्नि. स्थानेश्वर १ www.jainelibrary.org
SR No.001130
Book TitleParmaras Abhilekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarchand Mittal, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1979
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Society
File Size9 MB
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