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सिद्धहेमचन्द्राभिधशब्दानुशासने जसि ॥ एइ ति घोडा एह थलि एई ति' निसिआ खग्ग।
___ एत्थु मुणीसिम जाणिअइ जो नवि वालइ वग्ग ॥ ४ ॥ एवं विभक्त्यन्तरेष्वप्युदाहार्यम् ॥
स्थमोरस्योत् ॥ ३३१ ॥ अपभ्रंशे' अकारस्य स्यमोः परयोः उकारो भवति ॥
दहमुहु भुवण-भयंकर तोसिअ-संकर णिग्गउ रह-वरि चडिअउ । चउमुहु"छंमुहु" झाइवि एकहि लाइविणावइ“दइवें घडिअउ॥१॥
सौ पुंस्योद्वा ॥ ३३२ ॥ अपभ्रंशे पुल्लिंगे वर्तमानस्य" नाम्नोऽकारस्य सौ परे ओकारो" वा भवति । . अगलिअ-नेह - निवट्टाह" जोअण - लक्खु वि जाउ। .
वरिस -सएण' वि जो मिलइ सहि सोक्खह सो ठाउ"॥ १॥ पुंसीति किम् ।
अंगहि अंगु न मिलिउ हलि अहरें अहरु न पत्तु । पिअ जोअंतिहे मुह - कमलु" एम्वइ सुरउ समतु ॥ २ ॥
एट्टि ॥ ३३३॥ अपभ्रंशे अकारस्य टायामेकारो" भवति ॥
जे महु दिण्णा दिअहडा दइएं पवसंतेण । ताण गणंतिए अंगुलिउ जजरिआउ नहेण ॥१॥
1 से D. 2 एअ A. 3 एत्य AC. 4 जे T. 5 णवि T. 6 विभक्त्यंतरेष्वपि उदाहार्य A. 7 अपभ्रंसे C. 8 दहमुह BS. 9 भअंकरु T. 10 निग्गउ P. 11 चउमुहुँ B: 12 छम्मुहुं B. 13 एकाहिं A, इक्वहिं B, एक्कहिँ T. 14 णाइ A, नावइ P. 15 वर्तमानस्य BC. 16 उकारो A, उकारो BC. 17 निवह BC. 18 सएणिवि A. 19 सोक्खह A, सोक्खहँ V. 20 T transp. as सो सोक्खहं. 21 ठाउं C. 22 अंगिहिं A, अंगेहिं B. 23 मेलिउ A, मिलिअउ P, मिलिउँ T. 24 अहरिं C, अहरॆ v. 25 अहर A. 26 पत्त A. 27 °कमलं A, कवेलु T. 28 एमइ T. 29 समस्त A. 30 ऽकारस्य ABP. 31 टायां एकारो D. 32 दिन्ना AB.33 दइएँ V. 34 पवसंतेणं B, पवसन्तेण TV. 35 गणंतिहे A, गणन्तिऍ TV. 36 अङ्कुलिउ V. 37 जजरियाउ A.
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