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________________ पुरुषार्थसिद्धय पाय ] [ ४१६ उस अंशमे इस आत्माके कर्मबंध नहीं है [ तु ] और [ येन अंशेन रागः ] जिस अंशसे इसके राग है [ तेन अंशेन अस्य बंधनं भवति ] उस अंश से इसके कर्मबंध होता है। [येन अंशेन. चरित्रं ] जिस अंश से चरित्र है [ तेन अंशेन बस्य बंधनं नास्ति ] उस अंश से इस आत्माके कर्मबंध नहीं है [ तु] और [ येन अंशेन रागः ] जिस अंशसे इसके राग भाव है [ तेन अंशेन अस्य बंधनं भवति ) उस अंशसे इसके कर्मबंध होता है । विशेषार्थ. आत्मा अनंत गुणों का पिंड है, आठकर्मोने आत्मा के भिन्न गुणों को आच्छादित कर रक्खा है । जितने अंश जो कर्म आत्मा से पृथक हो जाता है अथवा उपशम रूप से बैठ जाता है उसी अंश में आत्मा का गुण प्रगट हो जाता है । जहाँ पर समस्त कमों का आत्मासे पृथक्करण हो जाता है वहाँ आत्मा सर्वथा विशुद्ध बन जाता है वहीं उसका मोक्ष है। इससे यह बात सिद्ध हो जाती है कि गुणों की पूर्ण प्रगटता आत्मा का पूर्ण मोक्ष अथवा पूर्ण संसारनाश है और उन गुणों की एकदेश प्रगटता आत्मा की एकदेश मोक्ष अथवा एकदेश संसारच्छेद है । गुणों का प्रगट होना संसारच्छेद अथवा मोक्षप्राप्तिका ही नियम के कारण कभी किसी अपेक्षासे नहीं हो सकता । अन्यथा यदि एकदेश गुणों की प्रगटता एकदेश कर्मबंधका कारण होगी तो उनकी सर्वथा पूर्णरूप से कर्मबंधका कारण होना चाहिये। वैसी अवस्था में सिद्धों के पूर्ण कर्मबंध होना चाहिये, सो नहीं होता, किंतु जिसके जितना अधिक रागभाव है उसी के अधिक कर्मबंध होता है । जिसके रागभाव की मात्रा कुछ कम है उसके कर्मबंध भी कम होता है जैसे योगीजन बहुत अंशों में कषायभावों को नष्ट कर देते हैं इसलिये उनके कर्म का भार भी बहुत हल्का हो जाता है, उसीका फल उनके अवधिज्ञान, मनःपर्ययज्ञान आदि समुन्नत गुणों को बृद्धि पाया जाता है । इससे यह वात भलीभाँति सिद्ध है कि इस जीव के जितने अंशमें राग भाव है उतने ही अंशमें कर्मबंध है अर्थात् रागादि अशुद्ध परिणाम ही कर्मवंधका हेतु है । आत्मा के निजीगुण कर्मवंधके कारण नहीं हो सकते । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001104
Book TitlePurusharthsiddhyupay Hindi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1995
Total Pages460
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size11 MB
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