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________________ ३८४] पुरुषार्थसिद्धयुपाय] नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काल । चतुर्विशति भगवानके एक हजार आठ नामोंका उच्चारण करके उनका जो स्तवन किया जाता है वह नामस्तवकहलाता है । जैसे आप श्रीमान् हैं, आप स्वयंभू हैं,वृषभ हैं, आत्मभू हैं, प्रभु हैं, विश्वभू हैं, धर्मपाल हैं, जगत्पाल हैं, धर्म साम्राज्यनायक हैं आदि ।जो चतुर्विशति भगवानकी स्थापना करके उनकी आराधना की जाती है वह स्थापना स्तवन है । जैसे- आपका रूप शुक्ल है, सुवर्ण है, आपकी शरीर की ऊंचाई पांचसौ धनुष या सात हाथ है, आपका आकार परम सुदर है, आप चंपापुरमें विराजमान हैं, आदि रूपसे जो कृत्रिम- अकृत्रिम प्रतिमाओंका स्तवन होता है वह स्थापनास्तव है । द्रव्यस्तवनमें इसप्रकार है-हे भगवन् ! आपके अनेक शुभलक्षण हैं, आपके शरीरके परमाणु स्वयं मुक्तावस्थामें छूट जाते हैं, आपके बैल, गज, अश्व, बंदर आदि चिन्ह हैं, आपको कभी पसीना नहीं आता, आपके गवनकालमें चारोंओर सुभिक्ष हो जाता है, आपके वर्ण शुभ हैं, किन्हींके शुक्लवर्ण है, किन्होंके हरितवर्ण है, किन्हींके नीलकमलके समान हैं आदि । आपकी ऊंचाई भिन्न भिन्न रूपसे है । पांचसौ धनुषसे लेकर सात हाथ तक है । आपके वंश-इक्ष्वाकु, कुरु, उग्र, नाथ, हरि आदि हैं । आपकी माताको षोडश स्वप्न आते हैं, वे स्वप्न में माला, निधूम अग्नि, सिंहासन आदि देखती हैं । आपकी कांतिसे सब दिशाएं उज्वल हो जाती हैं । आपने न्यग्रोध अशोक आदि वृक्षोंके नीचे योग धारण किया था । इत्यादि रूपसे जो भगवानका स्तवन किया जाता है वह द्रव्यस्तवन है। चौबीसों महाराजके क्षेत्रका वर्णन करना जहां उन्होंने निवास एवं दीक्षा धारण की हो उनका वर्णन करना क्षेत्रस्तवन कहलाता है, जैसे हे भगवन ! आपने सर्वार्थसिद्धिक्षेत्रसे श्रीमाताकी कुसिमें अवतरण किया है, आपने अयोध्या नगरीमें जन्म लिया है, आपने सहस्रवन दडकवनमें दीक्षा धारण की है, सुमेरुपर आपका अभिषेक इंद्रोंने किया है, आप को हस्तिनापुर एवं अहिच्छत्रमें केवलज्ञान हुआ है, आपने श्रीसम्मेदशिखर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001104
Book TitlePurusharthsiddhyupay Hindi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1995
Total Pages460
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size11 MB
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