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________________ पुरुषार्थसिद्धय पाय ] । २५७ wwwwwwwwwwwwrimmer.mmmmmm. .mmmmmmmmmmm विशेषार्थ-यहांपर यह शंका उठाई गयी थी कि यदि मूर्छा ही परिगृहका लक्षण किया जायेगा तो मूर्जा तो आत्माका विकाररूप मोहजनित भाव है, वाह्य धन धान्य रुपया सोना आदि कुछ भी परिग्रह नहीं कहा जायेगा । इस शंकाका आचार्यने इसी श्लोकमें उत्तर भी दे दिया है कि हां ! वाह्यपरिग्रह भी परिग्रह कहा जा सकता है क्योंकि वह मू में निमित्तकारण है, अर्थात् मूर्छारूप परिणाम बाह्यपरिग्रहके निमित्तसे ही होते हैं इसलिये उपचारसे उसे भी परिग्रह कहा जा सकता है । उपचाररूप कहनेका यही प्रयोजन है कि वास्तवमें तो परिग्रह व्यकियोंसे संबंध रखता है, बिना किसीका संबंध पाये हुये स्वतंत्र पड़ी हुई वस्तुको परिग्रह नहीं कहा जाता जैसे जंगलमें खड़ा हुआ पहाड़ या खड़े हुये वृक्ष आदि किसीके परिग्रह नहीं कहे जाते । यदि उस जंगलको कोई खरीद ले तो उसी दिनसे वह उसका स्वामी कहलाता है और वह जंगल उसका परिग्रह कहलाता है इसलिये वाह्यपरिग्रह तभी परिग्रह कहलाने योग्य है जबकि उसका किलो व्यकिले संबंध है क्योंकि परिग्रह नाम ग्रहण किये हुये पदार्थका है जो जिसने ग्रहण करलिया है अर्थात् जिसने जिस वस्तु को अपना मान लिया है उसका वही पदार्थ परिग्रह है इसलिये वास्तवमें तो जहां ममत्व परिणाम है वहां ही परिग्रह कहा जाता है, चाहे बाह्यपदार्थ उपस्थति हो या न हो अंतरंगमें पदार्थों की लालसा रखनेवाला अथवा वाह्यपदार्थों को छोड़नेपर भी उनमें ममत्व रखनेवाला परिग्रही है। परंतु उपचारसे वाद्यपदार्थको भी परित्रह कहा जाता है, उसके दो हेतु है, एक तो यह है कि वाह्यपदार्थ मूर्खाभावको उत्पन्न करता है, मू की उत्पत्तिमें निमित्तकारण है इसलिये निमित्तनैमित्तिक संबंध होनेसे निमित्त को भी नैमित्तिकरूप में कह दिया जाता है । दूसरा यह हेतु है कि वाह्यपरिग्रह कहलानेमें मूर्छा कारण पड़ी हुई है, ममत्वरूप परिणाम वाह्यपरि ग्रह में होता है, इसलिये मूर्खारूप कारण परिग्रहको वायपरिग्रहरूप Jain Education Inter Ronal For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001104
Book TitlePurusharthsiddhyupay Hindi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1995
Total Pages460
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size11 MB
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