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तिअनाण दुदंसाइमदुगे अजइ देसि नाणदंसणतिगं ॥ ते मीसि मीसा समणा जयाइ केवलदुगंतदुगे ॥ ४८ ॥ सासणभावे नाणं विउव्वाहारगे उरलमिस्सं । नेगिंदिसु सासाणो, नेहाहिगयं सुयमयं पि ॥ ४९ ॥ छसु सव्वा तेउतिगं, इगि छसु सुक्का अजोगि अल्लेसा । बंधस्स मिच्छ अविरइ, कसाय जोग त्ति चउ हेऊ ॥ ५० ॥ अभिगहियमणभिगहिया-भिनिवेसियसंसइयमणाभोगं । पण मिच्छ बार अविरइ, मणकरणानियमु छजियवहो ॥ ५१ ॥ नव सोल कसाया पनर, जोग इय उत्तरा उ सगवन्ना । इग चउ पण तिगुणेसु, चउतिदुगपच्चओ बंधो ॥ ५२ ॥ चउ मिच्छ मिच्छअविरइ-पच्चइया साय सोल पणतीसा । जोग विणु तिपच्चइया - हारगजिणवज्ज सेसाओ ॥ ५३ ॥ पणपन्न पन्ना तिअछहिअ - चत्तगुणचत्त छचउदुगवीसा । सोलस दस नव नव सत्त हेउणो न उ अजोगिंमि ॥ ५४ ॥ पणपन्न मिच्छिहारग दुगूण सासाणि पन्न मिच्छिविणा । मीसगकम्मअण विणु तिचत्त मीसे अह छचत्ता ॥ ५५ ॥ सदुमिस्सकम्म अजए, अविरइकम्मुरलमीसबिकसाए । मुत्तु गुणचत्त देसे, छवीस साहारदु पमत्ते ॥ ५६ ॥ अविरइ इगार तिकसाय, वज्ज अपमत्ति मीसदुगरहिआ। चवीस अपुव्वे पुण, दुवीस अविउव्वियाहारे ॥ ५७ ॥ अछहास सोल बायरि, सुहुमे दस वेअसंजलणति विणा । खीणुवसंति अलोभा, सजोगि पुव्वुत्त सग जोगा ॥ ५८ ॥ अपमत्तंता सत्तट्ठ, मीस अपुव्व बायरा सत्त । बंधइ छस्सुमो एगमुवरिमा बंधगाजोगी ॥ ५९ ॥
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