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त्रि. (अ.) (मध्यमकास्यभेद) १५७, (गुण) दशरूपक (वि.) १०५. ___ २७४, (प्रकृति) ४०६; (वि.)| दशावस्थ-काम (वि.) ९१. - (लवणसमुद) १८०.
| दशेरक (वि.) १८३. त्रिकमट (अ.) ४३८.
दाक्षिणात्य (वि.) १८५. त्रिपुररिपु (वि.) १६४.
दाक्ष्य (अ.) ४०६, ४०७. त्रिरूपा-भक्ति (वि.) २७१.
दाण्डाजिनिक (अ.) ३४५; (वि.) ३४५. त्रिलोप (अ.) ३४५.
दाशरथि (अ.) ६४, ८६. त्रिवर्गसंपत्ति (वि.) १२३.
दास (अ.) ४३६, (वि.) ४३६. त्रिवर्षगिरि (वि.) १८१.
दान-वीर (अ.) ११७, ११८... त्रिविध (विषय) (अ.) ३३६. दान (अ) १२०, ४०९; (वि) १२०. त्रिशिरस् (वि.) ४५९.
| दिलोप (वि.) ४५९. व्यंक (अ.) ४३८.
दिवसवर्णन (वि.) ४५८. दक्षिण (नायक) (अ.) ४१०, ४१२ दिवस्पृथिवी (वि) १७९. (लक्षण).
दिव्यपातालीया (प्रकृति) (अ.) १७४, . दक्षिण-उत्तर (वि.) १८५.
(वि.) १७५. दक्षिणपाद (वि.) १८३.
दिव्यमर्त्यपातालीया (प्रकृति) (अ.) १७४, . दक्षिणवायु (वि.) १९४.
(वि.) १७६. दक्षिण-समुद्र (वि.) १८१.
दियमानुषी-प्रकृति .(अ.) १७३; (वि.) दक्षिणा (वि.) १८४.
१७४. दक्षिणादिनायकभेद (चतुधा) (अ) ४१०. दिव्या-प्रकृति (अ.) १७३; (वि.) १७३. दक्षिणापथ (वि.) १८२.
दिश् (अष्टन् ) (वि.) १८४. दक्षिणायन (वि.) १८७.
दीनसंचरण (अ.) ११. दण्ड (वि.) ३९९.
दीपक (अ.) ३५५ (लक्षण), ३५८, दण्डक (वि.) १८..
४००; (वि.) ३३७, ३५६, ३५७. दन्तोष्टपीडन (अ.) ११६..
दीपन (वि.) ३३५, ३३६. दम्भ (अ.) १२९.
दीप्त (वि.) (रस) २८७, (स्वर) ३३५. दयालक्षण-अभ्युत्साह (वि.) १२३. दीप्ति (अ.) २९०, ४२८ (श्रीदर्दुर (वि.) १८२.
अयत्नज-अलंकार ), ४२९ (लक्षण), दर्व (वि.) ३३५.
४३०. दर्शन (अ.) . ३२, (वि.) ३५३, ३८४. दीर्घसमास (अ.) २९०, २९१, २९३; दशन् (गुण) (म.) २५४.
(वि.) २९३, २९४. दशरथ (वि.) ४५९.
| दुःख (वि.) १०१.
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