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नालस्य प्रसरो (वि.) ५३४, ३३०. | निःशेषच्युत (अ.) २७, ५९. नालिङ्गितः कुरबकः (वि.) ३००, १९३. .
[अ. श. १०५] नाश्चर्य यदि (वि.) ४८, १७. | निःश्वासा वदनं (अ.) ७१४, ४१९. नासतो विद्यते (वि.) १७, १०.
[अ. श. 'लो. ९२] [भ. गी. अ. २. लो. १६ ] | निष्कन्दामरविन्दिनी (अ.) ५६४, ३६६.. नांष्ट्रा त्वाष्ट्रारि (वि.) ५२७, ३२४. । निहुयरमणम्मि (अ.) १८७, १६१. नियदइय (अ.) १९, ५५. नीलाश्मरश्मिपटलानि (वि.) १२९, ३६; [स. श. ९५७ ]
७५०, २४०. निग्गडदुरारोहं (अ.) ६६६, ४००.
| नीलेन्दीवर (अ.) ६३९, ३९१. निग्रहात्स्वसुर् (वि.) ३६६, २५१. नेत्ररिवोत्पलैः (अ) ५०१, ३४२.
[र. वं. स. १२, "लो. ५२] | नेय विरौति (अ.) ६२९, ३८८. निधनभिमुखः (अ.) ४९८, ३३९. [भामहालंकार परि ३. लो. १२] नितम्बगुवीं (अ.) ४३२, २९५. | न्यकारो अयमेव (वि.) ३९६, २५७. [र. वं. स. ७. लो. २५]
[ हनुमन्नाटक अं. १४ ] नितम्बो मन्दत्वं (अ.) ६९७, ४१५. न्यञ्चकञ्चित (अ.) १२. ४१. निद्रानिमीलितदृशो (अ.) १३०, १३२.
न्यस्ताक्षरा (वि.) ९०, २६. [सुभाषितावली ३२८० कलशकस्य]
[कु. सं. स. १. लो. ] निरवधि च (वि.) २१६, १८०. निर्घातोग्रैः कुञ्जलीनान् (अ.)२७५,२२३. | पो विशन्तु (अ.) १७६, १५७.
[र. व. स. ३. लो. ६४ ] | पच्यन्त इव (वि.) ३११, १९५. निर्णतुं शक्यः (अ.) ६३६, ३९०. पणयकुवियाण (अ.) १०५, ११२.
_ [का, द. परि. २. श्लो. २१८ ] / [गा. स. श. २७, स. श. २७] निद्रव्यो हियमेति (अ.) ६५८, ३९७. पतिते पतङ्गमृगराजि (अ.) ३११, २३४.
[ मृ. क. अ. १. लो. १४ ] [शि. व. स. ९. श्लो. १८] निर्माल्य नयनश्रियः (अ.) १६९, १५०. पत्तनिअम्ब (अ.) २४३, २१२. निर्माकमुक्तमिव (अ.) २२८, २०८. । [गा. स. ६-५५. स. श. ५५६ । निर्वाणवैरदहना: (अ.) ३०५, २३१,५८८, पत्युः शिरश्चन्द्रकलां (अ.) ७३२, ४२८.
४५०. [ वे. सं. अं. १ श्लो. ७ ] [कु. सं. स. ७, श्लो. १९.] निवेदितं निःश्वसितेन (अ) ५७, ६६. पदद्वयं कपालिनः (अ.) ४६२, ३०३.
[कु. सं. स. ५ श्लो. ४६] [”. ति. परि. ३. उदा. 'लो. ९] निधितासिरतो (वि.) ४८७, ३१०. | पन्थिय न एत्थ (अ.) ५९, ६७. [ कि. स. १५, लो. २२ ] |
[स. श. ८७९]
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