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________________ पञ्चमं परिशिष्टम् .. .. . पृष्ठ १८१ पसण्णा अयसा भरिट . सेतसुरा पृष्ठ २२१ -पसण्णा णिहिता मधुरक . भासव सुरा महु . पृष्ठ १६३ सुवण्णपट्ट वत्थ सुवण्णखसित कोसेज काललोहजालिक सकलदस भाविक बहियदस पत्तुण्ण ... छिण्णदस खोम विवाडित दुकुल्ल सिन्वित चीणपट्ट पावारक कप्पासिक कोतवक पट्ट उपिणक लोहजालिका . अत्थरक Hiwilliwatt motto पृष्ठ ६४ . पुंअच्छादण पडसाडग खोमदुगल्लग चीणंसुग चीणपट्ट पावार जगल जयकालिका ... रस ... चंदणरस मधुरसरक पृष्ठ २५८ पृष्ठ २३२ . तेलवपिणकरस अरि? कालेयकरस अट्ठकालिका बहुपिढ़िया गुग्गुलविगत सहकाररस आसवासव पक्खा सजलस मातुलुंगरस जातिकसण्णा इक्कास करमंदरस अरिट्ठा सिरिवेट्टक सालफलरस (१७) वस्त्रविभाग वधुवत्थ मेचक भाविक बालमुंडिका . मतकवस्थ जातिपट्टणुग्गत अविकपत्सुण्ण बालव्वयणी विलात. पट्टिक अजीणपट्ट अजिणगकंचुका आतवितक वट्टण अजीणप्पवेणी चम्मसाडी ओमहित सीसेकरण चम्मसाडी पृ० २३२ पृ० १६४ उत्तरिज वालवीर खोमक सेवालक अंतरिज .. पृ० २३० मयूरग्गीव पञ्चत्थरण सजीवक जम्गिक करेणूयक . विताणक पत्तुण्ण कप्पासिकपुप्फक परिसरणक अजीणप्पवेणी चीणपट्ट पउमरत्तक पृ० २२१ अजीणकंबल वागपट्ट मणोसिलक कोसेजक बालसाडी कप्पासिक (१८) आच्छादनविभाग कप्पास थीअच्छादण लेखा सण्हा कंचुक पउण्णा बाउकाणी .... थूला वेलविका पएणी वारवाण सुवुता वण्णा परत्तिका विताणक दुम्वुत्ता सोमित्तिकी माहिसिका पच्छत अप्पग्घा अद्धकोसिज्जिका सण्णाहपट्टक पसरादी जामिलिका महग्या मल्लसाडग पिगाणा थीअच्छादणए- अहता पृष्ठ ७१ दियवंतरा कार्थक धोतिका (१९) भूषण-आभरण-अलंकारविभाग कुरबक हत्थखड्डग पापढक कण्णकोवग अणंत सोवण्णसुत्तग पादखडुयग कण्णपील तिगिच्छिग . परमासक . कण्णपूरक हत्थभंडक हिदयत्ताणक पादकलावग कण्णखीलक कंकण सस्थिक सरजालक कण्णलोडक वेढक सिरिवच्छ बाहुजालक अटुमंगलक ऊरुजालक तलभ सोणिसुत्त पादजालक कंग फलहारक रयणकलावग अक्खक परिहेरग वेकच्छग गंडूपक पुस्सकोकिलक आवेढग गेवेज खत्तियधम्मक . कंचीकलावक . वलयग णीपुरग... हसुडोलक हत्थकलावग कडक । अंगजक साडक सेदसाड कोसेयपारय कंबलक उत्तरिज अंतरिज उस्सीस वेधण इल्ली धात सुत्तक पृष्ठ ६४-६५ . झंकक पुंजातीयभूसण कडग तिरीड णिडालमासक तिलक विसेसक हार 'भवंग अद्वहार सीहभंडक मलकपरिक्खेव मत्थककंटक गरुलक मगरक उसभक सीउक हत्यिक चक्ककमिहुणग मस्थग तलपत्तक दक्खाणक कट्ठ : Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001065
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year1957
Total Pages487
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size15 MB
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