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________________ पलाल तंबाराग - लेझचुण्ण भोजन पृष्ठ २२० पप्पड दधि तक . मंस पायस कसरि छुपगत णवणीत कुचिया मामधित गुलदधि रसालादहि मथु परमण्ण दधिताव तक्कोदण अतिकूरक मंस रुधिर वसा बीहि कंगु गुल अंगविजामध्यगतानां विशिष्टवस्तुनाम्नां विभागशः सङ्ग्रहः पाणजोणिगत "., ' फलरस . 'कसाय पाणजोणिमयभायण- सोवच्चिका मूलजोणिगत धण्णरस अंबिल भोयण , पिप्पली . धातुजोणिगत अग्गगत. धातुजोणिमयभायण- खारलवण पाणजोणिगत पत्तगत लवण भोयण वहभोयण पुप्फगत पृष्ठ १७९ मूलजोणिमयभायण- मोदक दधि फलगत विस्सोदण भोयण पेंडिक णवणीत जवागू अतिकूरक पुष्फगत तक दुद्धजवागू पत्तेगपुप्फ गुलकूरक मोरिंडक घत घयजवागू घतकूरक गुलुकपुप्फ सालाकालिक विलेपि तेल्लजवागू मंजरीपुष्फ अंबट्टिक वसा अंबिल्लजवागू फलगत वित्थडभोयण मधु उण्हियजवागू रुक्खगत पोवलिक संखयआहार दधिताव ओसधजवागू गुम्मगत वोक्कितक असंखयाहार तक्कुलि वल्लीगत आलुक पोवलक सोतगुल कसेरुक अंबेल्लि पप्पड सकरा सिंघाडक अंबिलक पृष्ठ १७८ सकलिका भग्गेयाहार पालीक भिस सालि अणग्गेयाहार पक्खिमंस भिसमुणाल .... कोइव फेणक परिसप्पमंस चाय पृष्ठ १७७ अक्खपूप. मूलजोणिगत चतुप्पदमंस मच्छंडिका अपडिहत सिंगिचतुष्पदमंस मूलगत पवितल्लक रालक खंधगत असिंगिचतुप्पदमंस खजगगुल वेलातिक वरक अग्गगत इक्कास पृष्ठ १८० सामाग पत्तभज्जित कंदगत अहमंस पृष्ठ १८२ उल्लोपिक तिल तप्पणा तजगत सुक्कमंस सिद्धस्थिका उस्सयभोयण बदरचुण्ण णिज्जासगत बीयक मुग्ग मतकभोयण विक्कस णिज्जासगत उक्कारिका चणक सडकभोयण कलायभजिया सिरिविटकसह . मंडिल्लका कलाव दासीभोयण मुग्गभजिया दीहभोयण लता णिप्फाव बालोपणयणभोयण जवभज्जिया दीहसक्कुलिका सल्लकि मसुर देवताभोयण गोधुमभज्जिया खारवट्टिक कास कुलस्थ मंतगहणभोयण सालिभजिया खोडक सोणिय मंतसमावणभोयण तिलभजिया दीवालिक पूक यव विजागहणभोयण अणग्गेयलवण दसिरिका लसिया गोधूम विज्जासमत्तिभोयण सामुद्द भिसकंटक जवागू कुसुंभ अभिणवभोयण सेंधव .. मत्थतक उच्छुरस सासव सीतभोयण सोवञ्चल लेज्झभोयण गोलोय अतसी भिक्खोदण पंसुक्खार फाणित पत्तरस मधुर असामण्णभोयण , अग्गेयलवण ककब पुफ्फरस तित्त सहभोयण जवखार तिलक्खली (१६) पेयविभाग पृष्ठ ६४ भरि गोधसालक खलक दधि पुंपेय . भासव पाणक . पाणीय पय अपकरस रस गुल पक्करस ‘णवणीत कुसण मास कोलत्थ तंबलिक साकरस थूणिकाखल अंबिल उपसेक पृष्ठ २४६ दुबुण्डिका दधिताव अंबेल्लि. विलेपिका ककरपिंडग गंगावत्तग चुक्तिक वप्पडी अंबटिंग घतउण्ह पोवलिका तुवरि मेरक खीर घित तेल फाणित मधु Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001065
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year1957
Total Pages487
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size15 MB
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