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________________ अंगविचापाइएणयं १०६७-७२ १०७३-९५ १०९६-११२७ ९७-९८ ११२८-४८ ११४९-७४ ९९-१०० ११७५.८० १०० (३३) दो मध्यमानन्तर जघन्य साधारण हो मध्यमानन्तर जवन्य साधारण अंगों के नाम, स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक (३३) दस बालेप दस बालेय अंगोंके नाम, स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक १०८६-८९ इन पोंमें मनुष्यके संस्कारोत्सयों के नाम है (३४) चौदह यौवनस्थ चौदह यौवनस्य अंगोंके नाम, स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक (३५ ) चौदह मध्यमवयस्क चौदह मध्यमवयःस्थ अंगोंके नाम, स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक (३६) बीस महावयस्क बीस महावयःस्थ अंगोंके नाम, उनके स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक (३७-३९) वयः साधारण ३७ दो बाल यौवनस्य साधारण, ३८ दो यौवनस्थ मध्यमवय साधारण, ३९ दो मध्यमवय महावय साधारण अंगों के नाम और फलादेशका अतिदेश (४०) बीस ब्रह्मय बीस ब्रह्मेय अंगों के नाम, कलादेश और एकार्थक (४१) चौदह क्षत्रेय चौदह क्षत्रिय अंगोंके नाम, फलादेश और समाना क (४२) चौदह वैश्येय चौदह वैश्य अंगोंके नाम, फलादेश और समानार्थक (४३) दस शूद्रेय दस शूद्र अंगोंके नाम, फलादेश और एकार्थक (४४-४६) चतुर्वर्णविधान (४७.५३ ) आयुःप्रमाणनिर्देश पटल (५४ ) बहत्तर शुक्लवर्णप्रतिभोग बहत्तर शुक्लवर्ण प्रतिभोग अंगोंके नाम, स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक १९८१-९३ ११९४-९९ १२००-५ १०१-२ १३०६-११ १०२ १२१२-४१ १०२-१ १२४२-४५ १०४ १२४६-७१ १०४ Jain Education Intemational Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001065
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year1957
Total Pages487
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size15 MB
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