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अंगविज्जापइण्णयं
[ पणुवीसइमं पडलं ]
देवा तु पणामेण मुहुत्ता वंदितेण दिवसा तु । अभिसंधुतीय पक्खा ओवयित - णमंसिते मासा ॥ १ ॥ धूमो चुणेसु कतो त्ति मुहुत्ता मुक्कपुप्फयो दिवसा । कंठेगुणेसु पक्खा मासा तु समिद्धजोगेसु ॥ २ ॥ लाभस तु धुवारे एवं कालो तु एस बोधव्वो । दुक्खस्स उ आगमणे पडिलोमो एस बोधव्त्रो ॥ ३ ॥ अम्मा- पितीसु मासा पक्खा तु भवंति मातुत्रग्गम्मि । पुत्तेसु होंति दिवसा अप्पसरीरम्मि य मुहुत्ता ॥ ४ ॥ अप्पत्थम्मि मुहुत्ता पुत्तत्थम्मि दिवसे बियाणेज्जो । मित्तत्थम्मि य पक्खा मासा य महाजणत्थम्मि ॥ ५ ॥ रायत्थोत्तमुत्ता महतरकत्थो ति दिवसमो जाणे । णिगमत्था वि य पक्खामासा य भवे जणपदत्थे ॥ ६ ॥ या तिता महतरकाणं ति दिवसमो जाणे । णिगमाणं ति य पक्खा मासा गामस्स आणं ती ॥ ७ ॥ सेट्ठिपसादे मुहुत्ता दिवसा जाण पगतीपसादम्मि । 4 मंतिर्पसादे पक्खा मासा रायप्पसादम्मि || ८ ॥ इंग्गित मुहुत्ता पणग्गत्ति दिवसा विधीयते । उदरग्गित्ति य पक्खा मासा आदिश्चमग्गि ति ॥ ९ ॥ विज्जुपतणे मुहुत्ता अग्गिणिपाते य दिवसमो जाणे । सूरणिपाते पक्खा मासा वुट्ठीणिपातमि ॥ १० ॥ चोरुपरोधे मुहुत्ता वासुवरोघेण दिवसमो जाणे । मित्तुवरोधे पक्खा मासा रातोवरोधम्मि ॥ ११ ॥ समतिच्छिए मुहुत्ता थितम्मि दिवसा उवेक्खते पक्खा । मासा य णिवण्णम्मि तु वासा य भवे पसुत्तम्मि ॥१२॥ संपत्थितो त्ति मासा अद्धपधं आगतो त्ति पक्खा तु । एकवसधि त्ति - दिवसा अतीति ऐते त्ति य मुहुत्ता ॥१३॥ परभजाति मुहुत्ता दिवसा पणितमहिल त्ति णातव्या । मित्तमिधुणं व पक्खा मासा य सकासु पत्ती ॥१४॥ अंतो बारमुहुत्ता दिवसा अभितरे उवट्ठाणे । पक्खा य आतिकासु तु मासा पुण अंगणे होंति ॥ १५ ॥ अंतोनिवेसणे होंति मुहुत्ता कोट्ठके तधा दिवसा । उव्वरकम्मि य पक्खा मासा य भवे पडिहारे ॥ १६ ॥ सारीमुद्देसु तु दिवसा मुहुत्ता णिवेसणस्स दारम्मि । सारीसु होंति पक्खा मासा पुण रायमग्गम्मि ॥ १७ ॥ अंतोपुरे मुहुत्ता अंतोगरे य दिवसमो बूया । बाहिरकायं पक्खा मासा गामंतरगयम्मि ॥ १८ ॥
सीमागते मुहुत्ता दिवसट्ठाणम्मि दिवसमो जाणे । पक्खा पक्खट्ठाणे मासा पुण दिवसमट्ठाणे ॥ १९ ॥ मंडवको ति मुहुत्ता दिवसा उदयभंडघरकेसु । तणसालासु य पक्खा मासा य घरे समालम्मि ॥ २० ॥ रायगिहे तु मासा पक्खा तेमग्गिहेसु णातव्वा । कारुगगिहेसु दिवसा पधिकणिलयेसु तु मुहुत्ता ॥ २१ ॥ खंधारो त्ति मुहुत्ता दिवसा गामेसु होंति णातव्वा । खेडेसु होंति पक्खा मासा णगरेसु णातव्वा ॥ २२ ॥ सव्वेसु किच्छवित्तिसु मुहुत्ता कारुगेसु दिवसा तु । पक्खा वडपासेसु तु मासा सामाइयजणम्मि ॥ २३ ॥ जण - छणपरिवहणेसु एत्थ वासाणि होंति मासा वा । णिश्चणिवासणगेसु तु दिवसा पक्खा व णातव्या ॥ २४ ॥ चक्खणिक त्ति मुहुत्ता थित घोट्टेति दिवसा विधीयते । भायणसुराय पक्खा मासा आपाणके होंति ॥ २५ ॥ पाणीयम्मि मुहुत्ता गुलपाणीयं परं च दिवसा तु । बहुपिट्ठीयं पक्खा जातिपसण्णा अरिट्ठे य ॥ २६ ॥ मज्जमयो त्ति मुहुत्ता इस्सरियमयेसु वासमो बूया । विज्जामयो त्ति पक्खा मासे जाणे कुलमयो त्ति ॥ २७ ॥ णीवारम्मि मुहुत्ता दिवसा कोहवउरालभत्तेसु । वीहीसु होंति पक्खा मासा सालीसु णातव्वा ॥ २८ ॥ अच्छंबिले मुहुत्ता दिवसा याकूसु होंति णातव्वा । पक्खा अंबेल्लि -विलेवियम्मि मासा य कूरम्मि ॥ २९ ॥ दुद्धे होंति मुहुत्ता दिवसा दधिकम्मि होंति णातव्वा । लवणरसम्मि य पक्खा मासा मधुरे रसे होंति ॥३०॥ भिक्खायं तु मुहुत्ता दिवसा पुण वट्टितो होंति । परिवेसणं ति पक्खा मासा भोजं ति णातव्वा ॥ ३१ ॥ दाणं पुप्फाणं होंति मुहुत्ता भत्तवतदाणके दिवसा । अच्छादणम्मि पक्खा मासा य हिरण्णदाणम्मि ॥ ३२ ॥
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एतच्चिह्नान्तर्गतमुत्तराधे हं० त० नास्ति ॥ २०
४ 'क्खा एम° ० त० ॥ ५° वट्टणे' हैं० त० विना ॥ ६ दाणं युवव्वेणं हं० त० ॥
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[पणुवीस
एतच्चिह्नान्तर्गतः पाठः ६० त० नास्ति ॥ ३ एएत्तिय हं० त० ॥
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