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________________ १०६ : भगवान् महावीर का जीवन] है कि जीवनी की पुरानी सामग्री का उपयोग करने में भी सारा जैन-सम्प्रदाय एकमत नहीं। ऐतिहासिक का प्रश्न वैसा नहीं है। उसे किसी फिरके से कोई खास नाता या बेनाता नहीं होता है । वह तटस्थ भाव से सारी जीवन-सामग्री का जीवनी लिखने में विवेकदृष्टि से उपयोग करता है। वह न तो किसी फिरके की खुशामद करता है और न किसी को नाराज करने की कोशिश करता है। चाहे कोई फिरका उसकी बात माने या न माने, वह अपनी बात विवेक, निष्पक्षता और निर्भयता से कहेगा व लिखेगा। इस तरह ऐतिहासिक का प्रयत्न सत्यमुखी और व्यापक बन जाता है । यही कारण है कि नवयुग उसी का आदर करता है। ___ अब हम संक्षेप में यह देखेंगे कि ऐतिहासिक दृष्टि से महावीरजीवन लिखने की क्या-क्या सामग्री है ? सामग्री के मुख्य तीन स्रोत हैं। साहित्यिक, भौगोलिक तथा परंपरागत आचार व जीवन । साहित्य में वैदिक, बौद्ध और जैन प्राचीन वाङ्मय का समावेश होता है। भौगोलिक में उपलब्ध वे ग्राम, नदी, नगर, पर्वत आदि प्रदेश हैं जिनका सम्बन्ध महावीर के जीवन में प्रसंग-प्रसंग पर आता है। परंपरा से प्राप्त वह आचार और जीवन भी जीवनी लिखने में उपयोगी हैं जिनका एक या दूसरे रूप से महावीर के जीवन तथा उपदेश के साथ एवं महावीर की पूर्व परंपरा और समकालीन परंपरा के साथ सम्बन्ध है, चाहे वह उस पुराने रूप में भले ही आज न हो और परिवर्तित एवं विकृत हो गया हो। ऐतिहासिक दृष्टि उक्त सामग्री के किसी भी अंश की उपेक्षा नहीं कर सकती और इसके अलावा भी कोई अन्य स्रोत मालूम हो जाय तो वह उसका भी स्वागत करेगी। ऊपर जिस सामग्री का निर्देश किया है, उसका उपयोग ऐतिहासिक दृष्टि से जीवनी लिखने में किस-किस तरह किया जा सकता है इस पर यहाँ थोड़े में प्रकाश डालना जरूरी है। किसी भी महान् पुरुष की जीवनी को जब हम पढ़ते हैं तब उसके लेखक बहुधा इष्ट पुरुषों की लोगों के मन पर पड़ी हुई महत्ता की छाप को कायम रखने और उसे और भी पुष्ट करने के लिए सामान्य जन-समाज में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001054
Book TitleChar Tirthankar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi, Shobhachad Bharilla, Bhavarmal Singhi, Sagarmal Jain, Dalsukh Malvania
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1989
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, History, & E000
File Size8 MB
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