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________________ प्रमेय-खण्ड धर्मास्तिकाय को द्रव्यदृष्टि से एक होने के कारण सर्वस्तोक कहा और उसी एक धर्मास्तिकाय को अपने ही से असंख्यात गुण भी कहा, क्योंकि द्रव्यदृष्टि के प्राधान्य से एक होते हुए भी प्रदेश के प्राधान्य से धर्मास्तिकाय असंख्यात भी है । यही बात अधर्मास्तिकाय को भी लागू की गई है । अर्थात् वह भी द्रव्यदृष्टि से एक और प्रदेशदृष्टि से असंख्यात है । आकाश द्रव्यदृष्टि से एक होते हुए भी अनन्त है, क्योंकि उसके प्रदेश अनंत हैं । संख्या में पुद्गल द्रव्य अल्प हैं, जबकि उनके प्रदेश असंख्यातगुण हैं । इस प्रकार हम देखते हैं कि जीव और अजीव दोनों में अपेक्षा भेद से एकत्व और अनेकत्व का समन्वय करने का स्पष्ट प्रयत्न भगवान् महावीर ने किया है । ८७ इस अनेकान्त में ब्रह्म-तत्त्व की ऐकान्तिक निरंशता और एकता तथा बौद्धों के समुदायवाद की ऐकान्तिक सांशता और अनेकता का समन्वय किया गया है, परन्तु उस जमाने में एक लोकायत मत ऐसा भी था जो सबको एक मानता था, जब कि दूसरा लोकायत मत सबको पृथक् मानता था । इन दोनों लोकायतों का समन्वय भी प्रस्तुत एकताअनेकता के अनेकान्तवाद में हो, तो कोई आश्चर्य नहीं । भगवान् बुद्ध ने उन दोनों लोकायतों का अस्वीकार किया है, तब भगवान् महावीर ने दोनों का समन्वय किया हो, तो यह स्वाभाविक है । परमाणु की नित्यानित्यता : सामान्यतया दार्शनिकों में परमाणु शब्द का अर्थ रूपरसादियुक्त परम अपकृष्ट द्रव्य -- जैसे पृथ्वीपरमाणु आदि लिया जाता है, जो कि जड़ - अजीव द्रव्य है । परन्तु परमाणु शब्द का अंतिम सूक्ष्मत्व मात्र अर्थ लेकर जैनागमों में परमाणु के चार भेद भगवान् महावीर ने बताए हैं"गोयमा, चउव्विहे परमाणू पत्र से तंजहा -१ दव्वपरमाणू २ खेतपरमाणू ३ कालपरमाणु ४ भावपरमाणू ।" भगवती २०.५. ➖➖➖➖➖➖➖ ७ " सव्वं एकसंति खो ब्राह्मण ततियं एतं लोकायतं । "सव्वं पुथुत्तं ति खो ब्राह्मण चतुत्थं एतं लोकायतं । एते ब्राह्मण उभो अन्ते अनुपगम्म मज्झेन तथागतो धम्मं देमेति । श्रविज्जापच्चया संखारा ......" संयुत्तनिकाय XII. 48. For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001049
Book TitleAgam Yugka Jaindarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Education, B000, & B999
File Size17 MB
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