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सुद्धिपत्तयं
पिटुस्स
पंतीए
सोहणीयं
प्पिणी
असुद्धं °ष्पिणी दिवेसेहिं जोवणाई
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दिवसेहिं जोयणाई
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२६-२७
संघाणा खंटि० विना॥ विसय का ति
संधाणा खंटि०॥ विसुव काति
७७
रातीय
रातीयं °णउत्तिं
अव०
°णउति अव पुणिमा
पुण्णिम
मड
मंड
वारस
जेट्टा
१०३ १०८ १०९
बारस जेहा सीए उ वि० मु०॥ अंगुल
सीए उ वि०॥ अंगल'
२२६ तमी २६७ तमीच गाथा मुद्रिते सवृत्तिके ज्योतिष्करण्डकप्रकीर्णके नास्ति॥
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