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३. पज्जंताराहणा 2070. कंसारियाइयाओ के वी चउरिदिया मए पाणा ।
दुक्खे ठविया खामेमि ते अहं सव्वभावेणं ॥ १४९॥ 2071. जलयर-थलयर-खहयर-उर-भयसप्पाण तिरिपणिंदीणं ।
सम्मुच्छिम-गन्माण य अहुणा काहामि खामणयं ॥१५॥ 2072. जलचरजीवे खामेमि जे हए मच्छ-कच्छभे गाहे ।
सुसुमार चक्क दद्दुर जलचर जलमाणसि य णेगे ॥ १५१॥ 2073. हरिण-हरि-वग्घ-चित्तय-संबर-गोरहर-सूयर-सियाले ।
सरभ-विग-रिंछ-रुज्झय-ससा य आरन्नए णेगे ॥१५२॥ 2074. गय-करह-तुरग-वसभा रासभ-गो-गावि-महिस-मेसे य ।
अय-एड-साणपमुहे विराहिए थलयरे खामे ॥ १५३॥ 2075. भारंड-मोर-कोइल-बलाह-जग-हंस-गिद्ध-पारेवा ।
सारस-कोसिय-वायस-होलाहिय-कुंच-डिंका य ॥१५४॥ 2076. जीवंजीव-कविंजल-चकोर-चग-चक्कवाय-वासा य ।
सबली लट्टा भयरव दुग्गा वहिया य सालहिया ॥१५५॥ 2077. कुक्कड-कुक्कडिइंडग-लावग-तित्तिरि-कवोय-सिंचाणे ।
एमाइ खयरजीवे खामेमि तिहा वि उद्दविए ॥१५६ ॥ 2078. तह मणुयलोयबाहिं समुग्गपक्खी य विययपक्खी य ।
हिंडंतेण भवम्मी विराहिया ते वि खामेमि ॥१५७॥ 2079. किन्हाहि-गोरसप्पा कंकाहिय पउमनागिणी पियणी।
गोणस-अइगरपमुहे उरसप्पे दमिए खामे ॥ १५८॥ 2080. नउला य कोलसंडा गोहाओ बंभणीओ खाडहिला।
घरकोयल-सरडाई भुयपरिसप्पे हए खामे ॥ १५९ ॥ 2081. इय अभिहयमाईहिं विराहियाणं तिरिक्खजीवाणं ।
विहियं मिच्छादुक्कडमह खामेमी नरे सव्वे ॥१६० ॥ 2032. सम्मुच्छिमा य गब्भय मणुया दुविहा समासओ तत्थ ।
अंतोमणुस्सखित्ते संखाऽसंखाउमणुयाणं ॥ १६१॥
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