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३. पज्जंताराहणा
1975. पक्खर - पल्ला - गुडा सन्नाहा गद्दि सिक्ख (? रक) वज्जंगी अंगरखी य झयाई काहल - नीसाण - दम्मामा ॥ ५४ ॥
1976. कुद्दाल-परस(सु) - कंकस -संडस - पाराह - कुसि - कुहाडीओ । कुंटी - अहिगरण- घणा विंजण - वसुल करवत्ता ॥ ५५ ॥ 1977. तह बिडिस- जाल - वग्गुर - भरवल- पासा वरत्त - अट्ठिला । इंजीर - नउल-संकल-हडिमाइ अणेगअहिगरणा ॥ ५६ ॥ 1978. विहिया इहन्नजम्मे, जे केई कारिया अणुमया य । ते सव्वे तिविहेणं भावेणं वोसिरे सम्मं ॥ ५७ ॥
1979. अन्नाणि जाणि काणि वि जिणआणाबाहिराणि विहियाणि । मिच्छत्तकारणाई तेर्सि मिच्छुक्कडं इण्हि ॥ ५८ ॥ दुःकृतगरिहादारं ॥
[गा. ५९ - १०६. एकारसमं सुकडाणुमोयणादारं ] सुकाणुमोयण त्ति
1980. जिण - सिद्ध-सूरि-उवझाय - मुणिगणे सड्ढ दंसणे सेसं । दाणं सीलं सुतवं सुगुणं सत्ताणमणुमो ॥ ५९ ॥ 1981. चउतीस बुद्धअइसय अट्ठ महापाडिहेर धम्मका । तित्थपवत्तणपभिई अणुमोएमी जिर्णिदाणं ॥ ६० ॥ 1982. सिद्धं तमणंताणि य वरदंसण - नाण- सुद्धचरियाणि । इगतीसं सिद्धगुणे अणुमन्ने सव्वसिद्धाणं ॥ ६१ ॥ 1983. पंचविहं आयारं, देस-कुलाईगुणे अ छत्तीसं ।
सिस्सस्स अत्थभासणपमुहं सूरीण अणुमोए ॥ ६२ ॥ 1984 अंगाण उवंगाणं पयन्नसुय - छेय-मूलगंथाणं ।
उवझायाणं अज्झावणाइ सव्वं समणुमन्ने ॥ ६३॥ 1985. समिई - गुत्ति - महव्वय-संजम - जइधम्म-गुरुकुलनिवासं । उज्जयविहारपमुहं अणुमोए समण - समणीणं ॥ ६४॥
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