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________________ 6 १७४ 'आराहणासार 'अवरणामा 1963. हरि - करि - करहा वसहा नरनिवहा जुवइ-दविण-गेहाइं । आभरण- वत्थुमाई अहिगरणकरा मए चत्ता ॥ ४२ ॥ 1964 तह गामा -ऽऽगर - नगरा -ऽऽसम-पट्टण - खेड - कब्बड - मडंबा | दो मुह- सन्निवेसा निगमा य सुरायहाणीओ ॥ ४३॥ 1965. अय- तंब - तउयं - सीसग - रययपमुह (?) नाणाविहाय आरामा । जे कय कारविया वि य इह - ऽन्नम्मे वि ते गरिहे ॥ ४४ ॥ 1966. खित्त- गुलवाड वाडी लोढा - सण- गुलियपवरखित्ताई ( 2 ) । धम्मत्थं तरुरोवणपमुहं गरिहामि तिविहेणं ॥ ४५ ॥ 1967. पव- सभ - कूव - सरोवर-सारणि-पुक्खरणि- टिंकुय - कुसिट्टा | अरहट्टा पावट्ट जे के वि कया च ते वि ॥ ४६ ॥ 1968. हल-दंताल-मईए घाणा घाणी य जंतिणि-घरट्टे । नी साहुखल -मुसले चुल्ही - चुल्हित्तए वि च ॥ ४७ ॥ 1969. पासाय- हट्ट-खट्टा-पट्टा सीहासणाई सिजाओ । चामर - मयूर - भद्दासणाई विविहाईं रच्छा (१म्मा ) ई ॥ ४८ ॥ 1970 सुक्खासणाणि वाहिणि रह-रहकल - सिज्जवालिया गंती । लंघी - विहिल्लिपमुहे जंते य चए तिहा सकए ॥ ४९ ॥ 1971. जलजत्ताए पवहण डूबी बेडा वही य कोटिंबे । खरकुयपमुह अणेगे चएमि तिविहेण अहिगरणे ॥ ५० ॥ 1972. पायार मार गोउर खाइय विज्जाहरी य तोरणया । ढिंकु लिय - जंत - सुयरी -सयग्विया - सिल्लभल्ला य ॥ ५१ ॥ 1973 तरवारि - कुंत - सव्वल - करतल- सबली य अद्धचंदा य । नाराय-गया-लउडी - मुग्गर - कट्टारिया - खग्गा ॥ ५२ ॥ 1974. भत्था-मत्थी-सिंगिणि-घणु-तोमर-रालि-वउलिय - कुँडाला । वारणि- फरी - फराओ ओडणपमुहा उ आवरणा ॥ ५३ ॥ १. यपमुह सीसग नाणा सं १ सं २ ॥ २. 'लाहासन' सं १ सं २ ॥ ३ त - मुयरी' सं १ ॥ ४ कुदाला सं १ सं २ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001045
Book TitlePainnay suttai Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1987
Total Pages427
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_anykaalin, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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