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२. आराहणापडाया 1474. जीवो बंभा, जीवम्मि चेव चरिया हविज जा जइणो।
तं जाण बंभचेरं विमुक्कपरदेहतत्तिस्स ॥ ५४२॥ 1475. वसहि१कहरनिसिजिं३दिय४कुटुंतर५पुव्वकीलिय६पणीए७।
अइमायाहार ८विभूसणा९ य नव बंभगुत्तीओ ॥ ५४३॥ 1476. कामकया इत्थिकया दोसा असुइत्त वुड्सेवा य।
संसग्गीदोसा वि य करित इत्थीसु वेरग्गं ॥ ५४४ ॥ 1477. जावइया किर दोसा इह-परलोए दुहावहा हुँति ।
आवहइ ते उ सव्वे मेहुणसण्णा मणूसस्स ॥ ५४५॥ 1478. सोयइ वेवइ तप्पइ, जंपइ कामाउरो असंबद्धं ।
रतिंदिया य निदं न लहइ, पज्झाइ विमणो य ॥ ५४६ ॥ 1479. पाणितलधरियगंडो बहुसो चिंतेइ किं पि दीणमुहो ।
कामुम्मत्तो अंधो अंतो डज्झइ य चिंताए ॥५४७॥ 1480. कामाउरो नरो उण कामिनंते जणे अलभते ।
मारइ अणत्थयं सो गिरि-जलण-जलेसु अप्पाणं ॥ ५४८॥ 1481. रइ-अरइतरलजीहाजुएण संकप्पउन्भडफडेणं ।
विसयबिलवासिणा मयमुहेण बिब्बोयरोसेण ॥ ५४९॥ 1482. कामभुयगेण दवा लज्जानिम्मोय-दप्पदाढेण ।
नासंति नरा अवसा दसहदुक्खावहविसेण ॥ ५५०॥ 1483. आसीविसेण दट्ठस्स हुँति वेगा नरस्स सत्तेव ।
कामभुयंगमदट्ठस्स हुंति वेया दस दुरंता ॥ ५५१ ॥ 1484. पढमे सोयइ वेगे, दटुं तं इच्छए बिइयवेगे।
नीससइ तइयवेगे, आरुहइ जरो चउत्थम्मि ॥ ५५२॥ 1485. डज्झइ पंचमवेगे अंगं, छठे न रोयए भत्तं ।
मुच्छिज्जइ सत्तमए, उम्मत्तो होइ अट्ठमए ॥ ५५३॥ . 1486. नवमे किं पि न याणइ, दसमे पाणेहिं मुच्चइ मयंधो ।
संकप्पवसेण पुणो वेगा तिव्वा य मंदा य ॥ ५५४ ॥
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