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________________ आचार्यश्री अभयदेवसूरिविरचितटीकासहिते स्थानाङ्गसूत्रे दो मालवंता, दो चित्त कूडा, दो पम्हकूडा, दो नलिणकूडा, दो एगसेला, दो तिकूडा, दो वेसमणकूडा, दो अंजणा, दो मातंजणा, दो सोमणसा, दो विज्जुप्पभा, दो अंकावती, दो पम्हावती, दो आसीविसा, सुहावहा, दो चंदपव्वता, दो सूरपव्वता, दो णागपव्वता, दो देवपव्वया, दो गंधमायणा, 5 दो उसुगारपव्वता, दो चुल्लहिमवतंकूडा, दो वेसमणकूडा, दो महाहिमवंतकूडः, दो वेरुलियकूडा, दो निसढकूडा, दो रुयगकूडा, दो नीलवंतकूडा, दो उवदंसणकूडा, दो रुप्पिकूडा, दो मणिकंचणकूडा, दो सिहरिकूडा, दो तिगिंच्छिकूडा, १३६ दो परमहा, दो पमद्दहवासिणीओ सिरीदेवीओ, दो महापउमद्दहा, 10 महापउमद्दहवासिणीओ हिरीओ देवीओ, एवं जाव दो पुंडरीयद्दहा, दो पुंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीओ देवीओ, दो गंगप्पवायद्दहा जाव दो रत्तावतिप्पवातद्दहा, दो रोहियाओ जाव दो रूप्पकूलाओ, दो गाहावतीओ १, दो दहवतीओ २, दो पंकवतीओ ३, दो तत्तजलाओ 15 ४, दो मत्तजलाओ ५, दो उम्मत्तजलाओ ६, दो खारोयाओ ७, सीहसोताओ ८, दो अंतोवाहिणीओ ९, दो उम्मिमालिणीओ १०, दो फेणमालिणीओ ११, दो गंभीरमालिणीओ १२, दो कच्छा १, दो सुकच्छा २, दो महाकच्छा ३, दो कच्छावती ४, दो आवत्ता ५, दो जंगलावत्ता ६, दो पुक्खला ७, दो पुक्खलावती ८, 20 दो वच्छा ९, दो सुवच्छा १०, दो महावच्छा ११, दो वच्छगावती १२, दो रम्मा १३, दो रम्मा १४, दो रमणिज्जा १५, दो मंगलावती १६, दो पहा १७, दो सुपम्हा १८, दो महापम्हा १९, दो पम्हगावती २०, दो संखा २१, दो णलिणा २२, दो कुमुया २३, दो सलिलावती २४, दो वप्पा २५, दो सुवप्पा २६, दो महावप्पा २७, दो वप्पगावती २८, दो वग्गू २९, १. नलिणी क० ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001027
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaydevsuri, Jambuvijay
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year2003
Total Pages828
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size39 MB
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