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आचार्यश्रीअभयदेवसूरिविरचितटीकासहिते स्थानाङ्गसूत्रे ___ एवं जीवतत्त्वस्य द्विपदावतारं निरूप्याजीवतत्त्वस्य तं निरूपयन्नाह- आगासेत्यादि। आकाशं व्योम, नोआकाशं तदन्यद् धर्मास्तिकायादि । धर्मः धर्मास्तिकायो गत्युपष्टम्भगुणः, तदन्योऽधर्मः अधर्मा स्तिकायः स्थित्युपष्टम्भगुणः । सविपक्षबन्धादितत्त्वसूत्राणि चत्वारि प्राग्वदिति । . 5 [सू० ५०] दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-जीवकिरिया चेव अजीवकिरिया चेव। जीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सम्मत्तकिरिया चेव मिच्छत्तकिरिया चेव । अजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-इरियावहिया चेव संपराइगा चेव ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ तंजहा-काइया चेव आधिकरणिया चेव । 10 काइया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-अणुवरयकायकिरिया चेव
दुप्पउत्तकायकिरिया चेव । आधिकरणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहासंजोयणाधिकरणिया चेव णिव्वत्तणाधिकरणिया चेव ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाओसिया चेव पारियावणिया चेव। पातो सिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवपाओसिया चेव 15 अजीवपाओसिया चेव । पारियावणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहासहत्थपारियावणिया चेव परहत्थपारियावणिया चेव ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाणातिवायकिरिया चेव अपच्चक्खाणकिरिया चेव । पाणातिवायकिरिया दविहा पन्नत्ता, तंजहासहत्थपाणातिवायकिरिया चेव परहत्थपाणातिवायकिरिया चेव । 20 अपच्चक्खाणकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव अजीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-आरंभिया चेव पारिग्गहिया चेव । आरंभिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवआरंभिया चेव अजीवआरंभिया
चेव । एवं पारिग्गहिया वि । 25 दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-मायावत्तिया चेव मिच्छादसणवत्तिया
चेव । मायावत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-आयभाववंकणता चेव
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