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सु० १२-२४] - झियायमाणेसु पदीव-अगारेसु जोइजलणनिदेसाइ झियाति १ गोयमा ! नो अगारे झियाति, नो कुड्डा झियाति, जाव नो छाणे झियाति, जोती झियाति । [सु. १४-२९. जीव-चउवीसदंडएसु एगत्त-पुहत्तेणं एग-बहुओरालिया
इपंचसरीरेहि किरियापरूषणा] १४. जीवे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए १ गोयमा ! ५ सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए, सिय अकिरिए।
१५. नेरइए णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए १ गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए।
१६. असुरकुमारे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए १ एवं चेव । १७. एवं जाव वेमाणिए, नवरं मणुस्से जहा जीवे (सु. १४)। १०
१८. जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कतिकिरिए १ गोयमा ! सिय तिकिरिए जाव सिय अकिरिए।
१९. नेरइए णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कतिकिरिए ? एवं एसो जहा पढमो दंडओ (सु. १५-१७) तहा इमो वि अपरिसेसो भाणियन्वो जाव वेमाणिए, नवरं मणुस्से जहा जीवे (सु. १८)।
२०. जीवा णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिया १ गोयमा ! सिय तिकिरिया जाव सिय अकिरिया।
२१. नेरइया णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिया ? एवं एसो वि जहा पढमो दंडओ (सु. १५-१७) तहा भाणियन्वो जाव वेमाणिया, नवरं मणुस्सा जहा जीवा (सु. २०)।
२० २२. जीवा णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कतिकिरिया १ गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि, अकिरिया वि।
२३. नेरइया णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि।
२४. एवं जाव वेमाणिया, नवरं मणुस्सा जहा जीवा (सु. २२)। २५ .. “औदारिकशरीरात् परकीयमौदारिकशरीरमाश्रित्य" अवृ०॥
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