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पण्डितप्रवर आशाधर विरचित
धर्मामृत (सागार)
[‘ज्ञानदीषिका' संस्कृत पलिका तथा हिन्दी टीका सहित ]
सम्पादन-अनुवाद
सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्द्र थाली
भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
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