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६९३
धर्मामृत ( अनगार) अपूर्व चैत्यदर्शन होनेपर क्रिया प्रयोगविधि ६६७ दस स्थितिकल्प
६८४ क्रियाविषयक तिथिनिर्णय
६६८ प्रतिमायोगसे स्थित मनिकी क्रियाविधि प्रतिक्रमण प्रयोग विधि
६६८ दीक्षाग्रहण और केशलोंचकी विधि श्रुतपंचमीके दिनकी क्रिया
६७२ दीक्षादानके बादकी क्रिया सिद्धान्त आदि वाचना सम्बन्धी क्रियाविधि ६७३ केशलोंचका काल
६९२ संन्यासमरणकी विधि
६७४ बाईस तीथंकरोंने सामायिकका भेदपर्वक कथन आष्टाह्निक क्रियाविधि ६७४ नहीं किया
६९३ अभिषेक वन्दना क्रिया
६७५ जिनलिंग धारणके योग्य कौन मंगलगोचर क्रियाविधि ६७५ केवल लिंगधारण निष्फल
६९५ वर्षायोग ग्रहण और त्यागकी विधि ६७५ लिंग सहित व्रतसे कषायविशुद्धि
६९५ वीर निर्वाणकी क्रियाविधि
६७६ भूमिशयनका विधान पंचकल्याणकके दिनोंकी क्रियाविधि
६७७ खड़े होकर भोजन करनेकी विधि और काल ६९६ मृत ऋषि आदिके शरीरकी क्रियाविधि ६७७ खड़े होकर भोजन करनेका कारण
६९८ जिनबिम्ब प्रतिष्ठाके समयकी क्रियाविधि
एकभक्त और एकस्थानमें भेद आचार्यपद प्रतिष्ठापनकी क्रियाविधि
६७९ आचार्यके छत्तीस गुण
६७९
केशलोंचका लक्षण और फल आचारवत्त्व आदि आठ गुण
स्नान न करनेका समर्थन
७०० उनका स्वरूप ६८१ यतिधर्म पालनका फल
७०२
६७८
६८१
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