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करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा (उदा. हलदन, अन्य औषधिय स्रोत एवं उनके शाकाहारी विटामिन की गोलियां जिनमें विटामिन B12 हों) दूध और प्रोस्टेट कैंसरः
ई. सन् १९९९ में विश्व कैंसर संशोदन फण्ड एवं कैंसर संशोधन संस्थान अमरीका की संस्था ने यह सार प्रस्तुत किया है कि प्रोस्टेट कैंसर में एक कारण संभवतः डेयरी उत्पादन खाद्य सामग्री है और अप्रैल-२००० के एक अन्य संशोधन में डेयरी उत्पादन और प्रोस्टेट कैंसर के बीच संबंध होना दर्शाया है। हारवर्ड के डॉक्टरों ने ११ वर्ष में २०८८५ मनुष्यों का आरोग्य संबंधी अभ्यास किया और उसमें उन्हें पता चला कि प्रतिदिन ढाई कप जितना दूध के पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में रोज का आधा कप जितना पदार्थों का सेवन करने वालों की तुलना में प्रोस्टेट कैंसर का भय ३४% अधिक होता हैं।
दूध, चीझ, आइस्क्रीम आदि डेयरी उत्पादन, अंडा, माँस और अन्य प्राणिज्य पदार्थों अन्य प्रकारके कैंसर के साथ संबंध है। डेयरी उत्पादनो में प्रचुर मात्रा में चर्बी होती हैं जो हमारे शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाले एवं कैंसर की वृद्धि करने वाले होर्मोन्स के लिए प्रवेश द्वार के समान है। तदुपरान्त डेयरी उत्पादनों में कैंसर प्रति रोधक द्रव्य अति अल्प प्रमाण में होते हैं और फाइबर तो बिलकुल ही नहीं होते । रेशा (फाइबर) सिर्फ वनस्पतिजन्य भोजन में ही होते हैं जो सामान्य रूप से हमारे पाचनतंत्र में से कारोसिनोजन्स (Carcinogens) को दूर करते हैं।
धान्य (Whole Grains), वाल और अन्य दलहन, शाकभाजी और फलों में कैंसर से लड़ने की शक्ति होती है। वनस्पतिजन्य आहार में चर्बी कम होती है और रेसा अधिक होते हैं। जो कैंसर प्रतिरोधक तत्वों से भरपूर होते हैं। माँस, डेयरी उत्पादित पदार्थों, अंडा और तले पदार्थ रहित आहार को तंदुरस्ति के लिए श्रेष्ठ हैं। नीचे दर्शायें हुए पदार्थ कैढसर रोकने में उपयोगी हैं
शाकभाजीः शक्करिया, गाजर, फूलगोभी, पालक की भाजी, हरा धनिया।
फलः स्ट्रोबेरी, तरबूज, खरबूजा, केला, सेब फल । धान्यः गेंहू की रोटी, चावल, ओट का आटा आदि।
दलहनः वाल, मटर, मसूर की दाल । मेरी तंदुरस्ती का विवरणः
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