Book Title: Aagam Manjusha 12 Uvangsuttam Mool 01 Uvavaaiam
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ _ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरूभ्यो नमः On Line - आगममंजूषा [१२] उववाइों *संकलन एवं प्रस्तुतकर्ता * मुनि दीपरत्नसागर M.Com.M.Ed. Ph.D.] Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ || किंचित् प्रास्ताविकम् || ये आगम-मंजूषा का संपादन आजसे ७० वर्ष पूर्व अर्थात् वीर संवत २४६८, विक्रम संवत-१९९८, ई.स.1942 के दौरान हुआ था, जिनका संपादन पूज्य आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसरिजी म.सा.ने किया था| आज तक उन्ही के प्रस्थापित-मार्ग की रोशनी में सब अपनी-अपनी दिशाएँ ढूंढते आगे बढ़ रहे हैं। हम ७० साल के बाद आज ई.स.-2012,विक्रम संवत-२०६८,वीर संवत-२५३८ में वो ही आगम-मंजूषा को कुछ उपयोगी परिवर्तनों के साथ इंटरनेट के माध्यम से सर्वथा सर्वप्रथम “ OnLine-आगममंजूषा ” नाम से प्रस्तुत कर रहे हैं। * मूल आगम-मंजूषा के संपादन की किंचित् भिन्नता का स्वीकार * [१]आवश्यक सूत्र-(आगम-४०) में केवल मूल सूत्र नहीं है, मूल सूत्रों के साथ नियुक्ति भी सामिल की गई है। [२]जीतकल्प सूत्र-(आगम-३८) में भी केवल मूल सूत्र नहीं है, मूलसूत्रों के साथ भाष्य भी सामिल किया है। [३]जीतकल्प सूत्र-(आगम-३८) का वैकल्पिक सूत्र जो “पंचकल्प” है, उनके भाष्य को यहाँ सामिल किया गया tic [४] “ओघनियुक्ति”-(आगम-४१) के वैकल्पिक आगम “पिंडनियुक्ति” को यहाँ समाविष्ट तो किया है, लेकिन उनका मुद्रण-स्थान बदल गया है। [५] “कल्प(बारसा)सूत्र” को भी मूल आगममंजूषा में सामिल किया गया है। -मुनि दीपरत्नसागर मुनि दीपरतसागर : Address: Mnui Deepratnasagar, MangalDeep society, Opp.DholeshwarMandir, POST:- THANGADH Dist.surendranagar. Mobile:-9825967397 jainmunideepratnasagar@gmail.com Online-आगममंजूषा Date:-12/11/2012 Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नामं नवरी होत्या रिदत्यिमियसमिदा पमुइयजण(जणुजाण पा०)जाणवया आइण्णजणमणुस्सा हलसयसहस्ससंकिट्टविकिट्ठलट्ठपण्णत्तसे उसीमा कुकुडसंडेज. बाजापपातकापासूत्रम्गामपठरा उच्छजक्सालिकलिया (मालिणीया पा.) गोमहिसगवेलगप्पभूता आयारवंतचेयजा विविह (अरिहन्तचेयजणक्यवि० सुयागचित्तचेयजय० पा.) सणिविटपहला उकोडियगाय(गाह पा०)गंठिमेयभडतकरखंडरक्खरहिया खेमा णिवदवा सुमिक्खा वीसत्यसुहावासा अणेगकोडिकुटुंचियाइण्णणिब्यसुहा गडणगजातमाहमुहियवेलंचयकहगपवगलासगआइक्खगलंखमंखतूणइलतुंबवीणियजगतालायराणुचरिया आरामजाणअगडतलागदीहियपप्पिणिगुणोक्वेया (नंदणवणसनिभष्पगासा पा०) उचिदविउलगंभीरखायफलिहा चकगयमसंदिओरोहसयग्विजमलकवारपणतपसा घणकडिलवंकपागारपरिक्खित्ता कविसीसयवट्टरायसंठियचिरायमाणा अहालयचरिखदारगोपुरतोरणउग्णयसुविभत्तरायमग्गा छेयायरियरइयददफलिहइंदकीला विवणिवणिच्छेत्त(छेय पा०)सिप्पियाइण्णणिज्युयसहा सिंघाडगतिगचउकचचर(चउम्मुहमहापहपहेसुध पा०)पणियाषणविविहवत्युपरिमंडिया सुरम्मा नरवापविष्णमहिलपहा अणेगवस्तुरगमत्तकुंजररहपहकरसीयसंदमाणीयाइण्णजाणजुग्गा विमउलणवणलिणिसोभियजला पंडरवरभवणसण्णिमहिया उत्ताणणयणपेच्छणिजा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पतिरूवा। १। तीसे णं चंपाए णयरीए पहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसिमाए पुष्णभद्दे नामं चेइए होत्या, चिराईए पुनपुरिसपण्णत्ते पोराणे सदिए वित्तिए (कित्तिए पा०)णाए सच्छत्ते सज्मए सघंटे (सपडागे पा०) पडागाइपडागमंडिए सलोमहत्ये कयवेयदिए लाउडोइयमहिए गोसीससरसरत्तचंदणददरदिण्णपंचंगुलितले उवचियचंदणकलसे चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभाए आसत्तोसत्तविउलवद्वग्धारियमाङदामकलावे पंचवण्णसरससुरहिमुकपुष्फपुंजोवयारकलिए कालागुरुपवरकुंदुरुकतुकडसंतपूवमघमघंतगंधुदुयामिरामे सुगंधवरगंधगंधिए गंधवहिभूए णडणहगजातमाहमुट्ठियवेलंमयपवगकहगलासगाइक्खगलंखमंखतूणइलतुंबचीणियभुयगमागहपरिगए बहुजणजाणक्यस्स विस्सुयकित्तिए बहुजणस्स आहुणिजे पाहुणिजे अचणिजे बंदणिजे नमसणिजे पूर्वणिजे सकारणिज्जे सम्माणणिज्जे कालाणं मंगलं देवयं चेदयं विणएणं पजुवासणिजे दिशेसचे सच्चोवाए सणिहियपाडिहेरे जागसहस्सदायभागपटिन्छए (जागभागदायसहस्सपहिच्छए पा०) बहुजणो अबेइ आगम्म पुण्णमई इयं ।२। से ण पुण्णभरे पेइए एकेणं महया वणसंडेणं सबओ समंता संपरिक्खत्ते, से ण वणसंडे किण्हे किण्होभासे नीले नीलोभासे हरिए हरिओमासे सीए सीओभासे गिडे गिद्धोभासे तिथे तियोभासे किण्हे किण्हच्छाए नीले नीलच्छाए सीए सीयच्छाए णिदे णिच्छाए तिथे तिच्छाए घणकडिअतहिच्छाए रम्मे महामेहणिकुषभूए, ते णं पायचा मूलमंतो कंदमंतो खंघमंतो तयामंतो सालमंतो पवालमंतो पत्तमंतो पुष्फमंतो फलमंतो बीयमंतो (हरियमंतो पा०) अणुपुषसुजायलयद्गभावपरिणया एकखंधा अणेगसाला अणेगसाहप्पसाहविडिमा अणेगनरवामसुप्पसारिअअमोजायणविउलपवखंधा (पाईणपडिणाययंसाला उदीणदाहिणविच्छण्णा ओणयनयपणयविप्पहाइयओलंबपलंबलंबसाहप्पसाहपिडिमा अचाईणपत्ता अणुईण्णपत्ता पा०) अच्छिदपत्ता अविरलपत्ता अवाईणपत्ता अणईअपत्ता निदधुयजरबपडपत्ता णवहरियभिसंतपत्तभारंधकारगंभीरदरिसणिज्जा उपणिग्गयणवतरुणपत्तपालवकोमलउज्जलचलंतकिसलयसुकुमालपवालसोहियवरंकुरग्गसिहरा णिचं कुसुमिया णिचं माइया णिर्थ लवड्या णिचं यवहया णिचं गुलइया णिचं गोच्छिया णिचं जमलिया णिचं जुबलिया णिवं विणमिया णिचं पणमिया णिचं कुसुमियमाइयलवइयथवइयगुलइयगोच्छियजमलियजुबलियविणमियपणमियमुविभत्तपिंडमंजरिखडिसयपरा सुपरहिणमयणसालकोइलकोहंगकभिंगारककोंडलकजीवजीवकणंदीमुहकविलपिंगलक्यकारंडचकवायकलहंससारसअणेगसउणगणमिहुणविरइयसदुण्णइयमहुरसरणाइए सुरम्मे संपिडियदरियममरमहुकरिपहकरपरिलिन्तमत्तछप्पयकुसुमासवलोलमहुरगुमगुमंतगुंजतदेसभागे अभंतरपुष्फफले बाहिरपत्तोच्छणे पत्तेहि य पुण्फेहि य उच्छण्णपडिच्छण्णे (साउफले नीरोयए अकंटए णाणाविहगुच्छगुम्ममंडवगरम्मसोहिए पा०)विचित्तमुहकेउभूए (सेउकेउबहुले पा०) वावीपुक्खरिणीदीहियासु य सुनिवेसियरम्मजालहरए पिंडिमणीहारिमसुगंधिसुहसुरभिमणहरं च महया गंधद्धणि मुयंता णाणाविहगुच्छगुम्ममंडवकघरकसुहसे उकेउबहुला अणेगरहजाणजुम्गसिबियपविमो. यणा सुरम्मा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा।३। तस्स णं पणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्य णं महं एके असोगवरपायवे(दूरोवगयकंदमूलवलगुसंठियसुसिलिट्ठषणमसिणणिडसुजायनिरुवहाउविद्धपवरखंधी पा.) अणेगनरपवरभुयागेज्मो कुसुमभरसमोनमंतपत्तलविसालसाली महकरिभमरगणगुमगुमाइयनिलितउड्डितसस्सिरीए णाणासउणगणमिहुणसुमहुरकण्णसुहपलत्तसहमहुरे पा०) पण्णसे, कुसक्कुिसविसुद्धरुक्खमूले मूलमंते कंदमंते जाव पविमोयणे सुरम्मे पासादीए वरिसणिणे अभिरूले पडिरूवे, से गं असोगवरपायवे अण्णेहिं बहूहिं तिलएहिं ठउएहिं छत्तोवेहि सिरीसेहिं सत्तवण्णेहि दहिवण्णेहि लोदेहि पवेहि चंदणेहि अजुणेहिं णीवहिं कुडएहिं सवेहि फणसेहिं वाडिमेहिं सालेहिं तालेहिं तमालेहिं पियएहि पियंगूहिं पुरोवगेहिं रायलखेहिं णंदिरुस्खेहिं सबओ समंता संपरिक्खित्ते, तेणं तिलया लउया जाव णदिक्खा कुसविकुसविसुदरल्समूला मूलमंतो कंदमंतो एएसिं वष्णो माणियधो जाव सिबियपविमोयणा सुरम्मा पासादीया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा, ते णं तिलया जाव णंदिरुक्खा अण्णेहिं बहुहिं पउमलयाहिं णागलयाहिं असोअलयाहिं पगलयाहिं चूयलयाहिं वणलयाहि वासंतियलयाहिं मुत्तलयाहिं कुंदलयाहिं सामलयाहि सामो समंता संपरिक्सित्ता, ताओ णं पउमलयाओ णिचं कुसुमियाओ जाव वडिंसयधरीओ पासादीयाओ दरिसणिजाओ अभिरुवाओ पडिरूवाओ (तस्स णं असोगवरपायवस्स उपरि पहवे अगुअहमंगलगा पं० त०-सोपस्थिय सिविच्छ नंदियावत बदमाणग मदासण कलस मच्छ दप्पणा सवस्यणामया अच्छा सहा मण्हा पट्टा मट्ठा नीरया निम्मला निप्पंका निकंकडच्छाया सप्पहा समिरीया सउज्जोया पासादीया०, तस्स णं असोगवरपायवस्स उपरि पहले किण्हचामरज्झया नीलचामरज्झया रुप्पपट्टा वइरामयदंडा जलयामलगंधिया सुरम्मा पासादीया०, तस्स णं असोगवरपायवस्स उपरि बहवे उत्ताइच्छत्ता परागाइपढाया घष्याजुयला उप्पलहत्यमा पउमहत्यमा कुमुयहत्यमा कुसुमहत्वया नलिणहत्यगा सुभगहत्यगासोगंधियहत्वगा पुंडरीयहत्यया महापुंडरीयहत्वया सयपत्तहत्वया सहस्सपत्तहत्यया सारयणामया अच्छा जाव पडिरूवा पा०) तस्स ५५५ उपासकदशांर्ग, सपणे मुनि दीपरनसागर Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असोगवरपायक्स्स हेटा इसिखंधसमड़ीणे एस्थ णं महं एके पुढविसिलापट्टए पं० विक्खंभायामउस्सेहसुप्पमाणे किण्हे अंजणघणकिवाणकवलयहलधरकोसेजायसीकेसकजलंगीखंजणसिंगभेदरियजंबूफलअसणसणबंधणणी. लप्पलपत्ननिकरजयसिकुसुमप्पगासे मरकतमसारकलित्तणयणकीयरासिवष्णे णिधणे अट्टसिरे आर्यसयतलोवमे सुरम्मे ईहामियउसमतुरगनरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयफ्उमलयभत्तिचित्ते आईणगरू. यचूरणवणीनतृलफरिसे सीहासणसंठिए पासादीए दरिसणिज्जे अभिरुवे पडिरूवे।५। तस्य णं चंपाए णयरीए कृणिए णामं राया परिवसइ, महयाहिमबंतमहतमलयमंदरमहिंदसारे अचंतविसुद्धदीहरायकुलवंससुम्पसए णिरंतरं रायलम्वणविराइअंगमंगे बहुजणबहुमाणे पूजिए सवगुणसमिद्धे खत्तिए मुइए मुदाहिसिले माउपिउसुजाए दयपत्ते सीमंकरे सीमंघरे खेमकरे खेमंधरे मस्सिदे जणवयपिया जणवयपाले जणवयपुरोहिए से उकरे केउकरे णरपवरे पुरिसवरे परिससीहे परिसबग्घे परिसासीविसे पुरिसपुंडरीए परिसवरगंधहत्थी अड्ढे दित्ते वित्ते विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णे बहुधणचहुजायरूवरयते आओगपओगसंपउने बिच्छड्डिअपउरभत्तपाणे बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूते पडिपुण्णजंतकोसकोट्ठागाराउधागारे चलवं दुबलपचामित्ते ओहयकंटयं नियकंटयं मलिअकंटयं उद्धियकंटयं अकंटयं ओहयसत्तुं नियसत्तुं मलियसत्तं उदिअसतुं निजियसत्तुं पराइअसत्तुं वगयदुभिक्खं मारिभयविप्पमुक खेम सिर्व सुभिवं पसंत(पसंताहिय पा०)डिंबडमरं रज पसासे(हे पा०)माणे विहरइ ।६। तस्स णं कोणियस्स रण्णो धारिणी नामं देवी होत्था सुकुमालपाणिपाया अहीणपडिपुष्णपंचिदियसरीरा लक्खणवंजणगुणोववेआ माणुम्माणप्पमाणपटिपृष्णसुजायसवंगसुंदरंगी ससिसोमाकारकंतपियदसणा सुरूवा करयलपरिमिअपसत्यतिवलियमझा कुंडलुडिहिम(पीण पा०)गंडलेहा कोमुइस्यणियरविमलपडिपुण्णसोमवयणा सिंगारागारचाकवेसा सगयगयहांसअमाणविहिबिलाससललिअसलावणिउणजुत्तोवयारकुसला (प्रकसुदरचणजघणययणकरचरणनयणलावण्णविलासकलिया)पासादाआदरिसाणज्जा अभिरूवा पाडरूमा काणिए सदि अणरना अविरत्ता इद्रे सहफरिसरसरूपगंधे पंचविहे माणस्सए कामभोए पचणभवमाणी विहरति। अतस्सण कोणिअस्सरण्णो एके परिसे विउलकयवित्तिए भगवओ पवित्तिवाउए भगवओ तहेवसि पवित्ति णिवेएड. णं परिसम्स बहवे अपणे परिसा दिण्णभतिभत्तवेधणा भगवओ पविनिवाउआ भगवओ तद्देवसियं पवित्ति णिवेदेति। ८ । तेणं कालेणं. कोणिए राया भभसारपुत्ते पाहिरियाए उवट्ठाणसालाए अणेगगणनायगदंडनायगराईसरनलवरमादृचित्रकोचिञमंतिमहामंतिगणगदोबारिअअमचचेटपीढमहनगरनिगमसेहिसेणावइसत्थवाहदूतसंधिवाल सद्धि संपरिबुडे विहरइ । ९ । तेणं कालेणं ० समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्वगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे परिससीहे गई पइट्टा धम्मवरचाउरंतचकवट्टी अप्पडिहयबरनाणदंसणधरे विअच्छउम (अरहा पा०) जिर्ण (कवली पा०) जाणए तिणे नारए मुने मोयए चुढे चोहए सत्रष्णू सवदरिसी सिपमयलमरुअमणंतमक्खयमचाचाहमपुणरावत्तिअं सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपाविउकामे अरहा जिणे केवटी सत्तहस्थुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए बजरिसहनारायसंघयणे अणुलोमवाउवेगे कंकरगहणी कचोयपरिणामे, सउणिपोसपिटुंतरोरुपरिणए पउमुष्पलगंधसरिसनिस्साससुरभिवयणे छवी निरायंकउत्तमपसत्यजइसेयनिरुवमपले (तले पा०)जाइमाउकलंकसेयरयदोसवजियसरीरे निरुवलेवे छायाउज्जोइअंगमंगे घणनिचियसुचद्धलक्खणण्णयकूडागारनिभपिडिअम्गसिरए(सामलिबोंडघणनिचियच्छोडियमिउबिसयपसत्यमुहुमलक्खणसुगंधसुंदर पा०) अमोअगभिंगनेलकजलपहिडभमरगणणिखनिकरुवनिचियकुंचियपयाहिणावनमुद्धसिरए पा०)दालिमपृष्फप्पगासतवणिजसरिसनिम्मलमणिद्धकेसंतकेसभूमी घण(निचिय)छत्तागारुत्तमंगदेसे णित्रणसमलट्ठमट्टचंदद्धसमणिडाले उडवाइपडिपुण्णसोमवयणे आलीणपमाणजुत्तसवणे सुस्सवणे पीणमंसलकबोलदे. सभाए आणामियचावरुद्दलकिणहभराइ(संठियसंगयआययसुजाय पा०)तणुकसिणणिद्धभमुहे अवदालिअपुंडरीयणयणे कोआसिअधवलपत्तलच्छे गरुलायतउजुतुंगणासे उबचिअसिलपवालचिंचफलसणिभाहरो? पंडुरससिसअलविमलणिम्मलसंखगोक्खीरफेणकुंददंगरयमणालिआधवलदंतसेढी अखंडदंते अप्फुडिअदंते अविरलदंते सुणिददंते सुजायदंते एगदंतसेढीविव अणेगदंते हुयवहणिद्धतधोयनत्ततचणिज्जरत्ततलतारजीहे अवट्टियमुविभत्तचित्तमम मंसारसंठियपसत्यसददृलविउलहणूए चउरंगुलमुप्पमाणकंबुवरसरिसम्गीवे वरमहिसवराहसीहसदूलउसभनागवरपडिपुण्णविउलक्खंधे जुगसन्निभपीणरइयपीवर पउद्दसुसंठियसुसिलिट्ठविसिट्ठपणथिरसुत्रसंधी (पट्टसठियउवाचयघणधिरसुसंबद्धमुनिगूढपचसंधी पा०)पुरवरफलिहवाट्टियभुए भुअईसरविउलभोगादाणपलिहउच्छूढदीहचाह रत्ततलोवइयमउअमंसलसुजायन्टक्षणपसत्यअच्छिद्दजालपाणी पीचरविडियसुजाय पा०)कोमलवरंगली आयंचतंबतलिणसुइकइलणिदणक्खे चंदपाणिरोहे सरपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्रपाणिलेहे दिसासोस्थित्रपाणिन्हे चंदसूरसंखचकदिसासोस्थिम(विमत्तसुविरइय पा०)पाणिलेहे (अणेगवरलक्षणत्तिमपसस्थसुइरहयपाणिलेहे पा.) कणगसियातल जलपसन्थसमनट उबचियविभिडण्णपिलबच्छे सिरिवछंकियवच्छे (उवचियपुरखरकवाडविच्छिषणपिहलवच्छे, कणयसिलायलुजलपसस्थसमतलसिरिखच्छरइयवच्छे पा०)अकरंडअकणगरुययनिम्मलसुजायनिरुवह्यदेहधारी अट्ठसहस्सपडिपृष्णवरपुरिसलवणधरे सण्णयपासे संगयपासे सुंदरपासे सुजायपासे मियमाइअपीणरइअपासे उजुअसमसहियजचतणुकसिणणिडआइजलडहरमणिजरोमराई झसविहगमुजायपीणकुण्ठी प्रसोदरे सुइकरणे पउमविअडणाभे गंगावत्तकपयाहिणायत्ततरंगभंगररविकिरणतरुणचोहियअकोसायंतपउमगंभीरवियडणाभे साहयसोणंदमुसलदप्पणणिकरियवरकणगच्छरुसरिसवरखइरखलिअमज्झे पमुइयवस्तुरगसीह(अइरेग पा०) वरवट्टियकडी वस्तुरगसुजायसु(पसत्यवस्तुरग पा०) गझदेसे आइण्णउच्च णिरुवलेवे वखारणतुलविकमविलसियगई गयससणसुजायसन्निभोरू समुग्मणिमग्गगूढजाणू एणीकुरुविंदावत्तवट्ठाणपक्वजंघे संठियसुसिलिगूढगुप्फे सुप्पइदियकुम्मचारचरण अणुपुष्पमुसंहयायपीवरं पा० )गुल्लीए उण्णयतणुतंबणिणक्खे रत्तुप्पलपत्तमउअसुकुमालकोमलतले अट्ठसहस्सवरपुरिसलवणधरे (नगनगरमगरसागरचकंकवरंकमंगलंकियचरणे पा०)विसिट्ठाये हुयवहनिधूमजलियनडिनडियतरुणरविकिरणसरिसनेए अणासये अममे अकिंचणे छिन्नसोए निरुवलेवे ववगयपेमरागदोसमोहे निग्गंथस्स पवयणस्स देसए सत्थनायगे पइट्टायए समणगपई समणगविंदपरिअट्टए चउनीसवृद्धवयणानिसेसपने पणनीसस चवयणातिसेसपत्ते आगासगएणं चकेणं आगासगएणं छत्तेणं आगासियाहिं चामराहिं आगासफालिआमएणं सपायवीटेणं सीहासणेणं धम्मज्झएणं पुरओ पकढिजमाणेणं चउहसहिं समणसाहस्सीहिं छत्तीसाए अजि-(१३९) का ५५६ औपपातिकमुपांग, सारा मुनि दीपरत्नसागर Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आसाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुडे पुवाणुपुष्टिं चरमाणे गामाणुग्गामं दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे चंपाए णयरीए बहिया उवणगग्गामं उवागए चंपं नगरिं पुण्णभदं चेइयं समोसरिउकामे । १० । तए णं से पचित्तिवाउए इमीसे कहाए लट्ठे समाणे हतुचित्तमानंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए व्हाए कयबलिकम्मे कयको अमंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे सआओ गिहाओ पडिणिक्खमइ त्ता चंपाए णयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव कोणियस्स रण्णो गिहे जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला जेणेव कूणिए राया भंभसारपुत्ते तेणेव उवागच्छइ त्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्टु जए विजए बढावेता एवं व० जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं कखंति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं पीहंति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं पत्थति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं अभिलसंति जस्स णं देवाणुप्पिया णामगेोत्तरसवि सवणयाए हहतु जावहिजया भवंति से णं समणे भगवं महावीरे पुवाणुपुषिं चरमाणे गामाणुग्गामं दुइजमाणे चंपाए णयरीए उत्रणगरगामं उवागए चंप णगरिं पुण्णभदं चेइअं समोसरिउकामे तं एअं णं देवाणुप्पियाणं पिअट्टयाए पिअं णिवेदेमि पिअं मे भवउ । ११ । तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते तस्स पवित्तिवाड़अस्स अंतिए एयमहं सोच्चा जिसम्म हहतुहजावहियए विजसि अवरकमलणयणवयणे पअलिअवरकडगतुडियकेयूरमउडकुंडले हारदहारविराग्रंतरइयवच्छे पालंचपलंचमाणघोलंतभूसणघरे ससंभ्रमं तुरियं चवलं नरिंदे सीहासणाउ अन्मुट्ठेइ ता पायपीढाउ पच्चोरुहइ ता (वेरुलियवरिहरि अंजणनिउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणमंडियाओ पा० ) पाउआओ ओमुअइ ता अवहट्टु पंच रायककुहाई तं० वग्गं छत्तं उप्फेसं वाहणाओ बालवीअणं एकसाडियं उत्तरासंगं करेइ त्ता आयंते चोक्खे परमसुइभूए अंजलिमउलिअग्महत्ये तित्थगराभिमुहे सत्तट्टपयाई अणुगच्छति त्ता वामं जाणुं अंचेइ त्ता दाहिणं जाणं धरणितलंसि साहट्ट तिक्खुत्तो मुदाणं धरणितलंसि निवेसेइ त्ता ईसिं पञ्चष्णमति ता कडगतुडिययंभिआओ आओ पडिसाहरति त्ता करयल जाव कट्ट एवं व० णमोऽत्यु णं अरिहंताणं भगवंताणं आइगराणं तित्वगराणं सयंसंबुदाणं परिमुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरी आणं पुरिसवरगंधहत्थीणं लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोतगराणं अभयद्रयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं वोहिदयाणं धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मचरचाउरंत चकवट्टीणं दीवो ताणं सरणं गई पट्टा अप्पडियवरनाणदंसणधराणं विअट्टच्छडमाणं जिणाणं जात्रयाणं तिष्णाणं तारयाणं बुद्धाणं बोयाणं मुत्ताणं मोजगाणं सधन्नूणं सङ्घदरिसीणं सिवमय लमरुअमणतमक्खयमवाचाहमपुणरावत्तिसिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आदिगरस्स तित्थगरस्स जात्र संपांविउकामस्स मम धम्मायरिय एस धम्मोवदेसगस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थ गयं इह गते पासउ मे (मं से) भगवं तत्थ गए इह गयन्तिकट्टु बंदति णमंसति त्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे निसीअड ता तस्स पवित्तिवाउअस्स अट्ठत्तरस्यसहस्सं पीतिदाणं दलयति त्ता सकारेति सम्माणेति त्ता एवं व० जया णं देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे इहमागच्छेजा इह समोसरिज्जा इहेव चंपाए णयरीए बहिया पुण्णभद्दे बेइए अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेण तवसा अप्पा भावेमाणे विहरेजा तया णं मम एअमट्ठं निवेदिज्जासित्तिकट्ट विसज्जिते । १२ । तए णं समणे भगवं महावीरे कलं पाउप्पभायाए रयणीए फुलुप्पलकमल कोमलुम्मिलितमि आहा (अह) पंडुरे पहाए रत्तासोगप्पगासकिंसुअसुअमुहगुंजद्धरागसरिसे कमलागरसंडबोहए उट्टियम्मि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलते जेणेव चंपा णयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेडए तेणेव उवागच्छति ता अहापडिरूवं उग्गह उग्गिहित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । १३ । तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे समणा भगवंतो अप्पेगइया उग्गपद्मइया भोगपश्इया राइण्णः णायः कोरव खत्तिअपवइआ भडा जोहा सेणावई पसत्थारो सेट्टी इभा अण्णे बहने एवमाइणो उत्तमजातिकुलरूवविणयविण्णाणवण्णलावण्णविकम पहाणसोभग्गकंतिजुत्ता बहुधणधण्णणिचयपरियालफिडिआ णरवइगुणाइरेगा इच्छिअभोगा सुहसंपललिजा किंपागफलोचमं च मुणिअ विसयसोक्खं जलबूब्बुसमाणं जोवणं कुसग्गजलबिंदुचंचलं जीवियं च णाऊण अद्भुवमिणं रयमिव पडग्गलग्गं संविधुणित्ताणं चइत्ता हिरण्णं जाव पवइआ अप्पेगइआ अद्धमास परिआया अप्पेगइआ मासपरिआया एवं दुमास तिमासः जाब एकारस अप्पेगइआ वासपरिआया दुवास तिवास० अप्पेगइआ अणेगवासपरिआया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहति । १४ । तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे निग्गंथा भगवंतो अप्पेगइआ आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी अप्पेगइआ मणचलिआ वयबलिआ कायचलिआ (नाणबलिया दंसणबलिया चरित्तचलिया पा०) अप्पेगइआ मणेणं सावाणुम्गहसमत्या अप्पेगइआ खेलोसहिपत्ता एवं जहोसहि= विष्पोसहि: आमोसहि० सोसहि० अप्पेगइआ कोहबुद्धी एवं बीअबुद्धी पडबुद्धी अप्पेगइआ पयाणुसारी अप्पेगइआ संभिन्नसोआ अप्पेगइआ खीरासचा अप्पेगइआ महुआसवा अप्पेगइआ सप्पिआसवा अप्पेगइआ अक्खीणमहाणसिआ एवं उज्जुमती अप्पेगइआ विउलमई विउवणिढिपत्ता चारणा विज्जाहरा आगासातिवाइणो अप्पेगइआ कणगावलिं तवोकम्मं पडिवण्णा एवं एकावलिं खुड्डागसहनिकीलियं तत्रोकम्मं पडिवण्णा अप्पेगइया महालय सीह निक्कीलियं तवोकम्मं पडिवण्णा भद्दपडिमं महाभद्दपडिमं सवतोभद्दपडिमं आयंचिलवदमाणं तत्रोकम्मं पडिवण्णा मासिअं भिक्खुपडिमं एवं दोमासिअं पडिमं तिमासिअं पडिमं जाव सत्तमासिअं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा अप्पेगइया पढमं सत्तराइंदिअं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा जाव तच सत्तराइंदिअं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा अहोराइदिअं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा इकराइंदिअं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा सत्तसत्तमिअं भिक्खुपडिमं अट्टट्टमिजं भिक्खुपडिमं णवणवमि भिक्खुपडिमं दसदसमिअं भिक्खुपडिमं खुड्डियं मोअपडिमं पडिवण्णा महलियं मोअपडिमं पडिवण्णा जवमज्झं चंदपडिमं पडिवण्णा वरमज्यं चंदपडिमं विवेगपडिमं विउस्सग्गपडिमं उवहाणपडिमं पडिलीणपडिमं पडिवण्णा संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति । १५ । तेणं काले समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे थेरा भगवंतो जातिसंपण्णा कुलसंपण्णा बलसंपण्णा रूवसंपण्णा विणयसंपण्णा णाणसंपण्णा दंसणसंपण्णा चरित्तसंपण्णा लजासंपण्णा लाघवसंपण्णा ओअंसी तेअंसी बचंसी जसंसी जिअकोहा जियमाणा जिअमाया जिअलोभा जिजइंदिजा जिजणिद्दा जिअपरीसहा जीविआसमरणभयविष्यमुक्का वयप्पहाणा गुणप्पहाणा करणप्पहाणा चरण५५७ औपपातिकमुपांगं समोसारण" मुनि दीपरत्नसागर Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . प्पहाणा णिग्गहप्पहाणा निच्छयप्पहाणा अजवप्पहाणा महवप्पहाणा लाघवप्पहाणा खंतिप्पहाणा मुत्तिप्पहाणा विज्जापहाणा मंतप्पहाणा वेअप्पहाणा वंभप्पहाणा नयप्पहाणा नियमप्पहाणा सञ्चप्पहाणा सोअप्पहाणा चारुवण्णा लज्जा(जू)तवस्सी जिइंदिआ सोही अणियाणा अप्पुस्सुआ अबहिाडेसा अप्पडिलेस्सा सुसामण्णरया दंता (बहुणं आयरिया बहूणं उवज्झाया बहुणं दीवा ताणं सरणं गई पट्ठा पा०) इणमेव णिग्गंथं पावयणं पुरओ काउं विहरंनि, तेसि णं भगवंताणं आयावाया(वाई पा०)वि विदिता भवंति परवाया (इणो पा०) विदिता भवंति आयावायं जमइत्ता नलवणमिव मत्तमातंगा अच्छिहपसिणवागरणा रयणकरंडगसमाणा कुत्तिआवणभूआ परवादियपमहणा दुवारसंगिणो (पखाईहिं अणोक्ता अण्णउस्थिएहिं अणोदसिजमाणा अप्पेगइया आयारधरा पा०) समत्तगणिपिडगधरा सबक्खरसण्णिवाइणो सवभासाणुगामिणो अजिणा जिणसंकासा जिणा इव अवितहं वागरमाणा संजमेणं नवसा अप्पाणं भावमाणा विहरति ।१६। तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे अणगारा भगवंतो ईरिआसमिआ भासासमिआ एसणासमिआ आदाणभंडमत्तनिक्वेवणासमिआ उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लुपारिट्ठावणियासमिआ मणगुत्ता वयगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुतिदिया गुत्तभयारी अममा अकिंचणा(छिण्णगंधा पा०)अम्गंथा छिण्णसोआ निरुवलेवा कंसपातीव मुकतोआ संखइब निरंगणा जीबोविच अप्पडिहयगती जचकण जातरूवा आदरिसफलगाविव पागडभावा कुम्मोइव गुत्तिदिआ पुक्खरपतव निरुवलेवा गगणमिव निरालंबणा अणिलोइव निरालया चंदइव सोमलेसा सूरइव दित्ततेआ सागरोइव गंभीरा विहगइब सबओ विप्पमुक्का मंदरइव अप्पकंपा सारयसलिलंब सुदहिअया खग्गिविसाणंच एगजाया भारंडपक्खीव अप्पमत्ता कुंजरोइव सोंडिरा वसभोइव जायस्थामा सीहोइब दुद्धरिसा वसुंधराइव सवफासविसहा सुहुअहुआसणेइव तेअसा जलंता. नन्थि णं सिणं भगवं. ताणं कत्थई पडिचंधे भवइ, से अ पडिचंधे चउबिहे पं० सं०-दबओ खित्तओ कालओ भावो, दवओ णं सचित्ताचित्तमीसिएसु दवेसु (तं०-अंडएइ वा पोयएइ वा उम्गहिएइ वा वाहिए वा जण्णं जण्ण दिसं इच्छति तणं नणं दिसं सहभूया लघुभूया अणप्पगंथा विहरन्ति पा०) खेत्तओ गामे या णयरे वा रणे वा खेत्ते वा खले वा घरे वा अंगणे वा कालओ समए वा आवलियाए वा जाव अयणे वा अण्णतरे वा दीहकालसंजोगे भावओ कोहे वा माणे वा मायाए वा लोहे वा भए वा हासे वा० एवं तेसिंण भवइ, ते णं भगवंतो वासावासवज्ज अट्ट गिम्हहेमंतिआणि मासाणि गामे एगराइआ णयरे पंचराइआ वासीचंदणसमाणकप्पा समलेटठुकंचणा समसुहदुक्खा इहलोगपरलो. गअप्पडिबद्धा संसारपारगामी कम्मणिग्घायणटाए अभुट्टिआ विहरति ।१७ तेसिणं भगवंताणं एतेणं विहारेणं विहरमाणाणं इमे एआरुवे (जायामायावित्ती अदुत्तरं च णं पा०) अम्भितरचाहिरए तवोवहाणे होत्या तं-अम्भितरए छबिहे बाहिरएवि छबिहे । १८ासे किं तं चाहिरए?,२ छबिहे पं० तं०- अणसणे ऊणो(अवमो)अरिया भिक्खाअरिया रसपरिचाए कायकिलेसे पडिसलीणया, से कितं अणसणे?,२ दुविहे पं० २०-इत्तरिए अ आवकहिए अ. से कितं इत्तरिए ?, २ अणेगविहे पं० २०-चउत्थभत्ते छट्ठभत्ते अट्ठमभत्ते दसमभत्ते चारसभत्ते चउहसभत्ते सोलसभत्ते अद्धमासिए भने मासिए भने दोमासिए भने तेमासिए भने चउमासिए भने पंचमासिए भने छम्मासिए भने, से तं इनरिए, से कितं आवकहिए?.२ दुविहे पं० २०-पाओवगमणे अ भत्तपञ्चक्खाणे अ. से कि तं पाओवगमणे १.२ दुविहे पं० सं०-वाघाइमे अनिवाघाइमे अ नियमा अप्पडिकम्मे से तं पाओवगमणे. से किं तं भन्नपचक्खाणे १.२दुविहे पं०२०- वाघाइमे अनिवाघाइमे अणियमा सप्पडिकम्मे, से तं भत्तपञ्चक्खाणे, से तं अणसणे, से किं तं ओमोअरिआ?,२दुविहा पं० २०-दबोमोअरिआय भावोमोअरिआ य. से किं तं दबोमोअरिआ?.२ दुविहा पंतं- उबगरणदवोमोअरिआ य भत्तपाणदबोमोअरिआ य, से किं तं उवगरणदश्वोमोअरिआ?.२ तिविहा पं० २०-एगे वत्थे एगे पाए चियत्नोवकरणसातिजणया. से तं उवगरणदवोमोअरिआ, से कि तं भत्तपाणदबो 2. २ अणगविहा १००-अहडिअंडगप्पमाणमेले कवले आहारमाणे अप्पाहारे दुबालसकुकृडिअंडगप्पमाणमेले कवले आहारमाणे अवड्ढोमोअरिआ सोलसकडिअंडगप्पमाण मोअरिआ चउत्रीसककडिअंडगापमाणमेले कवले आहारमाणे पत्तोमोअरिआ एकतीसककडिअंडर घासेण ऊणयं आहारमाहारेमाणे समणे णिग्गंथे णो पकामरसभोईत्ति वत्तवं सिआ, से तं भत्तपाणदचोमोअरिआ, से तं दबोमोअरिआ, से किं तं भावोमोअरिआ ?,२ अणेगविहा पं० २०-अप्पकोहे अप्पमाणे अप्पमाए अप्पलोहे अप्पसहे अप्पझंझे, से तं भावोमोअरिआ, से तं ओमोअरिआ, से किं तं भिक्खायरिया ?, अणेगविहा पं०२०-दवाभिम्गहचरए खेत्ताभिग्गहचरए कालाभिग्गहचरए भावाभिग्गहचरए उक्वित्तचरए णिक्खित्तचरए उक्खिनणिक्विनचरए णिक्खित्तउक्खित्तचरए वट्टिजमाणचरए साहरिजमाणचरए उवणीअचरए अवणीअचरए उवणीअअवणीअचरए अवणीअउवणीअचरए संसट्ठचरए असंसट्टचरए नजातसंसट्टचरए अण्णायचरए मोणचरए दिट्ठलाभिए अदिठ्ठलाभिए पुट्ठलाभिए अपट्टलाभिए भिक्खालाभिए अभिक्खलाभिए अण्णगिलायए ओवणिहिए परिमितपिंडवाइए सुद्धेसणिए संखादलिए, से तं भिक्खायरिया, से किं तं रसपरिचाए :२ अणेगविहे पंतं. णिवि. (य) तिए पणीअरसपरिचाए आयंबिलाए आयामसित्थभोई अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लहा(तुच्छा पा)हारे, से तं रसपरिचाए, से किं तं कायकिलेसे?.२ अणेगविहे पं० २०-ठाणहितीए (ठाणाइए पा०) उकडुआसणिए पडिमट्ठाई वीरासणिए नेसज्जिए दंडायए लउडसाई (लगंडसाई पा०) आयावए अबाउडए अकंडूअए अणिठूहए (धुयकेसमंसुलोमा पा) सवगायपरिकम्मविभूसविप्पमुक्के. सेतं कायकिलेसे. से किं तं पडिसलीणया ?. २ चउबिहा पं० तं- इंदिअपडिसलीणया कसायपडिसलीणया जोगपडिसंलीणया विवित्तसयणासणसेवणया, से कितं इंदियपडिसलीणया १.२ पंचविहा पं० तं सोइंदियविसयपयारनिरोहो वा सोइंदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिग्गहो वा चक्खिदिय०विसयपयारनिरोहो वा चक्खिदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिम्गहो वा घाणिदियविसयपयारनिरोहो वा घाणिदियविसयपत्तेसु अत्येसु रागदोसनिग्गहो पा जिभिदियविसयपयारनिरोहो वा जिभिदियविसयपत्तेसु अत्येसु रागदोसनिग्गहो वा फासिदियविसयपयारनिरोहो वा फासिदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिग्गहो वा, से तं इंदियपडिसंलीणया. से किं ते कसायपडिसलीणया?.२ चउबिहा पं० त०. ५५८ औपपानिकमुपांग, समोरया" - मुनि दीपरत्नसागर Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ P कोहस्सुदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं माणस्सुदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा माणस्स विफलीकरणं मायाउदयणिरोहो वा उदयपत्ताए वा मायाए विफलीकरणं लोहस्सुदयणिरोहो वा उदयपत्तस्स वा लोहस्स विफन्टीकरणं, से नं कसायपडिसलीणया से किं तं जोगपडिसलीणया १, २ तिविहा पं० तं० मणजोगपडिलीणया वयजोगपडिसंलीणया कायजोगपडिलीणया से किं तं मणजोगपडिलीणया १, २ अकुसलमणणिरोहो वा कुसलमणउदीरणं वा, से ते मणजोगपडिसंलीणया, से किं तं वयजोगपडिसंलीणया १, २ अकुसलवयणिरोहो वा कुसलवयउदीरणं वा, तं वयजोगपडिसंलीगया से किं तं कायजोगपडिलीणया १, २ जण्णं सुसमाहिअपाणिपाए कुम्मोव गुत्तिदिए सबगायपडिसलीणे चिट्टह, से तं कायजोगपडिसंलीणया, से किं तं विवित्तसयणासणसेवणया १, २ जं णं आरामेसु उज्जाणेसु देवकुलेसु सभासु पत्रासु पणियगिहेसु पणिअसालासु इत्थीपसुपंडगसंसत्तिविरहियासु वसही फासुएसणिज्जपीढफलगसेज्जासंथारगं उपसंपजित्ताणं विहरइ, से तं पडिसंलीणया से तं बाहिरए तवे । १९ । से किं तं अभितरए तवे १, २ छविहे पं० तं० पायच्छित्तं विणओ वेयावचं सज्झाओ झाणं विउस्सग्गो, से किं तं पायच्छिते १, २ दसविहे पं० तं० आलोअणारिहे पडिकमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउस्सग्गारिहे तवारिहे छेदारिहे मूलारिहे अणवट्टप्पारिहे पारंचिआरिहे, से तं पायच्छित्ते से किं तं विणए १, २ सत्तविहे पं० तं० णाणविणए दंसणविणए चरितविणए मणविणए वइविणए कार्याविणए लोगोवयारविणए से किं तं णाणविणए १, २ पंचविहे पं० तं० आभिणिवोहियणाणविणए सुअ० ओहि मणपज्जव० केवल०, से किं तं दंसणवि नए १, २ दुबिहे पं० तं०-सुस्स्सणाविणए अणञ्चासायणाविणए से किं तं सुस्सूसणाविणए १, २ अणेगविहे पं० तं० अम्भुट्ठाणेइ वा आसणाभिग्गहेइ वा आसणप्पदाणेइ वा सक्कारेइ वा सम्माणेइ वा किइकम्मेइ वा अंजलिपम्गहेइ वा एतस्स अणुगच्छणया ठिजस्स पज्जुवासणया गच्छंतस्स पडिसंसाहणया, से तं सुस्सूसणाविणए से किं तं अणच्चासायणाविणए १, २ पणतालीसविहे पं० तं० अरहताणं अणचासायणया अरहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अण० आय रियाणं अण० एवं उवज्झायाणं घेराणं कुलस्स गणस्स संघस्स किरिआणं संभोगिअस्स ओभिणिबोहियणाणस्स सुअणाणस्स ओहिणाणस्स मणपजवणाणस्स केवलणाणस्स एएसिं चैव भत्तिबहुमाणे एएसिं चेव वण्णसंजलणया, सेतं अणच्चासायणाविणए, से किं तं चरितविणए १, २ पंचविहे पं० तं० सामाइअ चरित्तविणए छेओवद्वावणिअ० परिहारविसुद्ध० सुहुमसंपरायः अहम्खायचरितविणए, से तं चरित्तविणए से किं तं मणविणए १, २ दुविहे पं० सं० पसत्यमणविणए अपसत्यमणविणए से किं तं अपसत्थमणविणए १, २ जे अ मणे सावज्जे सकिरिए सककसे कडुए गिट्ठरे फरुसे अण्ड्यकरे छेयकरे भेयकरे परितावणकरे उदवणकरे भूओवधाइए तह पगारं मणो णो पहारेज्जा, सेतं अपसत्यमणोविणए से किं तं पसत्यमणोविणए १, २ तं चैव पसत्यं णेयवं, एवं चैव वइविणओऽवि एएहिं पएहिं चैव अधो से तं वइविणए, से किं तं कायविणए १, २ दुविहे पं० तं० पसत्थकायविणए य अपसत्यकायविए य से किं तं अपसत्यकायविणए १ २ सत्तविहे पं० तं० अणाउत्तं गमणे अणाउत्तं ठाणे अणाउत्तं निसीदणे अणाउत्तं तुअट्टणे अणाउत्तं उल्लंघणे अणाउत्तं पलंघणे अणाउत्तं सद्विंदियकायजोगजुंजणया, से तं अपसत्यकायविए. से किं तं सत्यकायविणए ?, २ एयं (तं चैव पसत्थं भाणिय, से तं पसत्थकायचिणए, से तं कायविणए, से किं तं लोगोवयारविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० अच्भासवत्तियं परच्छंदाणुवत्तियं कज्जहेउं कयपडिकिरिया अत्तगवेसणया देसकालण्णुया सङ्घसु अपडिलोमया से तं लोगोवयारचिणए, से तं विणए से किं तं वेआवचे १, २ दसविहे पं० तं०-आयरियवेआवच्चे उवज्झाय० सेह० गिलाण० तवस्सि० थेर० साहम्मिअ० कुल० गण० संघवेआबच्चे, से तं आवथे, से किं तं सज्झाए १, २ पंचविहे पं० तं० वायणा पडिपुच्छणा परिअट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा, से तं सज्झाए, से किं तं झाणे १, २ चउब्जिहे पं० तं० अट्टज्झाणे रुदज्झाणे धम्मज्झाणे सुकज्झाणे, अट्टज्झाणे चउविहे पं० तं०-अमगुण्णसंपओगसंपत्ते तस्स विप्पओगसतिसमण्णागए यावि भवइ, मणुण्णसंपओगसंपत्ते तस्स अविप्पओगस्सतिसमण्णागए आवि भवइ, आयंकसंपओगसंपत्ते तस्स विप्पओगसतिसमण्णागए आवि भवइ, परिजुसियकामभोगसंपओगसंपत्ते तस्स अविप्पओगसतिसमण्णागए आवि भवइ, अहस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० कंदणया सोअणया तिप्पण्या विलवणया, रुदज्झाणे चउब्विहे पं० तं०-हिंसाणुबंधी मोसाणुबंधी तेणाणुबंधी सारक्खणाणुबंधी, रुदस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० उस्सण्णदोसे बहुदोसे अण्णाणदोसे आमरणंतदोसे, धम्मज्झाणे चउविहे चउप्पडोयारे पं० तं० आणाविजए अवायविजए विवागचिजए संठाणविजए, धम्मरसणं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० आणारुदं णिसम्गरुई उचएसई सुत्तरुई, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पं० तं० वायणा पुच्छणा परियहणा धम्मकहा, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पं० तं० अणिचाणुप्पेहा असरणाणुपेहा एगत्ताणुपेहा संसाराणुपेहा, सुक्कज्झाणे चडविहे चउप्पडोआरे पं० तं० पुहुत्तवियके सविआरी एगत्तवियक्के अविआरी सुहुमकिरिए अप्पडिवाई समुच्छिन्नकिरिए अणियट्टी, सुकस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं०-विवेगे विउस्सग्गे अहे असम्मोहे, सुकस्स णं झाणरस चत्तारि आलंबणा पं० तं० खंती मुत्ती अजवे मद्दवे, सुकस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पं० तं० अवायाणुप्पेहा असुभाणुप्पेहा अणतवत्तिआणुहा विप्परिणामाणुप्पेहा, से तं झाणे, से किं तं विउस्सग्गे १, २ दुविहे पं० तं० दञ्वविउस्सग्गे य भावविउस्सग्गे अ, से किं तं दशविउस्सग्गे १, २ चउविहे पं० तं० सरीरविउस्सग्गे गणविउस्सग्गे उवहिविउस्सग्गे भत्तपाणविउस्सम्गे, से तं दविउस्सग्गे से किं तं भावविउस्सग्गे १, २ तिविहे पं० तं० कसायविउस्सग्गे संसारविउस्सग्गे कम्मविउस्सग्गे से किं तं कसायविउस्सग्गे १, २ चउविहे पं० तं०- कोहकसायविउस्सग्गे माण० माया लोह ० से तं कसायचिउस्स. ग्गे से किं तं संसारविउस्सम्गे ?, चउविहे पं० तं० णेरइअसंसारवि उस्सग्गे तिरिय० मणु० देव०, से तं संसारविउस्सम्गे से किं तं कम्मविउस्सग्गे १, २ अट्टविहे पं० तं० णाणावरणिज कम्मविउस्सग्गे दरिसणावरणिज्ज० वेअणीअ० मोहणीय० आऊअ० णाम० गोअक० अंतरायकम्मविउस्सग्गे, से तं कम्मविउस्सग्गे, से तं भावविउस्सग्गे । २० । तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अणगारा भगवंतो अप्पेगइआ आयारधरा जाव विवागसुअधरा (तत्य तत्थ तहिं तहिं देते देते गच्छागच्छ गुम्मागुम्मिं फड्डाफड्डि पा०) अप्पेगइआ वायंति अप्पेगइआ पडिपुच्छंति अप्पेगइया परियहंति अप्पेगइया अणुप्पेहति अप्पेगइआ अक्खेवणीओ विक्खेवणीओ संवेअणीओ निवे५५९ औपपातिकमुपागं, रामोशारण मुनि दीपरत्नसागर Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प E अणीओ चउबिहाओ कहाओ कहति अप्पेगइया उड्दजाणू अहोसिरा झाणकोट्टोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरति संसारभउधिग्गा भीआ जम्मणजरमरणकरणगंभीरदुक्खपक्खुब्भिअपउरसलिलं संजोगविओगवीचीचितापसंगपसरिजवहवंधमहलविउलकाडोलकरणविलविअलोभकलकलंतचोलबहुलं अवमाणणफेणतिवखिसणपुलंपुलप्पभूअरोगवेअणपरिभवविणिवायफल्सपरिसणासमावडिअकठिणकम्मपत्थरतरंगरंगतनिचमबुभयतोअपट्टे कसायपायालसंकुलं भवसयसहस्सकलुसजलसंचयं पतिभयं अपरिमिअमहिच्छकलुसमतिवाउवेगउधुम्ममाणदगरयरयंधआरवरफेणपउरआसापिवासधवलं मोहमहावत्तभोगभममाणगुप्पमाणुच्छलंतपचोणियत्तपाणियपमायचंडबहुद्द्दसावयसमाहउद्यायमाणपम्भारपोरकंदियमहास्वरवंतभेरवरवं अण्णाणभमंतमच्छपरिहत्यअणिहुतिंदियमहामगरतुरिअचरिअखोखुम्भमाणनचंतचवलचंचलचलंतघुमंतजलसमूह अरतिभयविसायसोगमिच्छत्तसेलसंकडं अणाइसंताणकम्मबंधणकिलेसचिक्खिालसुदुत्तारं अमरनरतिरियनिस्यगइगमणकुडिलपरिवत्तविउलवेलं चउरंतमहंतमणवदग्गं रुह संसारसागरं भीमदरिसणिज तरंति थिइधणिअनिप्पकंपेण तुरियाचवलं संवरवेरम्गतुंगकूवयसुसंपउत्तेणं णाणसितविमलमूसिएणं सम्मत्तविमुबलद्धणिजामएणं धीरा संजमपोएण सीलकलिआ पसत्यज्झाणतववायपणोलिअपहाविएणं उज्जमववसायम्गहियणिजरणजयणउवओगणाणदंसणविसुद्धवय(पर)भंडभरिअसारा जिणवरखवयणोवदिट्टमग्गेणं अकुडिलेणं सिदिमहपट्टणाभिमुहा समणवरसत्यवाहा सुसुइसुसंभासमुपण्हसासा, गामे एगरायं णगरे पंचरायं दूइज्जन्ता जिइंदिया णिन्भया गयभया सचित्ताचित्तमीसिएसु दवेसु बिरागयं गया संजया विरया मुत्ता लहुआ णिरखकंवा साहु णिहुआ चरंति धम्म । २१॥ तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे असुरकुमारा देवा अंतिअंपाउम्भावित्था कालमहाणीलसरिसणीलगुलिअगवलअयसिकुसुमपगासा विअसिअसयवत्तमिव पत्तलनिम्मलई सिंसितरत्ततंत्रणयणा गरुलायतउजुतुंगणासा उवचिअसिलप्पवालविफलसण्णिमाहरोहा पंडुरससिसकलविमलणिम्मलसंखगोक्खीरफेणदगरयमुणालियाधवलदंतसेढी हुयवहणिदंतधोयतत्ततवणिजरत्ततलतालुजीहा अंजणघणकसिणरुयगरमणिजणिद्धकेसा वामेगकुंडलधरा अहचंदणाणुलित्तगत्ता ईसिसिलिंधपुष्फप्पगासाई सुहुमाइं असंकिलिट्ठाई वत्याई पवरपरिहिया वयं च पढमं समतिकता बितिअंच वयं असंपत्ता भहे जोवणे वट्टमाणा तलभंगयतुडिअपवरभूसणनिम्मलमणिरयणमंडिअभुआ दसमुहामंडिअम्महत्या चूलामणिचिंधगया सुरूवा महिड्ढिा महजुतिआ महचला महायसा महासोक्खा महाणुभागा हारविराइतवच्छा कडगतुडिअर्थभिअभुआ अंगयकुंडलमट्ठगडतलकण्णपीढधारी विचित्तवत्याभरणा विचित्तमालामउलिमउडा काणकयपवस्वत्थपरिहिया कल्याणकयपवरमालाणुलेवणा भासुरबोंदी पलंबवणमालधरा दियेणं वण्णेणं दिवेणं गंधेणं दिवेणं रूवेणं दिशेणं फासेणं दिवेणं संघाए(घयणे)णं दिशेणं संठाणेणं दिवाए इड्डीए दिवाए जुत्तीए दिशाए पभाए दिवाए छायाए दिवाए अचीए दिवेणं तेएणं दिवाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिअं आग. मागम्म समर्ण भगवं महावीरं तिक्त्तो आयाहिणं पयाहिणं करेन्ति त्ता बंदंति णमंसंति त्ता णचासणे णाइदूरे सुस्मसमाणा णमंसमाणा अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पजुवासंति ।२२। तेणं कालेणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे असुरिंदवजिआ भवणवासी देवा अंतियं पाउमवित्या णागपइणो सुवण्णा विजू अग्गीआ दीवा उदही दिसाकुमारा य पवणा यणिआय भवणवासी णागफडागरूलवयरपुण्णकलस(संकिण्णउपफेस०पा०)सीहयगयमगरमउडवद्धमाणणिजुत्तविचित्तचिंधगया सुरुवा महिड्ढिया सेसं तं चेव जाव पजुवासंति । २३ । तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे वाणमंतरा देवा अंतिअं पाउच्मवित्था पिसाया भूआ य जक्खरक्वसकिनरकिंपुरिसभुअगवइणो अ महाकाया गंधवणिकाय(प० पह)गणा णिउणगंधवगीतरहणो अणपण्णिअपणपण्णिअइसिवादीअभूअवादीअकंदियमहाकदिा य कुहंड पयए य देवा चंचलचवलचित्तकीलणदवप्पिा गंभीरहसि अभणीअपीअगीअणचणरई वणमालामेलमउडकुंडलसच्छंदविउविआहरणचारुविभूसणधरा सधोउयसुरमिकुसुमसुरइयपलंबसोभंतकंतविअसंतचित्तवणमालरइअवच्छा कामगमी कामरुवधारी णाणाविवण्णरागवरवत्वचित्तचिलियणीयंसणा विविहदेसीणेवत्थगहिअवेसा पमुइअकंदप्पकलहकेलिकोलाहलप्पिआ हासबोलकेलिबहुला अणेगमणिरयणविविहणिजुत्तविचित्तचिंधगया सुरूवा महिड्ढिआ जाव पजुवासंति ।२४॥ तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स जोइसिया देवा अंति पाउभवित्या विहस्सतिचंदसूरसुक्कसणिचरा राहू धूमकेतू बुहा य अंगारका य तत्ततवणिजकणगवण्णा जे गहा जोइसंमि चारं चरंति केऊ अगइरइआ अट्ठावीसविहा य णक्खत्तदेवगणा णाणासंठाणसंठियाओ पंचवण्णाओ ताराओ ठिअलेस्सा चारिणो अ अविस्साममंडलगती पत्तेयं णामंकपागडियचिंधमउड़ा महिड्ढिया जाव पज्जुवासंति ।२५। तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स वेमाणिया (सामाणियतायत्तीससहिया सलोगपालअगमहिसिपरिसाणिजअप्परक्खेहि संपरिखुडा देवसहस्साणुजाया मग्गेहिं पयएहिं समणुगम्मतसस्सिरीया देवसंघजयसद्दकयालोया तरुणदिवागरकरातिरेगप्पहेहिं मणिकणगरयणघडियजालुजलहेमजा. लपेरंतपरिगएहिं सपयरवरमुत्तदामलंचंतभूसणेहिं पचलियघंटावलिमहुरसहवंसतंतीतलतालगीयवाइयरवेणं हतुट्ठमणसा सेसावि य कप्पवरविमाणाहिवा. इत्यादि पा०) देवा अंतिअं पाउम्भवित्था सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंद. बंभलंतकमहासुकसहस्साराणयपाणयारणअच्चुयवई पहिट्ठा देवा जिणदंसणुस्सुगागमणजणियहासा पालकपुष्फकसोमणससिरिवच्छणदिआवत्तकामगमपीइगममणोगमविमलसबओभद्दणामधिज्जेहिं विमाणेहिं ओइण्णा वंदका जिणिदं मिगमहिसवराहछगलददुरहयगयवइभुअगखग्गिउसभंकविडिमपागडियचिंधमउडा पसिढिलवस्मउडतिरीडधारी कुंडलउज्जोविआणणा मउडदित्तसिरया रत्तामा पउमपम्हगोरा सेया सुभवण्णगंधफासा उत्तमविउविणो विविहवत्थगंधमल्लधरा महिड्ढिआ महजुतिआ जाव पंजलिउड़ा पजुवासंति।२६। तए णं चंपाए नयरीए सिंघाडगतिगचउकचच्चरचउम्मुहमहापहपहेसु मया जणसद्देइ वा जणवूहेइ वा (जणवाएइ वा जणुल्लावेइ वा पा०)जणबोलेइ वा जणकलकलेइ वा जणुम्मीति वा जणुकलियाइ वा जणसन्निवाएइ वा बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एवं भासद एवं पण्णवेइ एवं परूबेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीर आदिगरे तित्थगरे सयंसबुद्धे पुरिसुत्तमे जाव संपाविउकामे पुराणुपुर्वि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इहेव चपाए णयरीए बाहिं पुण्णभहे चेइए अहापडिरूवं उग्गहं उम्पिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ, तं महप्फलं खलु भो देवाणुप्पिया! तहारूवाणं अरहताणं भगवंताणं णामगोअस्सवि सवणताए, किमंग पुण अभिगमणवंदणणमंसणपडिपुच्छणपज्जुवासणयाए ?,एकस्सवि आयरियस्स धम्मिअस्स सुक्यणस्स सवणताए?,(१४०) -५६० औपपातिकमुपांगं, सासरण मुनि दीपरत्नसागर dolakha Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किमंग पुण विउलस्स अत्यस्स गहणयाए ?, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो सकारेमो सम्माणेमो कल्लाणं मंगलं देवयं चेहरं [विणएणं] पजुवासामो, एतं णे पेचभवे (इहभवे य पा०)हियाए सुहाए खमाए निस्सेअसाए आणुगामिअत्ताए भविस्सइतिकटु बहवे उग्गा उम्मपुत्ता भोगा भोगपुत्ता एवं दुपडोआरेणं राइण्णा (इक्खागा नाया कोरबा पा०) खत्तिा माहणा भडा जोहा पसन्थारो मलई लेच्छई लेच्छइपुत्ता अण्णे य बहवे राईसरतलवरमाडंचियकोडुचिअइन्भसेहिसेणावइसत्यवाहपभितओ अप्पेगइआ बंदणवत्तिअं अप्पेगइआ पूअणवत्तिअं एवं सकारवत्तियं सम्माणवत्तिय सणवत्तियं कोऊहलवत्तियं अप्पेगइआ अट्टविणिच्छयहां अम्सुयाइं मुणेस्सामो सुयाई निस्संकियाई करिस्सामो अप्पेगइआ अट्ठाई हेऊई कारणाई बागरणाइं पुच्छिस्सामो अप्पेगइआ सवओ समंता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिअं पत्रइस्सामो अपे० पंचाणुवइयं सत्तसिक्वावइयं दुवालसविह गिहिधम्म पडिवजिस्सामो अप्पेगइआ जिणभत्तिरागणं अप्पेगइआ जीअमेतिकटु व्हाया कयबलिकम्मा कयकोऊयमंगलपायच्छित्ता (पाउच्छोलणधोया पा०) सिरसाकंठमालकडा आविद्धमणिसुवण्णा कप्पियहारऽवहारतिसरयपालंचपलंचमाणकडिसुत्तयसुकयसोहाभरणा पववत्थपरिहिया चंदणोलित्तगायसरीरा अप्पेगइआ हयगया एवं गयगया रहगया (जाणजुग्गजपाणगिलिथिलि०पा०)सिबियागया संदमाणियागया अप्पेगइआ पायविहारचारिणो पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता(वग्गावम्गि गुम्मागुम्मि पा०) महया उकिडिसीहणायबोलकलकलरवेणं पक्सुम्भिअमहासमुदखभूतंपिव करेमाणा (पायदहरेणं भूमि कंपेमाणा अंबरतलमिव फोडेमाणा एगदिसि एगाभिमुहा पा०) यंपाए णयरीए मझमझेणं णिग्गच्छति ता जेणेव पुण्णभहे चेइए तेणेव उवागच्छंति त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्ताईए तित्ययराइसेसे पासंति त्ता जाणवाहणाई ठावइति (विट्ठभंति पा०) ताजाणवाहणेहिंतो पचोरुहतित्ताजेणेव समणे भगवं महावीर तेणव उवागच्छतित्ता समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करति त्ता चंदति णमसतित्ताणचासण्णे णाइदरे सुस्मुसमाणा णमंसमाणा अभिमहा चि पंजलिउडा पजुवासंति (जाणाई मुयंति वाहणाई विसजेंति पुष्फतंबोलाइयं आउहमाइयं सचित्तालंकारं पाहणाओ य, एगसाडियं उत्तरासंग, आयंता चोक्खा परमसुईभूया अभिगमेणं अभिगच्छति, चक्खुष्फासे०, मणसा एगतिभावकरणेणं, सुसमाहिपसंतसाहरियपाणिपाया अंजलिमउलियहत्या, एवमेयं भंते ! अवितहमेयं असंदिद्धमेयं इच्छियमेयं पडिच्छियमेयं इच्छियपडिच्छियमेयं सो णं एसमढे, माणसियाए तचित्ता तम्मणा तलेस्सा तयज्नव चयणधम्माणुरागरत्तमणा वियसियवरकमलनयणवयणा, समासरणाइगबंसह आगतारसुवा आरामागारसुवा आएसणंसु वा आवसहेसु वा पणियगेहेसु वा पणियसालासु वा जाणगिहेसु जाणसालासु कोट्ठागारेसु सुसाणेसु सुन्नागारेसु परिहिंडमाणे परिघोलेमाणे पा)।२७। तए णं से पवित्तिवाउए इमीसे कहाए लबट्टे समाणे हद्वतुढे जाव हियए हाए जाब अप्पमहम्पाभरणालंकिअसरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइत्ता चपाणयरिं मझमझेणं जेणेव बाहिरिया सवेव हेडिडा बनाया जाब णिसीयइ ना तस्स पवित्तिवाउअस्स अदत्तेरससयसहम्साई पीइदाणं दलयति ना सकारे सम्माणे ता पडिविसजेद।२८ा तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते बलवाउअं आमंतेह ना एवं व०-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिा ! आभिसेकं हस्थिरयणं पडिकप्पेहि. हयगयरहपवरजो. हकरिअंच चाउगिांण सण सण्णाहाह,सुभद्दापमुहाण यदेवाण बाहिरियाए उबट्ठाणसालाए पाडिएकपाडिएकाई जत्नाभिमुहाई जुत्ताई(जग्गाईपा०) जाणाई उबट्टबेह, चंप णयरि सम्भितरबाहिरिअं आसित्त(सम्मजिओय. लिनं सिंघाडगतिगचउकचचरचउम्मुहमहापहपहेसु पा०) सितसित्तसुरइयसम्मट्टदुरत्यंतरावणवीहियं मंचाइमंचकलिअंणाणाविहरागउच्छियज्झयपडागाइपडागमंडिअंला उस्लोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदणजावगंधवडिभूअं करेह कारहत्ता एअमाणनि पचप्पिणाहि निजाइस्सामि समणं भगवं महावीरं अभिबंदए।२९। नए णं से बलवाउए कुणिएणं रण्णा एवं वुले समाणे हद्दतुट्टजावहि अए करयलपरिग्महि सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं सामिनि आणाए विणएणं वयणं पडिमुणेइ ना हस्थिवाउअं आमंतेह ता एवं व०-खिप्पामेव भो देवाणप्पिआ! कृणिअम्स रष्णो भंभसारपुत्तस्स आभिसेकं हस्थिरयणं पडिकप्पेहि हयगयर ना एजमाणनि पचप्पिणाहि. तए णं से हत्थिवाउए बलबाउअस्स एअमट्टं सोचा आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ ना छेआयरियउचएसमइविकप्पणाविकप्पेहि सुणि उणेहिं उज्जलणेवत्वहत्यपरिवस्थिों मुसज चम्मिअसण्णबदकवइयउत्पीलियकच्छवच्छगेवेयबद्गलवरभूसणविरायनं अहियतेअजुत्तं (सललिअपा) वरकण्णपूरविराइअंपलंबउबूलमहुअर(विरइयवस्कण्णपूरसत्यलियपलंचावचूलचामरोकर पा)कयधयारं चित्तपरिचअपच्छर्य (सचा गभरिअजसज सम्छनं सज्झयं सघंटे सपडाग पंचामेलअपरिमंडिआभिरामं ओसारियजमलजुअलघंट विपिणईव कालमेहं उपाइयपवयंव चंकमन (सक्खं पा०) मनं गलगन (महामेघव वणजहण(सिम्घ पा)वेगं भीमं संगामियाऔजं आभिसेकं हस्थिरयणं पडिकप्पइ त्ता हयगयरहपवरजोहकलियं चाउरंगिणि सेणं सण्णाहेइ त्ता जेणेव चलवाउए तेणेच उवागच्छइ ना एअमाणनि पञ्चपिणइ. नए णं से बलवाउए जाणसालिशं सदावेइ ना एवं व-विप्पामेव भो देवाणुप्पिआ! सुभदापमुहाणं देवीणं वाहिरियाए उवट्ठाणसालाए पाडिएकपाडिएकाई जत्ताभिमुहाई जुनाई जाणाई उचट्ठवेह ला एअमाणनि पञ्चप्पिणाहि. तए ण से जाणसालिए बलवाउअस्स एअमर्ड्स आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ त्ता जेणेव जाणसाला तेणेव उवागच्छइ ता जाणाई पचुवेक्खेइ ना जाणाई संपमजेइ ना जाणाई संबडेइ ना जाणाई णीणेइ ना जाणाणं दूसे पवीणे ना जाणाई समलंकरेइ त्ता जाणाई वरभंडकमंडियाई करेति त्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छइत्ता वाहणाई पचुवेक्खेइ त्ता वाहणाई संपमजइत्ता वाहणाई गीणेइना वाहणाई अप्फालेइ ना दूसे पत्रीणेड़ ना वाहणाई समलंकरेइ ना वाहणाई वरभंडकमंडियाई करेइ त्ता वाहणाई जाणाई जोएइ त्ता पओदलट्टि पओअधरे असंमं आडहइत्ता वट्टमग्गं गाहेइत्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छद ना बलवाउअस्स एअमाणत्ति पञ्चप्पिणइ, नए णं से बलवाउए णयरगुत्तिए आमंतेइ त्ता एवं व०-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! चंपंणयरिं सम्भितरबाहिरियं आसित्त जाव कारवेत्ता एअमाणत्ति पचप्पिणाहि, तए णं से णयरगुत्तीए बलवाउअस्स एअमई आणाए विणएणं पडिसुणेइ ना पं ५६१ औपपातिकमपांग मरम मुनि दीपरतसागर Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णपरि सम्भितरवाहिरियं आसिन जाव काखेत्ता जेणेच बलवाउए तेणेव उवागच्छइत्ता एअमाणत्ति पच्चप्पिणइ. तए णं से चलबाउए कोणि अस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स आभिसेकं हस्थिस्यणं पडिकप्पि पासइ हयगय जाव सण्णाहि अं पासइ सुभदापमुहाणं देवीणं पडिजाणाई उवट्ठविआई पासइ चंपं णयरिं सभितरजाव गंधवट्टिभूअं कयं पासइ त्ता हट्टतुट्ठचित्तमाणदिए पीअमणे जाव हिअए जेणेव कूणिए राया भंभसारपुत्ते तेणेव उवागच्छद ना करयल जाव एवं य०. कपिए णं देवाणुप्पियाणं आभिसिके हस्थिरयणे हयगयपवरजोहकलिआ य चाउरंगिणी सेणा सण्णाहिआ सुभद्दापमुहाणं च देवीणं पाहिरियाए अ उबट्ठाणसालाए पाडिएकपाडिएकाई जनाभिमुहाई जुनाई जाणाई उबट्टावियाई चंपा णयरी सभितरवाहिरिया आसित्तजाव गंधवट्टिभूआ कया तं निजंतु णं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीरं अभिवंदआ।३०। तए णं से कूणिए राया भभसारपुने बलबाउअस्स अंतिए एयमई सोचा णिसम्म हट्टतुट्टजावहि अए जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ त्ता अट्टणसालं अणुपविसइ त्ता अणेगवायामजोग्गवग्गणवामद्दणमङजुद्धकरणेहिं संते परिस्सते सयपागसहस्सपागेहिं सुगंधतेलमाइएहिं दप्पणिज्जेहिं मयहिजेहिं बिहणिजेहिं सञ्चिदियगायपल्हायणिज्जेहिं अभंगेहिं अभंगिए समाणे तेडचम्मंसि पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलेहिं पुरिसेहिं छेएहिं दक्खेहि पत्तद्देहिं कुसलेहिं मेहाबीहिं निउणसिप्पोवगएहि अभंगणपरिमदणुबलणकरणगुणणिम्माएहिं अडिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउबिहाए संवाहणाए संवाहिए समाणे अवगयखेअपरिस्समे अट्टणसालाउ पडिणिक्खमइत्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छद ना मजणघरं अणुपविसइ ना समुस(समन्त पा०)जालाउलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुहिमतले रमणिजे पहाणमंडवंसि णाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि हाणपीटंसि सुहणिसण्णे सुद्धोदएहिं गंधोदएहिं पुष्फोदएहिं सुहोदएहिं पुणो कल्लाणगपवरमजणविहीर मजिए तत्थ कोउअसएहि बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमजणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाइयलूहि अंगे सरससुरहिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंयुए सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्यमणिसुवण्णे कप्पियहारदहारतिसरयपालंचपलंबमाणकडिसुत्तसुकयसोभे पिणगेविजे अंगुलिजगललियगललियकयाभरणे बरकडगतुडियथंभिअभए अहियरुवसस्सिरीए (महिआपिंगलंगुलिए कुंडल पा०)उज्जोविआणणे मउडदिनसिरए पालंबपलंबमाणपडसुकयउत्तरिज्जे णाणामणिकणगरयणविमलमहरिहणिउणोविअमिसिमिसंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठआबिद्धवीरवलए, किंबहुणा?,कप्परुक्खए व अलंकियविभूसिएणरवई सकोरंटमलदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं (अब्भपडलपिंगलुज्जलेण अविरलसमसहियचंदमंडलसमप्पमेणं मंगलसयभत्तिच्छेयविचित्तियखिखिणिमणिहेमजालविरइयपरिमयपेरंतकणगघंटियापयलियकिणिकिणितसुइसुहसुमहुरसहालसो. हिएणं सप्पयरवरमुत्तसमलंबंतभूसणेणं नरिंदवामप्पमाणरूंदपरिमंडलेणं सीयायक्वायवरिसविसदोसनासणेणं तमस्यमलबहलपडलधाणप्पभाकरेणं उउसुहसिवच्छायसमणुबद्धेणं वेरुलियदंडसज्जिएणं वइरामयवस्थिनिउणाजोइयअसहस्सवरकंचणसलागनिम्मिएणं सुनिम्मलरययसुच्छएणं निउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणसूरमंडलवितिमिरकर निग्गयग्गपडियपुणरविपञ्चायडंतचंचलमिरिइकवयं विणिम्मुयंतेणं सपडिदंडेणं धरिजमाणेणं आयवनेणं विरायंते पा०) चउचामरवालवीजियंगे (चउहि य ताहि य) पवरगिरिकुहरविचरणसुमुइयनिरुवह्यचमरपच्छिमसरीरसंजायसंगयाहिं अमलियसियकमलविमलजलियरययगिरिसिहरविमलससिकिरणसरिसकलधोयनिम्मलाहिं पवणायचवलललियतरंगहत्यनचंतबीइपसरियखीरोदगपवरसागरुप्पूरचंचलाहिं माणससरपरिसरपरिचियावासविसयवेप्साहिं कणगगिरिसिहरसंसियाहिं उबइयउप्पइयतुरियचवलजइणसिग्धवेयाहिं हंसवधूयाहिं चेव कलिए णाणामणिकणगरयणविमलमहरिहतवणिजुज्जलविचित्तदंडाहिं चिल्लियाहि नखइसिरिसमुदयपगासणकरीहि वरपट्टणुग्गयाहिं समिद्धरायकुलसेवियाहिं कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुकवरवण्णवासगंधुद्धयाभिरामाहिं सललियाहिं उभओपासमि उक्विप्पमाणाहिं चामराहिं सुहसीयलवायवीइयंगे पा०) मंगलजयसहकयालोए मजणघराओ पडिनिक्खमइ त्ता अणेगगणनायगदंडनायगराईसरतलवरमाडंपियकोडुंबियइम्भसेडिसेणावइसत्यवाहदूअसंधिवाल सद्धिं संपरिखुडे धवलमहामेहणिग्गएइव गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससिव पिअदसणे णरवई जेणेव बाहिरिआ उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेके हस्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ त्ता अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई णरवई दुरुडे, तए णं तस्स कृणियस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स आभिसिकं हस्थिरयणं दुरुढस्स समाणस तपढमयाए इमे अट्ठमंगलया पुरओ अहाणुपुवीए संपडिआ, तं०-सोवत्थियसिविच्छणंदिआवत्तबदमाणकभहासणकलसमच्छदप्पणा, तयाऽणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगारं दिवा य छत्तपडागा सचामरा दसणरइअआलोअदरिसणिज्जा वाउदयविजयवेजयंती उस्सिआ गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहाणपछीए संपडिआ, तयाऽणंतरं च णं वेरुलियभिसंतविमलदंडं पलंचकोरंटमलुदामोवसोभियं चंदमंडलणिभं समूसिअविमलं आयवत्तपवरं सीहासणं वरमणिरयणपादपीढं सपाउआजोयसमाउत्तं बहु(दासीदास पा०)किंकरकम्मकरपुरिसपायत्तपरिक्खित्तं पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठियं, तयाऽणतरं बहवे असिग्गाहा लट्टिग्गाहा कुंतग्गाहा चावगाहा चामरग्गाहा पासम्गाहा पोत्थयगाहा फलकम्गाहा पीढग्गाहा वीणम्गाहा कूडम्गाहा हडप्फग्गाहा पुरओ अहाणुपुबीए संपट्टिआ, तयाऽणंतरं बहवे इंडिणो मुंडिणो सिहंडिणो जडिणो पिछिणो हासकरा डमरकरा चाडुकरा बादकरा कंदप्पकरा दबकरा कोकुइआ किट्टि(ति)करा बायंता गायंता हसंता णचंता भासंता साता रक्खंता (पबिंता पा०) आलोअंच अहाणुपुबीए संपट्टिआ,('असिलढिकुंतचावचामरपासेय फलगपोत्ये यावीणाकडग्गाहे तत्तोय हडप्फगाहे य॥१॥ दंडी मंडी सिहंडी पिच्छी जडिणोर वायंता नचंता तह हसंत हासिंता। सावेंता राता आलोयजयं पउंजंता ॥३॥पा०) तयाऽणंतरं जच्चाणं तरमल्लिहायणाणं (वरमल्लिभासणाणं पा०) हरिमेलामउलमल्लियच्छाणं चंचुच्चियललिअपुलियचलचवलचंचलगईणं लंघ. णवम्गणधावणधोरणतिवईजइणसिक्खिअगईणं ललंतलामगललायवरभूसणाणं मुहभंडगउचूलगथासगअहिलाणचामरगण्डपरिमंडियकडीणं किंकरवरतरुणपरिग्गहिआणं अट्ठसयं वरतुरगाणं पुरओ अहाणुपुबीए संपट्टिय, तयाऽणं. तरं च णं इसीदंताणं ईसीमत्ताणं ईसीतुंगाणं ईसीउच्छंगविसालधवलदंताणं कंचणकोसीपविट्ठदंताणं कंचणमणिरयणभूसियाणं वरपुरिसारोहग(सु पा०)संपउत्ताणं अट्ठसयं गयाणं पुरओ अहाणुपुत्रीए संपट्ठियं, तयाऽणंतरं सच्छत्ताणं ५६२ औषपातिकमुपांगं, aamire मुनि दीपरनसागर Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सज्झमाणं सटाणं सपडागाणं सतोरणवराणं सगंदिघोसाणं सखिखिणीजालपरिक्खित्ताणं हेमवयचित्ततिणिस कण कणिजुतदारुणं कालायससुकयणेमिजंतकम्माणं सुसिलिट्टवत्त (सुसंविद चक पा०) मंडलघुराणं आइण्णवरतुरगसुसंपउत्ताणं कुसलनरच्छे असारहि सुसंपग्गहिआणं (हेमजालगव कुखजालखिखिणिघंटाजालपरिक्खित्ताणं पा० ) बत्तीसनोणपरिमंडिआणं सकंकडवडेंसकाणं सचावसरपहरणावरण भरिअजुद्धसज्जाणं असयं रहाणं पुरओ अहाणुपुबीए संपट्टियं. तयाऽणंतरं च णं असिसत्तिकांत तोमरसूलउड भिडिमालधणुपाणिसज्जं पायत्ताणीयं ( सन्नद्धवद्धयम्मियकवइयाणं पा० ) पुरओ अहाणुपुत्रीए संपट्टिजं, तए णं से कूणिए राया हारोत्ययसुकयरयवच्छे कुंडलउज्जोवि आणणे मउदितसिरए णरसीहे णरवई गरिंदे णरवसहे मणुअरायवसभकप्पे अम्महिअरायतेअलच्छीए दिप्पमाणे हत्यिक्धवरगए सकोरंटमहदामेणं छत्तेणं धरिनमाणेणं सेअवरचामराहिं उद्धृवमाणीहिं २ वेसमणीचेव परबई अमरवईसण्णिभाए इइटीए पहियकित्ती हयगय रहपवर जोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए समणुगम्यमाणमग्गे जेणेव पुष्णभद्दे चेइए तेणेव पहारित्थ गमणाए. तए णं नस्स कूणिअस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स पुरओ महंआसा आसरा (वरा पा० ) उभओ पासि जागा नागधरा पिटुओ रहसंगेडी, तए णं से कूणिए राया मंभसारवृत्ते अध्भुम्गयभिंगारे पग्गहियतालियंटे उच्छियसे अच्च्छते पवीइ अवालवीयणीए सचिड्ढीए सबजुनीए सबबलेणं सहसमुदएणं सादरेण सविभूईए सचिभूसाए सत्रसभमे सपुष्पगंधवासमहालंकारेण (ससंभ्रमेणं पगईहिं नाथ (ड) गेहिं तालायरेहिं सोरोहेहिं सपुष्पवत्थ गन्धमाडालंकारविभूसाए पा० ) सङ्घडिअसदसण्णिणाएणं महया इड्ढीए महया जुत्तीए महया चलेणं महया समुदएणं महया वस्तुडिअजमगसमगप्पबाइएण संखपणवपटहमेरिझहरिखरम् हि हुदुकमुखमु अंगदंदुभिणिग्घोसणाइयरवेणं चंपाए णयरीए मज्झमज्झे गं णिग्गच्छइ । ३ १ । तए णं कूणि अस्स रण्णो चंपानगरि मज्झमज्झेणं णिग्गच्छमाणस्स बहवे अत्थत्थिया कामत्थिया भोगत्थिया किच्चिसिआ करोडिआ लाभन्थिया कारवाहिया संखिआ चक्किया णंगलिया मुहमंगलिआ वद्धमाणा पुस्समाणवा खंडियगणा ताहिं इलाहिं कंताहिं पिजहिं मणुष्णाहि मणामाहिं मणोभिरामाहिं हिययगमणिजाहिं (मणोभिरामाहिं उरालाहि कडाणाहिं सिवाहिं घण्णाहिं मंगलाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिजाहिं हिययपल्हायणिजाहिं मियमदुरगंभीरगाहिगाहिं अट्टसइयाहिं अपुणरुत्ताहि पा० ) जयविजयमंगलसएहिं अणवश्यं अभिनंदता य अभिधुणंता य एवं व० जय २ गंदा! जय २ भद्दा भदं ते अजियं जिणाहि जिअं च पालेहि जिअमज्झे बसाहि इंदोइव देवाणं चमरोइव असुराणं धरणोइव नागाणं चंदोइव ताराणं भरहोइव मणुआणं बहूई बासाई बहु वाससआई बहूई वासस्य (वास) सहस्साई अणहसमग्गो हडतुट्टो परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरिवुड चंपाए णयरीए अण्णेसिं च बहूणं गामागरणयरखेडकब्बडमडंबदोणमुह पट्टण आसमनिगमसंवाहसंनिवेसाणं आहेबचं पोरेषचं सामित्तं मट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावचं कारेमाणे पालेमाणे मयाऽऽह यणट्टगीयवाइयतंतीतलताललुडियघणम् अंगपदुप्पवाइ अरवेणं बिउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहराहित्तिकट्ट् जय२सदं परंजति तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते णयणमालासहस्सेहिं पेच्छिजमाणे २ हिअयमात्यसहस्सेहिं अभिनंदिजमाणे २ (उन्नइजमाणे पा०) मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिन्पमाणे २ वयणमालासहस्सेहिं अभिवमाणे २ कंनिसोहग्गगुणेहि परिमाणे २ बहूणं णरणारीसहस्साणं दाहिणहत्येणं अंजलिमालासहस्साई पडिच्छमाणे २ मंजुमंजुणा घोसेणं पडिज्झमाणे २ भवणपतिसहस्साई समइच्छमाणे २ (तंतीतलतालवुडियगीयवाइयरवेणं महुरेणं जयसद्दुग्घोसवि (मी)सएणं मंजुमंजुणा घोसेणं अपडिबुज्झमाणे पा० ) चंपाए णयरीए मज्संमज्झेणं णिमाच्छइ ता जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छ ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्ताईए तिरथराइसेसे पासइ ना आभितेकं हत्थिरयणं ठवेइ त्ता आभिसेकाओ हत्थिरयणाओ पचोरुहइ ता अवहट्ट पंच रायककुहाई, तं० खग्गं छत्तं उपफेस वाहणाओ वालवीअणं, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छत्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छति तं सचित्ताणं दद्वाणं विउसरणयाए अचित्ताणं दद्वाणं अविसरणयाए एगसाडियउत्तरासंगकरणेणं चक्खुफासे अंजलिपग्गहेणं (चक्ष्फासे हथि कुखंधविभणयाए पा० ) मणसो एगत्तीभावकरणेणं समणं भगवं महावीरं तिक्खुतो आयाहिणपयाहिणं करेइ ता वंदति णमंसति ता तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासद् तं० काइयाए बाइयाए माणसियाए, काइयाए ताव संकु इअग्गहृत्थपाए सुस्सूसमाणे णमसमाणे अभिमुद्दे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासइ वाइयाए जं जं भगवं वागरेद् एवमेअं भंते! तहमेयं भंते! अवितहमेयं भंते! असंदिद्धमेअं भंते! इच्छिअमेअ भंते! पडिच्छअमेअ भंते! इच्छि यपडिच्छियमेअं भंते! से जहेयं तुम्मे दह अपडिकूलमाणे पज्जुवासति माणसियाए मया संवेगं जणइत्ता विधम्माणरागरतो पज्जुवासइ । ३२। तए णं ताओ सुमद्दापमुहाओ देवीओ अंतो अंतेउरंसि व्हायाओ जाव पायच्छित्ताओ सवालंकारविभूसियाओ बहूहिं खुजाहि चिलायाहि वामणीहिं वडभीहिं बच्चरीहिं पया उसियाहिं जोणिआहिं पविआहिं इसिगिणिआहिं वासिइणिआहिं लासियाहिं लउसियाहिं सिंहलीहि दमिलीहिं आरचीहिं पुलंदीहिं पकणीहिं पहलीहि मुरुडीह सबरियाहि पारसी हि णाणादेसी (प्र० हि य) विदेसपरिमंडिआहि इंगियचिंतियपत्थिय ( मनोगत पा० ) विजाणियाहिं संदेसवत्थ गहियवेसाहिं चेडियाचकवालवरिस धरकंचुइज महत्तर गवंदपरिक्खिताओ अंते उराओ णिम्गच्छति ता जेणेव पाडिएकपाडिएकाई जाणाई तेणेव उवागच्छन्ति ता पाडिएकपाडिएकाई जत्ताभिमुहाई जुत्ताइं जाणाई दुरुहंति सा णिअगपरिआल सद्धिं संपरिवुडाओ चंपाए णयरीए मज्संमज्झेणं णिग्गच्छति ता जेणेव पुष्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छति सा समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्तादिए तित्ययरातिसेसे पासंति ता पाडिएकपाडिएकाई जाणाई ठवंति ता जाणेहिंतो पचोरुहंति ता बहूहिं सुजाहिं जाव परिक्खित्ताओ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति सा समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छति तं० सचित्ताणं दद्वाणं विउसरणयाए अचित्ताणं दद्वाणं अविउसरणयाए विणओणताए गायलडीए चक्खुफासे अंजलिपग्गहेणं मणसो एगत्तभावकरणेणं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेन्ति त्ता बंदंति णमंसंति ता कूणियरायं पुरओ कट्टु ठिइयाओ चैव सपरिवाराओ अभिमुहाओ विणएणं पंजलिउडाओ पज्जुवासंति । ३३ । तए णं समणे भगवं महावीरे कूणिअस्स भंभसारपुत्तस्स सुभद्दाप्पमुहाणं देवीणं तीसे अ महतिमहालियाए परिसाए इसीपरिसाए मुणिपरिसाए जइपरिसाए देवपरिसाए अणेगसयाए अणेगसयवंदाए ५६३ औपपातिकमुपागं समोसरण मुनि दीपरत्नसागर Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणेगसयवंदपरिवाराए ओहवले अइबले महन्मले अपरिमिअचलवीरिवतेयमाहण्यकतिजुत्ते सारयनवत्थणियमहुरगंभीरकोंचणिग्योसदुंदुभिस्सरे उरेवित्थडाए कंठेऽपवियाए सिरे समाइण्णाए अगरलाए अमम्मणाए सबक्वरसविणवाइयाए पुण्णरत्नाए सबभासाणुगामिणीए सरस्सईए (फुडविसयमहुरगंभीरगाहियाए सबक्खरसण्णिवाइयाए पा०) जोयणणीहारिणा सरेणं अदमागहाए भासाए भासति अरिहा धम्म परिकहेइ. तेसि सबेसि आरियमणारियाणं अगिलाए धम्ममाइक्खइ, साऽविय णं अहमागहा मासा तेसिं सवेसिं आरियमणारियाणं अप्पणो सभासाए परिणामेणं परिणमइ तं०-अस्थि लोए अत्थि अलोए एवं जीचा अजीवा बंधे मोक्वे पुष्णे पावे आसचे संघरे वेयणा णिजरा अरिहंता चकवट्ठी बलदेवा वासुदेवा नरका गेहया तिरिक्खजोणिआ तिरिक्खजोणिणीओ माया पिया रिसओ देवा देवलोआ सिद्धी सिद्धा परिणिधाणं परिणिच्या अस्थि पाणाइचाए मुसावाए अदिण्णादाणे मेहणे परिग्गहे अस्थि कोहे माणे माया लोभे जाप मिच्छादसणसते अस्थि पाणाहवायवेरमणे मुसाचायवेरमणे अदिण्णादाणवेस्मणे मेहुणवेरमणे परिगहवेरमणे जाब मिच्छादसणसातवियेगे सर्व अस्थिभावं अस्थिति वयति सच णस्थिभावं णन्थिनि वयति सुचिण्णा कम्मा सुचिण्णफला भवति दुषिण्णा कम्मा दुधिण्णफला भवंति फुसह पुण्णपाचे पञ्चायति जीवा, सफले कलाणपायए धम्ममाइक्खाइ-इणमेच णिमांये पावयणे सचे अणुतरे केवलिए संमुद्दे पडिपुण्णे - आउए सालकत्तणे सिद्धिमगे मुत्तिमम्गे णिशाणमग्गे जाणमग्गे अवितहमविसंधि सबदुक्खप्पहीणमग्गे इहडिआ जीवा सिजति पुज्झति मुचंति परिणिवायंति सादुक्रवाणमंत करंति, एगचा पुण एगे भयंतारो पुषफम्मावसेसेणं अण्णवरेसु देवलोएस देवत्ताए उववत्तारो भवंति महइडीएसु जाच महासुक्खेसु दूरंगइएसु चिरट्टिईएसु, ते णं तत्थ देवा भवंति महड्ढिया जाव चिरहिईआ हारविराइयवच्छा जाव पभासमाणा कप्पोषगा गतिकरलाणा आगमेसिभदा जाच पडिरूवा. तमाइक्खइ एवं खलु चउहिं ठाणेहिं जीवा जेरइअत्ताए कम्मं पकरंति त्ता मेरइएसु उवयजति तं०-महारंभयाए महापरिगयाए पंचिंदियवहेणं कुणिमाहारेणं, एवं एएणं अभिन्यावेणं तिरिक्खजोणिएमु माइलयाए णिअडिइयाए अलिअवयणेणं उकंचणयाए वंचणयाए मणुस्सेसु पगतिभदयाए पगतिविणीतताए साणुकोसयाए अमच्छरियताए देवेसु सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं अकामणिजराए बालनचोकम्मेणं तमाङ कबह-जह णरगा गम्मति जे णरगा जा य वेयणा णरए। सारीरमाणसाइं दुक्खाई तिरिक्सजोणीए॥१॥ माणुस्सं च अणिचं वाहिजरामरणवेयणापउरं । देवे देवलोए देविहिंद देवसोक्खाई ॥२॥णरगं निरिक्वजोणिं माणुसभावं च देवलो च। सिद्ध अ सिदवसहिं छजीवणियं परिकहेड ॥३॥जह जीवा बझती मुचंती जह य परिकिलिस्संति। जह दुक्खाणं अंतं करंति केई अपडिवदा ॥४॥ अदुहरणिय पा०)हियचित्ता जह जीचा दुक्खसागरमुर्विति। जह वेरम्गमुगया कम्मसमुग्गं बिहाडति ॥५॥ (एवं खलु जीवा निस्सीला णिजया णिग्गुणा निम्मेरा णिप्पचक्याणपोसहोववासा अकोहा णिकोहा छोणकोहा अणुपुत्रेणं पा०) जहा रागेण कडाणं कम्माणं पावगो फलविवागो जह य परिहीणकम्मा सिद्धा सिदालयमुर्विति, तमेव धम्मं दुविहं आइक्खइ, तं०- अगारचम्म अणगारधम्मं च, अणगारधम्मो ताव इह खलु सबओ सवत्ताए मुंडे भवित्ता आगारातो अणगारियं पत्रयइ सबाओ पाणाइनायाओ वेरमणं मुसावाय अदिण्णादाण मेहुणः परिग्गहराईभोयणाउ वेरमणं, अयमाउसो ! अणगारसामइए धम्मे पं०, एअस्स धम्मस्स सिक्खाए उपट्ठिए निम्नथे वा निम्गंधी वा विहरमाणे आणाए आराहए भपति, अगारधम्म दुवालसविहं आइक्वइ, नं०-पंच अणुवयाई तिणि गुणवयाइं चत्तारि सिक्खावयाई, पंच अणुवयाई, तं०-धूलाओ पाणाइवायाओ बेरमणं यूलाओ मुसाबायाओ धूलाओ अदिशादाणाओ० सदारसंतोसे इच्छापरिमाणे तिषिण गुणत्रयाई नं०- अणत्यदंडवेरमणं दिसिश्यं उपभोगपरिभोगपरिमाणं, चत्तारि सिक्खावयाई तं०-सामाइ देसावगासियं पोसहोववासे अतिहिसंजयस्स विभागे, अपच्छिमा मारणंनिआ संलेहणाजूसणाराहणा, अयमाउसो! अगारसामाइए धम्मे पं०. धम्मस्स सिखाए उवहिए समणोवासए समणोकासिआ वा विहरमाणे आणाइ आराहए भवति । ३४। तए णं सा महनिमहालिया मणूसपरिसा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंनिए धम्मं सोचा णिसम्म हतुजावहिया उट्ठाए उद्देति त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ ता वंदति णमंसति त्ता अत्येगइआ मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पपइया, अत्थेगइआ पंचाणवइयं सनसिक्वावइ दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवण्णा, अवसेसा णं परिसा समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसति त्ता एवं 4०-सुअक्खाए ते भंते! णिग्गंथे पावयणे एवं सुपण्णत्ते सुभासिए सुविणीए सुभाषिए अणुत्तरे ते भंते ! णिग्गये पावयणे, अम्मं णं आइ. क्यमाणा नुम्भे उपसमं आइक्वह उवसमं आइक्समाणा विवेगं आइक्खह विवेगं आइक्खमाणा वेरमणं आइक्सह वेरमगं आइक्खमाणा अकरणं पावाणं कम्माणं आइक्खह, णत्यि गं अण्णे केई समणे वा माहणे वा जे एरिसं धम्ममाइस्वित्तए किमंग पुण इनो उत्तरतरं?, एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउम्भूआ तामेव दिसं पडिगया।३५। तए पं कृणिए राया भंभसारपुत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोचा णिसम्म हडतहजाचहियए उहाए उद्देह ना समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेति ता वंदति णमंसति ता एवं व०-सुअक्खाए ते भंते ! णिगये पावयणे जाव किमंग पुण एत्तो उत्तरतरं ?, एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउम्भूए तामेव रिर्स पडिगए।३६ । नए णं ताओ सुभद्दापमुहाओ देवीओ समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोचा णिसम्म हडतुट्ठजावहिजयाओ उहाए उद्वेइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्त्तो आयाहिणं पयाहिणं करेन्ति त्ता वदंति णमसंनि ना एवं 4०-मुअक्खाए गं ते भंते! णिमांचे पावयणे जाव किमंग पुण इत्तो उत्तरतरं ?, एवं वदित्ता जामेव दिसिं पाउम्भूआओ तामेव दिसि पडिगयाओ, समोसरणं,समनं ३७ तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महा. वीरम्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूई नाम अणमारे गोयमसगोतेणं सतुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए पहरोसहनारायसंघयणे कणगपुलगनियसपम्हगोरे उम्गतवे दित्ततवे तत्ततये महातवे घोरतये उराले घोरे घोरगुणे पोरतपस्सी घोरमचेखासी उच्छूढसरीरे सवित्तविउलतेअलेस्से समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उड्दजाणू अहोसिरे झाणकोडोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति, नए णं से भगवं गोअमे जायसड्ढे जायसंसए जायकोऊहल्ले उप्पण्णसडढे उप्पण्णसंसए उप्पण्णकोउहते संजायसड्ढे संजायसंसए संजायकोउहाले समुप्पण्णसड्ढे समुप्पण्णसंसए समुपणकोउहाले उडाए उद्देइत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति त्ता समणं भगवं महावीर तिक्त्तो आयाहिणं पयाहिणं करेति त्ता वंदति णमंसति त्ता पचासणे णाइतूरे सुस्पसमाणे गमंसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पजुवासमाणे एवं व०- जीवे गं भंते ! असंजए अरिए अप्पडिहयपचक्खायपावकम्मे (१४१) ५६४ औपपानिकम्पांगं, उक्याइय' मुनि दीपरवसागर MEENA 101 Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सकिरिए असंबढे एगंतदंडे एगंतवाले एगंतमुत्ते पावकम्म अण्हानि', हंता अण्हाति, जीवे णं भंते ! असंजयअविरयअप्पडिहयपञ्चक्यायपावकम्मे सकिरिए असंवुड़े एगंतदंटे एगंतवाले एगंतसुने मोहणिज पावकम्मं अण्हाति ?. हंता अण्हाति, जीवे णं भंते ! मोहणिज कम्म वेदेमाणे मोहणिज कम्मं बंधइ वेअणिज कम्मं बंधइ ?, गोअमा ! मोहणिजंपि कम्मं बंधड वेअणि जंपि कम्मं पंधति, णण्णस्थ चरिममोहणिज कम्मं वेदेमाणे वेअणिज कम्मं बंधद णो मोहणिज कम्मं बंधइ ३. जीवे णं भंते ! असंजए अविरए अप्पडिहयपचक्खायपावकम्मे सकिरिए असंडे एगंतदंडे एगंतवाले एगंतसुत्ते ओसण्णतसपाणघातीकालमासे कालं किया जेरबएस उववजति?.हता उबवज्जतिY. जीवे णं भंते ! असंजए अविरए अपडिहयपचक्खायपावकम्मे इओ चुए पेचा देवे सिआ?, गोअमा! अत्थेगइए देवे सिया अत्येगइए णो देवे सिया, से केणतुणं भंते! एवं यु०- अत्यगइए देवे सिआ अत्थेगहए णो देवे सिआ?, गोयमा ! जे इमे जीवा गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकबडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसण्णिवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामचंभचेरवासेणं अकामअण्हाणकसीयायवदंसमसगसे अजाइमादपंकपरितावेणं अप्पतरो वा भुजतरो वा कालं अप्पाणं परिकिलेसति ना कालमासे कालं किचा अण्णतरेसु वाणमंतरसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवति, तहिं नेसि गती तहि तेसि ठिती तहि तेसि उववाए पं०, तेसिं णं भंते ! देवाणं केवइअं कालं ठिई पं०१, गोअमा! दस वाससहस्साई ठिई पं०, अस्थि णं भंते ! तेसिं देवाणं इइढीइ वा जुईइ वा जसेति वा उदाणेइ वा कम्मेइ वा बलेति वा वीरिएइ वा पुरिसकारपरिकमेइ वा ?, हंता अस्थि, ते णं भंते ! देवा परन्लोगस्साराहगा?. णो निणट्टे समट्टे ५. से जे इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकबडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसण्णिवेसेसु मणुआ भवंति, तं०-अंडुबद्धका णिअलबद्धका हडिबद्धका चारगबद्धका हत्थच्छिन्नका पायच्छिमका कण्णच्छिण्णका णकच्छिUणका उदृच्छिन्नका जिम्भच्छिन्नका सीसच्छिन्नका मुखच्छिन्नका मज्झच्छिनका वेकच्छच्छिन्नका हियउप्पाडियगा णयणुप्पाडियगा दसणुपाडियगा पसणुपडियगा गीवच्छिण्णका तंडुलच्छिण्णका कागणिमंसक्वाइयया ओरबिया लंबिअया घंसिया घोलिअया फाडिअया पीलिजया मुलाइअया सुलभिषणका खारवत्तिया वज्झवत्तिया सीहपचिड़यया दवग्गिदढियगा पंकोसण्णका पंकेखुत्तका वलयमयका वसट्टमयका णियाणमयका अंतोसमयका गिरिपडिअका तरुपडियका मरूपडियगा गिरिपक्खंदोलिया तरूपक्खंदोलिया मरुपक्खंदोलिया जलपवेसिका जलणपवेसिका विसभक्वितका सत्योबाडितका वेहाणसिआ गिदपिट्टका कंतारमतका दुरिभक्खमतका असंकिलिट्ठपरिणामा ते कालमासे कालं णिचा अण्णतरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गती तहिं तेसिं ठिती तहिं तेसि उववाए पं०, तेसि णं भंते ! देवाणं केवइअं कालं ठिती पं०?, गोमा ! चारसवाससहस्साई ठिती पं०. अस्थि णं भंते ! तेसि देवाणं इइदीइ वा जुईइ वा जसेति वा चलेति वा बीरिएइ वा पुरिसकारपरिकमेइ वा ?,हंता अस्थि, ते णं भंते! देवा परलोगस्साराहगा?, णो तिणद्वे०६,से जे इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेड. कन्चडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसंनिवेसेसु मणुआ भवंति तं० पगइभहगा पगइउवसंता पगइपतणुकोहमाणमायालोहा मिउमहवसंपण्णा आडीणा भहगा विणीआ अम्मापिउनुस्मसका अम्मापिऊणं अणतिकमणिजवयणा ज. प्पिच्छा अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्ति कप्पेमाणा बढ़ई वासाई आउअं पालेंति त्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णतरेसु वाणमंतरसु देवलोएम देवत्ताए उववत्तारो भवंति, नहिं तेसिं गती तहिं तेसिं ठिती तहिं तेसिं उववाए पं०, तेसिणं भंते! देवाणं केवइअंकालं ठिती पं०?, गोयमा! चउदसवाससहस्स्साई ७, से जाओ इमाओगामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकञ्चडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसंनिवेसेसु इथियाओ भवंति त०-अंतो अंतेउरियाओ गयपइआओ मयपइआओ बालविहवाओ छड्डियतड़िताओ माइरक्विआओ पिअरक्खिआओ भायरक्खिाओ कुलघररक्खिआओ (मित्तनाइनियसंबंधिरक्खियाओ पा) ससुरकलरक्विआओ पाढणहकेसकक्वरोमाओ ववगयपुष्फगंधमादालंकाराओ अण्हाणगसेअजाइमलपंकपरिताविआओ ववगयखीरदहिणवणीअसप्पितेडगुललोणमहुमजमंसपरिचत्तकयाहारओ अप्पिच्छाओ अपारंभाओ अप्पपरिम्गहाओ अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अपेणं आरंभसमारंभेणं वित्ति कप्पेमाणीओ अकामवंभचेरखासेणं तमेव पइसेज णाइकमइ ताओ णं इथिआओ एयारवेणं बिहारेणं विहरमाणीओ बहई वासाई सेसं तं चेव जाव चउसदि वाससहस्साई ठिई पं०८, से जे इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसन्निवेसेसु मणुआ भवंति तं०-दगचिइया दगतइया दगसत्तमा दगएकारसमा गोअमा गोबडआ गिहियम्मा धम्मचितका अविरुदविरुदबुड्ढसावकप्पभिअओ तेसि मणुआणं णो कप्पइ इमाओ नव रसविगईओ आहारित्तए तं०-खीरं दहिं णवणीय सप्पि ताउ फाणियं महुं मज मंसं, णण्णस्य एकाए सरसबविगइए. ते णं मणुआ अप्पिच्छा तं चेव सर्व णवरं चउरासीई बाससहस्साई ठिई पं०९. से जे इमे गंगाकुलगा वाणपत्था तावसा भवंति, तं०-होनिया पोनिया कोत्तिया जण्णई सड्ढई धालई हुंपउट्ठा दंतुक्खलिया उम्मजका सम्मज्जका निमज्जका संपक्वाला दक्विणकन्ट - का उत्तरकुलका संखधमका कुलधमका मिगलबका हस्थितावसा उदंडका दिसापोक्विणो वाकवासिणों अंचुवासिणो चिलवासिणो जलवासिणो (प० चेलवासिणो) बेलवासिणो रुक्खमलिआ अंचभक्विणो वाउभक्विणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुफाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलतयपत्तपुष्फफलाहारा जलाभिसेअकढिणगायभूया आयावणाहिं पंचग्गिताचेहिं इंगालसोडियं कंडसोडियं कंठसोडियंपिव अप्पाणं करेमाणा बहूई वासाई परियाय पाउणंति त्ता कालमासे कालं किया उक्कोसेणं जोइसिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, पलिओवमं वाससयसहस्समभहिअंठिई, आराहगा , णो इणढे समढे १०. से जे इमे जाव सनिवेसेसु पवइया समणा भवंति, तं०-कंदप्पिया कुकुइया मोहरिया गीयरइप्पिया नचणसीला ते णं एएणं बिहारेणं विहरमाणा बहुई वासाई सामण्णपरियायं पाउणंति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइअअपडिकंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे कंदप्पिएम देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गती तहिं तेसिं ठिती सेसं तं चेव णवरं पलिओवमं वाससहस्समभहियं ठिती ११, से जे इमे जाव सनिवेसेसु परिवायगा भवंति, तं०-संखा जोई कविला भिउच्चा हंसा परमहंसा बहुउदया कुडिया कण्हपरिचायगा, तत्थ खलु इमे अट्ट माहणपरिवायगा भवंति, तं०-'कण्हे अ करकंडे य, अंबडे य परासरे। कण्हे दीवायणे चेच, देवगुत्ते अणारए ॥ ६॥ तत्थ खलु इमे अट्ठ खत्तियप५६५ औषपातिकमुपांग, उक्सार मुनि दीपरत्नसागर 9 Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रिज्ञायया भवंति, तं० -‘सीलई ससिहारे (य), जग्गई भग्गईति। विदेहे रायराया य, रायारामे चलेति अ ॥ ७ ॥ ते णं परिज्ञायगा रिउवेदजजुवेदसामवेयअहह्मणवंय इतिहासपंचमाणं णिग्धंटुच्छद्वाणं संगोबंगाणं सरहस्ताणं चउण्हं वैयाणं सारगा पारगा धारगा वारगा सडंगवी सहितंतविसारया संखाणे सिक्खाकप्पे वागरणे छंदे णिरुले जोतिसामयणे अण्णेसु य भण्णएसु अ सत्येसु (परिज्ञायएस य नएस पा०) सुपरिणिट्टिया यावि हुत्था. ते णं परिवायगा दाणधम्मं च सोजधम्मं च तित्याभिसेजं च आघवेमाणा पण्णवेमाणा परूवेमाणा विति, जण्णं अम्हे किंचि असुई भवति तष्णं उदएण य महियाए अ पक्खालिअं सुईभवति, एवं खलु अम्हे चोक्खा चोक्खायारा सुई सुइस मायारा भवेत्ता अभिसेअजलपूअप्पाणो अविग्घेण सग्गं गमिस्सामो, तेसिं णं परिवायगाणं णो कप्पइ अगडं वा तलायं वा गई वा वाविं वा पुक्खरिणीं वा दीहियं वा गुंजालिअं वा सर या (प्र० सरसिं वा ) सागरं वा ओगाहित्तए, णण्णस्थ अद्धाणगमणे, णो कप्पइ सगडं वा जाव संमाणिअं वा दूरुहित्ताणं गच्छित्तए, तेसिं णं परिवायगाणं णो कप्पइ आसं वा हत्थि वा उट्टं वा गोणिं वा महिसं वा खरं वा दुरुहित्ताणं गमित्तए, तेसिं णं परिवायगाणं णो कप्पइ नडपेच्छाइ वा जाव मागहपेच्छाइ वा पिच्छित्तए, तेसिं परिज्ञायगाणं णो कप्पइ हरिआणं लेसणया वा घट्टणया वा थंभणया वा (लूसणया वा पा०) उप्पाडणया वा करित्तए, तेसिं परिशायगाणं णो कप्पइ इत्थिकहाइ वा भन्तकहाइ वा देसकाइ वा रायकहाइ वा चोरकहाइ वा अणत्थदंडं करितए, तेसिं णं परिशायगाणं णो कप्पड़ अयपायाई वा तउअपायाणि वा तंबपायाणि वा जसदपायाणि वा सीसगपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा अण्णयराणि वा बहुमुहाणि धारितए गण्णत्व लाउपाएण वा दारुपाएण वा मट्टिआपाएण वा, तेसिं गं परिशायगाणं णो कप्पइ अयबंधणाणि वा तउअबंधणाणि वा तंबंबंधणाणि जाय बहुमुहाणि धारिनए, तेसिं णं परिवाय गाणं णो कप्पइ णाणाविह्वष्णरागरत्ताइं वत्थाई धारितए गण्णत्थ एकाए धाउरत्ताए, तेसिं णं परिवायगाणं णो कप्पइ हारं वा अद्धहारं वा एकावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा स्यणावलिं वा मुरविं वा कंठमुरविं वा पालंब वा तिसरयं वा कडिसुतं वा दसमुद्दिआणंतकं वा कडयाणि वा तुडियाणि वा अंगयाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा मउडं वा चूलामणिं वा पिणद्धित्तए णण्णत्थ एक्केणं तंचिएणं पवित्तएणं, तेसिं गं परिवायगाणं णो कप्पइ गंथिमवे - ढिमपूरिमसंघातिमे चउवि मले धारित्तए णण्णत्थ एगेणं कण्णपूरेणं, तेसिं णं परिशायगाणं णो कप्पइ अगलुएण वा चंदणेण वा कुंकुमेण वा गायं अणुर्लिपित्तए गण्णत्थ एकाए गंगामट्टिआए, तेसिं णं कप्पड मागहए पत्थए जलस्स पडिगाहित्तए सेऽविय वहमाणे णो चेव णं अवहमाणे सेऽविय थिमिओदए णो चेव णं कदमोदए सेऽविय बहुपसण्णे णो चेव णं अबहुपसण्णे सेऽविय परिपूए जो चेव णं अपरिपूए सेऽविय णं दिष्णे नो चेत्र णं अदिष्णे सेsविय पिबित्तए णो चेव णं हत्थपायचरुचमसपक्खालणट्टाए सिणाइत्तए वा, तेसिं णं परिज्ञायगाणं कप्पर मागहए अद्धाढए जलस्स पडिगाहित्तए सेऽविय वहमाणे णो चेव णं अवहमाणे जाव णो चेत्र णं अदिष्णे, सेऽविय हृत्यपायचरुचमसपफ्खालणट्टयाए जो चेव णं पिचित्तए सिणाइत्तए वा, ते णं परिशायमा एयारुवेणं विहारेण विहरमाणा बहूई वासाई परियाय पाउणति त्ता कालमासे कालं किचा उक्कोसेणं बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति तर्हि तेसिं गई तहिं तेसि ठिई दस सागरोबमाई ठिई पं०, सेसं तं चैव १२ । ३८। तेणं कालेणं अम्मडस्स परिवायगस्स सत्त अंतेवासिसयाई गिम्हकालसमयंसि जेट्टामूलमासंसि गंगाए महानईए उभओकूलेणं कंपितपुराओ णयराओ पुरिमतालं णयरं संपट्टिया विहाराए, तए णं तेसिं परिशायमाणं तीसे अगामियाए छिण्णोवायाए दीहमदाए अडवीए कंचि देसंतरमणुपत्ताणं से पुवग्गहिए उदए अणुपुत्रेणं परिभुंजमाणे झीणे, तए णं ते परिवायया झीणोदगा समाणा तव्हाए पारम्भमाणा २ उद्गदातारमपस्समाणा अण्णमण्णं सदावेति त्ता एवं व० एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्ह इमीसे अगामि आए जाव अडवीए कंचि देतंतरमणुपत्ताणं से उदय जात्र झीणे तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्ह इमीसे अगामियाए जाब अडवीए उदगदातारस्स सबओ समंता मग्गणगवेसणं करित्तएत्तिकट्टु अण्णमण्णस्स अंतिए एजमहं पडिसुगंति त्ता तीसे अगामियाए जाव अडवीए उद्गदातारस्स सङ्घओ समंता मग्गणगवेसणं करेन्ति ता उद्गदातारमलभमाणा दोचंपि अण्णमण्णं सदावेन्ति त्ता एवं व० इह णं देवाणुप्पिया ! उद्गदातारो णत्थि तं णो खलु कप्पड़ अम्ह अदिण्णं मिहित्तए अदिष्णं सातिजित्तए तं मा णं अम्हे इयाणि आवडकालंमिवि अदिण्णं गिव्हामो अदिष्णं सादिजामो मा णं अम्हं तवलोवे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! तिदंडयं कुंडियाओ य कंचणियाओ य करोडियाओ य भिसियाओ य छष्णालए य अंकुसाए य केसरियाओ य पवितए य गणेत्तियाओ य छत्तए य वाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य एते एडित्ता गंगं महाणई ओगाहित्ता वालुअसंथारए संघरित्ता संलेहणालणाझोसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खियाणं पाओवगयाणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरितएत्तिकट्टु अण्णमण्णस्स अंतिए एअमङ्कं पडिसुगंति त्ता तिदंडए य जाव एगते एडेइ ता गंगं महाणई ओगार्हति ता वालुआसंचारए संथरंति वालुयासंथारयं दुरुर्हिति ता पुरत्याभिमुहा संपलियंकनिसन्ना करयलजावकट्टु एवं ब०. - नमोऽत्यु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं, नमोऽत्यु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स, नमोऽत्यु णं अम्मडस्स परिक्षायगस्स अम्हं धम्मायरियस्स धम्मोपदेसगस्स, पुत्रिं णं अम्हे अम्मडस्स परिशायगस्स अंतिए थूलगपाणाइवावाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए मुसावाए० अदिष्णादाणे पञ्चकखाए जावजीवाए सबै मेहुणे पञ्चक्खाए जावज्जीवाए थूलए परिम्ाहे पञ्चखाए जावज्जीवाए इयाणि अम्हे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सर्व पाणावाइवायं पथक्खामो जावज्जीवाए एवं जाव सवं परिग्गहं पचखामो जावज्जीवाए सवं कोहं माणं मायं लोहं पेजं दोसं कलहं अम्भकखाणं पेसुण्णं परपरिवायं अरइरई मायामोसे मिच्छादंसणस अकरणिजं जोगं पञ्चस्खामो जावज्जीवाए सवं असणं पाणं खाइमं साइमं चउडिहंपि आहारं पञ्चकखामो जावज्जीवाए जंपिय इमं सरीरं इदं कंतं पियं मणुण्णं मणामं बेज्जं (पेजं पा० ) वेसासियं संमतं बहुमतं अणुमतं भंडकरडगसमाणं मा णं सीयं मा णं उन्हं मा णं सुहा मा णं पिवासा मा णं वाला मा णं चौरा मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वातियपित्तियसिंभियसंनिवाइयविविहा रोगातंका परीसहोवसग्गा फुसंतुत्तिकट्टु एयंपिणं चरमेहिं ऊसासणीसासेहिं वोसिरामत्तिकट्टु संलेहणासणानुसिया भत्तपाणपडियाइक्खिया पाओवगया कालं अणवकंखमाणा विहति, तए णं ते परिशायया बहूई भत्ताई अणसणाए छेदेन्ति ता आलोइअपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे काल ५६६ औपपातिकमुपांगं, उनकाइय मुनि दीपरत्नसागर Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4%AEEPRAPTER | किचा बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववण्णा, तहिं तेसिं गई दससागरोचमाई ठिई पं०, परलोगस्स आराहगा, सेसं तं चेव १३॥३९॥बहुजणे णं भंते ! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ-एवं ग्वल अंच(अम्मोडे परिवायए कंपिङपूरे णयरे घरसते आहारमाहारे घरसए क्सहिं उवेइ से कहमेयं भंते ! एवं?, गोयमा ! जण्णं से बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाच एवं परूचेह-एवं खलु अम्मडे परिचायए कंपिङपर जाच घरसए वसहि उवेइ सचेणं एसमडे, अहंपि णं गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवं पकनेमि एवं खलु अम्मडे परिवायए जाव वसहिं उवेइ, से केणतुणं भंते ! एवं बुखाइ-अम्मडे परिवए जाव वसहि उबेइ ?. गोयमा ! अम्मडस्स णं परिवायगम्स पगइभहयाए जाब विणीययाए छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढे चाहाओ पगिज्झिय २ सूराभिमुहम्स आतावणभूमीए आतावेमाणस्स मुभेणं परिणामेणं पसत्याहि लेसाहिं विसुज्झमाणीहि अनया कयाई नदावरणिजाणं कम्माणं मओवसमेणं ईहावृहामग्गणगवेसणं करेमाणस्स वीरियलदीए बेउधियलद्दीए ओहिणाणलदी समुप्पण्णा, तए णं से अम्मडे परिवायए ताए वीरियलदीए केउवियलडीए ओहिणाणलदीए समुप्पण्णाए जणविम्हावणहेर्ड कंपिङपुरे घरसए जाव क्सहिं उबेइ. से नेणट्टेणं गोयमा ! एवं युबइ-अम्मटे परिवायए कंपिलपुरेणयरे घरसए जाव वसहिं उवेइ, पहू णं भंते ! अम्मडे परिवायए देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भविना अगाराओ अणगारियं पवइत्तए?. णो इण? समढे. गोयमा! अम्मडे णं परिवायए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ णवरं ऊसियफलिहे अवंगुयदुवारे चियत्तंतेउरपरदारपवेसी (चियत्नघरंतेउरपवेसी पा) निण बुच्चइ. अम्मडस्स णं परिवायगम्स धूलए पाणाइवाए पञ्चक्खाए जावजीवाए जाव परिम्महे णवरं सके मेहुणे पञ्चक्खाए जावजीवाए, अम्मडस्स ण णो कप्पइ अक्खसोतप्पमाणमेत्तंपि जलं सयराहं उत्तरितए णण्णत्व अदाणगमणेणं, अम्मइस्स णं णो कप्पइ सगडं एवं चेव भाणियत्रं जाव णण्णत्व एगाए गंगामहियाए, अम्मडस्स णं परिवायगरस णो कप्पड आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा मीसजाएइ वा अजमोअरएइ वा पूइकम्मेइ वा कीयगडेइ वा पामिचेइ वा अणिसिटेड वा अभिहडेड वा ठइचए वा रइत्तए वा कंतारभत्तेइ वा दुभिक्खभत्तेइ वा पाहुणगभत्तेइ वा गिलाणभत्तेइ वा वदलियाभत्तेइ वा भोत्तए वा पाइत्तए वा, अम्मडस्स णं परिवायगस्स णो कप्पड़ मूलभोयणे वा जाव चीयभोयणे वा भोनए वा पाइत्तए वा, अम्मडस्स णं परिवायगस्स चउबिहे अणत्थदंडे पचक्खाए जावज्जीवाए तं०-अवज्झाणायरिए पमायायरिए हिंसप्पयाणे पावकम्मोवएसे, अम्मडस्स कप्पड़ मागहए अदाढए जलस्स पडिग्गाहिनए सेऽपिय वहमाणए नो चेवणं अवहमाणए जाव सेऽविय परिपूए नो चेवणं अपरिपूए सेऽविय सावजेत्तिकाउंणो चेवणं अणवज्जे सेऽविय जीवा इतिकटु णो चेवणं अजीवा सेऽपिय दिण्णे णो चेव णं अदिण्णे सेऽविय दंतहत्थपायचम्चमसपकवालणट्ठयाए पिचित्तए वा णो चेव णं सिणाइत्तए, अम्मडस्स कप्पड़ मागहए य आढए जलस्स पडिग्गाहित्तए सेऽविय वहमाणे जाव दिन्ने नो चेव णं अदिण्णे सेऽपिय सिणाइत्तए णो चेव णं हत्यपायचरुचमसपक्खालणडाए पिवि. [वा चदयाई वंदित्तएवा णमंसित्तए वा जाव पजवासित्तए या णण्णस्य अरिहते वा अरिहंतचेइयाई बा, अम्मरे णं भंते ! परिवा. यए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति कहिं उववजिहिति?, गोयमा! अम्मडे णं परिवायए उच्चावएहिं सीलवयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहई वासाई समणोवासयपरियाय पाउणिहिनि ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सर्टि भत्ताई अणसणाए छेदित्ता आलोइयपडिकते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा चंभलोए कप्पे देवताए उववजिहिति, तस्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दस सागरोवमाई ठिई पं०नत्य णं अम्मडम्सवि देवस्स दस सागरोवमाई ठिई, से णं भंते ! अम्मडे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिति कहिं उववजिहिति?, गोयमा! महाविदेह वासे जाई इमाई कुलाई भवंति तं०- अड्ढाई दित्ताई वित्ताई विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणा(इण्णा)ई बहुधणजायरूबरययाई आओगपओगसंपउत्ताई विच्छड्डियपउरभत्तपाणाई बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूयाई बहुजणम्स अपरिभू याई तहप्पगारेम कुलेमु पुमत्ताए पचायाहिति, तए णं तस्स दारगस्स गम्भत्थस्स चेव समाणस्स अम्मापिईणं धम्मे दढा पतिण्णा भविस्सइ से णं तत्थ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण राइंदियाणं वीइकनाणं सुकुमालपाणिपाए जाव ससिसोमाकारे कंते पियदसणे सुरूवे दारए पयाहिति, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं काहिति चिदयदिवसे चंदसूरदसणियं काहिति छट्टे दिवसे जागरियं काहिति एकारसमे दिवसे वीतिकते णिश्चित्ते असुइजायकम्मकरणे संपत्ते चारसाहे दिवसे अम्मापियरो इमं एयारूवं गोण्णं गुणणिप्फण्णं णामधेज काहिति-जम्हा णं अम्हे इमंसि दारगंसि गम्भत्यंसि चेव समाणंसि धम्मे दढा पइण्णा तं होउ णं अम्हं दारए दढपइण्णे णामेणं, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णामधेज करेहिति दढपइण्णेति, तं दृढपइण्णं दारगं अम्मापियरो साइरेगऽट्टवासजात जाणित्ता सोमणसि तिहिकरणणक्खत्तमहतंसि कलायरियस्स उवणेहिंति, तए णं से कलायरिए तं दढपइण्णं दारगं लेहाइयाओ गणियपहाणाओ सउणरुयपजवसाणाओ बावत्तरि कलाओ सुत्ततोय अस्थतो य करणतो य सेहाविहिति सिक्खाविहिति, तं०-लेहं गणितं रुयं णटुं गीयं वाइयं सरगयं पुक्खरगयं समतालं जयं जणवायं पासकं अट्ठावयं पोरेकचंदगमट्टियं अण्णविहिं पाणविहिं वत्यविहिं १८ विलेवणविहिं सयणविहिं अजं पहेलियं मागहिअंगाहं गीइयं सिलोयं हिरण्णजुत्ती मुवण्णजुत्ती गंधजुत्ती चण्णजुत्ती आभरणविहिं तरुणीपडिकम्म इथिलक्षणं परिसलक्षण हयलक्खणं गयलक्खणं ३६ गोणलक्षणं कुकुडलक्सणं चकलक्खणं छत्तलक्खणं चम्मलक्खणं दंडलक्खणं असिलक्षणं मणिलक्खणं काकणिलक्षणं वत्थुविजं खंधारमाणं नगरमाणं वत्थुनिचेसणं वृह पडिवूहं चारं पडिचारं चकचूहं ५४ गालवूहं सगडवूहं जुनिजुद्धं जुदातिजुदं मुट्ठिजुद्धं बाहुजुई लयाजुदं इसत्थं छरुप्पवाह धणुव्वेयं हिरण्णपागं [सुवण्णपागं] वट्टखेड्डं सुत्ताखेड्ड णालियाखेड्ड पत्तच्छेज कडव(ग)च्छेज सज्जीचं निजीवं सउणस्त ७२मिति बावत्तरि कला सेहाविति० अम्मापिईणं उवणेहिति, तए णं तस्स दढपइण्णस्स दारगस्स अम्मापियरो तं कलायरिजं विपुलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंधमडालंकारेण य सकारहिति सम्माणेहिति विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं दलिस्सन्ति ता पडिविसजेहिंति, तए णं से दढपइण्णे दारए चावत्तरिकलापंडिए नवंगमुत्तपडिवोहिए अट्ठारसदेसीभासाविसारए गीयस्तीगंधवणकुसले हयजोही गयजोही रहजोही बाहुजोही बाहु५६७ औपपातिकमुपांग, उपकार मुनि दीपरत्नसागर : Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पमही चियालचारी साहसिए अलंभोगसमत्थे आवि भविस्सइ, तए णं तं दढपइण्णं दारगं अम्मापियरो बोवत्तरिकलापंडियं जाव अलंभोगसमत्थं वियाणित्ता विउलेहिं अण्णभोगेहिं पाणमोगेहिं लेणभोगेहिं वत्थभोगेहि सयणभोगेहिं कामभोगेहिं उवणिमंतेहिंति, तए णं से दढपइण्णे दारए तेहिं विउलेहिं अण्णभोगेहिं जाव सयणभोगेहिं णो सजिहिति णो रजिहिति णो गिज्झिहिति णो अज्झोववजिहिति, से जहाणामए उप्पलेइ वा पउमेइ वा कुसुमेह वा नलिणेइ वा सुभगेइ वा सुगंधेइ वा पांडरीएडवा महापांडरीएइ वा सतपत्तेइ वा सहस्सपत्तेइ वा सतसहस्सपत्तेइ वा पंके जाए जले संबड्ढे णोवलिप्पर पंकरएणं णोवलिप्पर जलरएर्ण एवमेव ढपइण्णेवि दारए कामेहिं जाए भोगेहिं संबुड्ढे गोवलिप्पिहिति कामरएणं णोवलिप्पिहिति भोगरएणं णोवलिप्पिहिति मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणेणं से णं तहारुवाणं थेराणं अंतिए केवलं चोहिं बुज्झिहिति त्ता अगाराओ अणगारियं पबाहिति, से णं भविस्सइ अणगारे भगवंते इरियासमिए जाव गुत्तभयारी, तस्स णं भगवंतस्स एवेणं विहारेणं विहरमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिवाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुषणे केवलवरणाणदंसणे समुप्पजिहिति तए णं से दृढपइण्णे केवली बहूइं वासाइं केवलिपरियागं पाउणिहिति त्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं मूसित्ता सर्टि भत्ताई अणसणाए छेएत्ता जस्सट्टाए कीरइ णग्गभावे मुंडभावे अण्हाणए अदंतवणए केसलोए चंभचेरवासे अच्छत्तकं अणोवाहणकं भूमिसजा फलहसेज्जा कट्ठसज्जा परघरपवेसो लद्धावलद्धं परेहिं हीलणाओ खिसणाओ जिंदणाओ गरहणाओ तालणाओ तजणाओ परिभवणाओ पत्रणाओ उच्चावया गामकंटका बाबीसं परीसहोवसग्गा अहियासिजंति तमट्ठमाराहित्ता चरिमेहिं उस्सासणिस्सासेहिं सिज्झिहिति बुझिहिति मुश्चिहिति परिणिवाहिति सनदुक्खाणमंतं करेहिति १४॥४०॥ से इमे गामागरजावसण्णिवेसेसु पवइया समणा भवंति, तं०-आयरियपडिणीया उवज्झायपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया आयरियउवज्झायाणं अयसकारगा अवण्णकारगा अकित्तिकारगा चहूहिं असम्भावुभावणाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च वुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा विहरित्ता बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिकंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं लंतए कप्पे देवकिचिएसु देवकिञ्चिसियत्ताए उक्वत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गती तेरससागरोवमाइं ठिती अणाहास्गा सेस तं चेव १५। से जे इमे सण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिया फ्जत्तया भवंति, तं०-जलयरा खहयरा यलयरा, तेसिं णं अत्थेगइयाणं सुभेणं परिणामेणं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं तयावरणिजाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहावूहमम्गणगवेसणं करेमाणाणं सपणीपुबजाईसरणे समुप्पजइ, तए णं ते समुप्पण्णजाईसरा समाणा सयमेव पंचाणुवयाइं पडियजति त्ता बहहिं सीलबयगुणवेरमणपचक्वाणपोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेमाणा बहूई वासाई आउयं पालेति त्ता भत्तं पञ्चक्खंति बहूई भत्ताई अणसणाए छेयंति त्ता आलोइयपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसि गती अट्ठारस साग ठिता प० परलागस्स आरागा संस तं चैव १६/ से जे इमे गामागरजावसंनिवेसेसु आजीविका भवति, तं०-दुघरतरिया तिघरंतरिया सत्तघरतरिया उप्पलचेंटिया घरसमुदाणया विजुअंत' वेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाई परियायं पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अचुए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसि गती वावीसं सागरोवमाइं ठिती अणाराहगा सेसं तं चेच १७। से जे इमे मामागरजाव - सण्णिवेसेसु पवइया समणा भवंति तं०-अनुक्कोसिया परपरिवाइया भुइकम्मिया भुजो २ कोउयकारका ते णं एयारवेणं बिहारेणं विहरमाणा बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिकंता कालमास काल किया उकासणं अचुए कप्पे आमिओगिएस देवेसु देवत्ताए उववत्तारोभवंति नहिं तेसिं गई बावीसं सागरोबमाई ठिई परलोगस्स अणाराहगा सेसं तं चेव १८ा से जे इमे गामागरस २०-बहुरया जीवपएसिया अबत्तिया सामुच्छेया दोकिरिया तेरासिया अबद्धिया इन्चेते सत्त पवयणणिण्हगा केबलचरिया लिंगसामण्णा मिच्छदिट्टी बहूहिं असम्भावुरभावणाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च बुग्गाहेमाणा वृपाएमाणा विहरित्ता बहूई चासाई सामण्णपरियागं पाउणंति त्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं उबरिमेसु गेवेनेसु देवत्ताए उववत्तारो भवति तहिं तेसि गती एकत्तीस सागरोबमाई ठिती परलोगस्स अणाराहगा सेसं तं चेव १९ । से जे इमे गामागरजाक्सण्णिवेसेसु मणुया भवंति तं०-अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया धम्मिट्ठा धम्मक्खाई धम्मप्पलोइया धम्मपलज्जणा धम्मसमुदायारा धम्मेणं चेव वित्ति कप्पेमाणा सुसीला सुख्या सुप्पडियाणंदा साहूहिं एकचाओ पाणाइवायाओ पडिविस्या जावज्जीवाए एकच्चाओ (एगइयाओ पा०) अपडिविरया एवं जाव परिग्गहाओ एकच्चाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोहाओ पेज्जाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णाओ परपरिवायाओ अरतिरतीओ मायामोसाओ मिच्छादसणसल्लाओ पडिविरया जावजीवाए एकच्चाओ अपडिविरया एकच्चाओ आरंभसमारंभाओ पडिविरया जावज्जीवाए एकचाओ अपडिविरया एकच्चाओ करणकारावणाओ पडिविरया जावजीवाए एकच्चाओ अपडिविरया एगच्चाओ पयणपयावणाओ पडिविरया जावजीवाए एकच्चाओ पयणपयावणाओ अपडिविरया एकच्चाओं कोट्टणपिट्टणतज्जणतालणवबंधपरिकिलेसाओ पडिविरया जावज्जीवाए एकच्चाओ अपडिविरया एकच्चाओ ण्हाणुम्महणवण्णगविलेवणसहफरिसरसरूवगंधमहालंकाराओ पडिविरया जावजीवाए एकरचाओ अपडिविरया जे यावण्णे तहप्पगारा सावजजोगोबहिया कम्मंता (सावजा अघोहिया पा०) परपाणपरियावणकरा कर्जति तओ जाव एकच्चाओ अपडिविरया तं०-(से जहानामए पा०)समणोवासगा भवंति अभिगयजीवाजीवा उपलबपुण्णपाचा आसवसंवरनिज्जरकिरियाअहिगरणबंधमोक्खकु. सला असहेजा देवासुरणागजक्खरक्खसकिन्नरकिंपुरिसगालगंधप्यमहोरगाइएहिं देवगणेहिं निग्गंथाओ पावयणाओ अणइकमणिज्जा णिसांये पावयणे णिस्संकिया णिक्खंखिया निवितिगिच्छा लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा अभिगयहा विणिच्छियट्ठा अद्विमिंजपेम्माणरागरत्ता अयमाउसो ! णिमाथे पावयणे अट्टे अयं परमट्टे सेसे अणढे ऊसियफलिहा अयंगुयदुवारा चियत्तंतेउरपरघरदारपवेसा चउहसहमदिपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्म अणुपालित्ता समणे णिग्गंधे फासुएसणिजेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थपडिग्गहकंबलपायपुंछणेणं ओसहभेसज्जेणं पडिहारिएण य पीढफलगसेजासंधारएणं पडिलामेमाणा विहरंति त्ता भत्तं पञ्चक्खंति ते बहूई भत्ताई अणसणाए छेदिति त्ता आलोइयपडिकता समाहिपत्ता कालमासे कालं किचा उकोसेणं अचुए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवति, तेहिं तेसिं गई बावीसं सागरोवमाई ठिई आराहया सेसं तहेव २०॥ से जे इमे गामागरजावसण्णिवेसेसु (१४२) ५६८ औपपातिकमुपांगं, उन्धारय मुनि दीपरत्नसागर Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म भवति, तं० अणारंभा अपरिग्गहा धम्मिया जान कप्पेमाणा सुसीला सुइया सुपडियाणंदा साहू साओ पाणाइवाआओ पडिविरया जाव साओ परिग्गहाओ पडिविरया साओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोभाओ जाव मिच्छादंसणसहाओ पडिविरया सम्राओ आरंभसमारंभाओ पडिविरया सशाओ करणकारादशाओ पडिविरया साओ पयणपया ओ पडिविया सहाओ कुट्टणपिट्टणतज्ज्ञणतालणवहबंधपरिकिलेसाओ पडिविरया सहाओ व्हाणुम्महणवण्णगविलेवणसद्दफरिसरसरूवगंध महालंकाराओ पडिविरया जे यावण्णे तहप्पगारा सावज्जजोगोबहिया कम्र्म्मता परपाणपरियावणकरा कांति तजवि पडिविरया जावजीवाए से जहाणामए अणगारा भवंति इंरियासमिया भासासमिया जाव इणमेव णिग्गंथ पावयणं पुरओकाउं विहति तेसिं णं भगवंताणं एएणं विहारेणं विहरमाणाणं अत्येगइयाणं अनंते जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पज, ते बहूई वासाई केवलिपरियागं पाउणति जाव पाठणित्ता भत्तं पञ्चस्संति ता बहूई भत्ताइं अणसणाए उदन्ति ता जस्साए कीरह णम्गभावे० अंत करंति, जेसिंपि य णं एगइयाणं णो केवलवरनाणदंसणे समुप्पजह से बहु वासाई छउमत्थपरियागं पाउणन्ति ता आबाहे उप्पण्णे वा अणुप्पण्णे वा भत्तं पञ्चक्खति ते बहूई भत्ताई अणसणाए छेदेन्ति ता जस्साए कीरह जग्गभावे जाव तमट्ठमाराहित्ता चरिमेहिं ऊसासणीसासेहिं अनंतं अणुत्तरं निशाघायं निरावरणं कसिणं पडिपुण्णं केवलवरणाणदंसणं उप्पाडिंति, तओ पच्छा सिज्झिहिन्ति जाव अंतं करेहिन्ति, एगचा पुण एगे भयं तारो पुत्रकम्मावसेसेणं कालमासे कालं किच्चा उकोसेणं सङ्घट्टसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उबवत्तारो भवति, तहिं तेसिं गई तेत्तीस सागरोवमाई ठिई आराहगा सेसं तं चैव २१ । से जे इमे गामागरजावसण्णिवेसेस मणुआ भवंति तं० सङ्घकामविरया सङ्घरागविरया सङ्घसंगातीता सव्वसिणेहातिकंता अकोहा णिकोहा खीणकोहा एवं माणमायालोहा अणुपुब्वेणं अड कम्मपयडीओ खवेत्ता उपिं लोयग्गपट्टाणा हवंति। ४१ । अणगारे णं भंते! भाविअप्पा केवलिसमुग्धाएणं समोहणित्ता केवलकप्पं लोयं फुसित्ताणं चिट्ठइ ?, हंता चिट्टइ, से णूणं भंते! केवलकप्पे लोए तेहिं णिज्जरापोग्गलेहिं फुडे १, हंता फुडे, छउमत्थे णं भंते! मणुस्से तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं किंचि वष्णेणं वण्णं गंधेणं गंध रसेणं रसं फासेणं फासं जाणइ पासइ ?, गोयमा ! णो इणट्टे समट्ठे से केणद्वेणं भंते! एवं वृच्चइ छउमत्थे णं मणुस्से तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं णो किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणइ पासइ ?, गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे दीवे सनदीवसमुद्दाणं सङ्घ अंतरए सबखुड्डाए बट्टे तेल्लाप्यसंठाणसंठिए बट्टे रह चक्कवालसंठाणसंठिए बट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए बट्टे पडिपुष्णचंदसंठाणसंठिए एक जोयणसयसहस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं सोलस सहस्साई दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिष्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अदंगुलियं च किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पं०, देवे णं महिद्दीए महजुइए महम्बले महाजसे महासुक्खे महाणुभावे सविलेवणं गंधसमुग्गयं गिण्हइ सा तं अवदालेइ ता जाव इ णमेवतिकट्टु केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तीहिं अच्छराणिवाएहिं तिसत्तमुत्तो अणुपरिअद्वित्ताणं हवमागच्छेजा से णूणं गोयमा से केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे तेहिं घाणपोग्गलेहिं फुडे ?, हंता फुडे, छउमत्थे णं गोयमा ! मणुस्से तेसिं घाणपोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणति पासति ?, भगवं णो इणडे सम, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ छउमत्थे णं मणुस्से तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं नो किंचि वण्णेण वण्णं जाव जाणइ पासइ, एसुहुमाणं ते पोग्गला पं० समणाउसो ! सङ्घलोयंपिय णं ते फुसित्ताणं चिति, कम्हा णं भंते! केवली समोहणंति कम्हा णं भंते! केवली समुग्धायं गच्छति ?, गोयमा ! केवलीणं चत्तारि कम्मंसा अपलिक्खीणा (अवेइया अनिजिण्णा पा० ) भवंति तं वेयणिज्जं आउयं णामं गुत्तं, सबबहुए से वेयणिज्जे कम्मे भवइ सम्रत्थोवे से आउए कम्मे भवइ, विसमं समं करेइ बंधणेहिं ठिईहि य विसमसमकरणयाए बंधणेहिं ठिईहि य एवं खलु केवली समोहणंति एवं खलु केवली समुपायं गच्छति सचेवि णं भंते! केवली समुग्धायं गच्छति ?, णो इणट्टे समट्टे, 'अकिचाणं समुग्धायं, अनंता केवली जिणा। जरामरणविप्पमुका, सिद्धिं वरगई गया ॥ ८ ॥ कइसमए णं भंते! आउजीकरणे पं०१, गोयमा ! असंखेज्जसमइए अंतोमुहुत्तिए पं०, केवलिसमुग्धाए णं भंते! कइसमइए पं० १, गोयमा ! अट्ठसमइए पं० तं० पढमे समए दंडं करेइ बिइए समए कवाडं करेइ तईए समए मंच करेइ चउत्थे समए लो पूरे पंचमे समए लोयं पडिसाहर उडे समए मंचं पडिसाहरइ सत्तमे समए कवाडं पडिसाहरइ अट्टमे समए दंडं पडिसाहरइ ता तओ पच्छा सरीरत्वे भवइ, से णं भंते! तहा समुग्धायं गए किं मणजोगं जुंजइ वयजोगं जुजइ कायजोगं जुंजइ ?, गोयमा ! णो मणजोगं जुंजइ णो वयजोगं जुंजइ कायजोगं जुंजइ, कायजोगं जुंजमाणे किं ओरालियसरीरकायजोगं जुंजह ओरालियमिस्स० वेउडियसरीरकायजोगं जुंजइ वेउच्चियमिस्ससरीरकायजोगं जुजइ आहारसरीरकायजोगं जुंजह आहारसरीरमिस्सकायजोगं जुजइ कम्मा० १, गोयमा ! ओरालियसरीरकायजोगं जुजइ ओरालियमिस्ससरीकायजोगंपि जुजइ णो वेउच्चिय० णो वेउच्चियमिस्स० णो आहारग० णो आहारगमिस्स० कम्मसरीरकायजोगंपि जुंजइ, पढमट्टमेसु समएस ओरालियसरीरकायजोगं जुंजडु बिइयछसत्तमेसु समएस ओरालियमिस्ससरीरकायजोगं जुंजइ तईयचउत्थपंचमेहिं कम्मासरीरकायजोगं जुंजइ, से णं भंते! तहा समु५६९ औपपातिकमुपगं, उपवाश्य मुनि दीपरत्नसागर Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ग्यायगए सिजिनहिड युमिहिह मुचिहिह परिनिवाहिह सादुक्खाणमंतं करेहिइ ?, णो इणढे समढे, से णं तओ पडिनियत्तइ ना इहमागच्छइ त्ता तओ पच्छा मणजोगपि जुजइवयजोगंपि जुंजइ कायजोगंपि जुंजइ, मणजोगं जूंजमाणे किं सचमणजोगं जुजइ मोस० सञ्चामोस० असचामोस०१, गोयमा ! सचमणजोगं जुजइ णो मोस० णो सच्चामोस० असबामोसमणजोगंपि जुंजइ, वयजोगं जुंजमाणे किं सचवइजोगं जुजइ मोस० किं सच्चामोस असच्चामोस०?, गोयमा ! सम्वइजोगं जुजइ णो मोसणो सच्चामोस० असचामोसवइ. जोगंपि जुंजा, कायजोगं जुंजमाणे आगच्छेज वा चिटेज वा णिसीएज वा तुयट्टेज वा उल्लंघेज वा पलंघेज वा उक्खेवणं वा अवक्खेवणं वा तिरियकवेवणं वा करेजा पाडिहारियं वा पीढफलगसेजसंथारगं पञ्चप्पिणेजा।४२। से गं भंते ! तहासजोगी सिजिलहिह जाव अंतं करहिइ ?. णो इणद्वे समढे, से णं पुनामेव सण्णिस्स पंचिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णजोग. स्स हेडा असंखेजगुणपरिहीणं पढम मणजोगं निरंभइ तयाणंतरं चणं बिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णजोगस्स हेवा असंखेजगुणपरिहीणं विइयं वइजोगं निरंभइ तयाणंतरं च णं मुहु. मस्स पणगजीवस्स अपजत्तगस्स जहण्णजोगस्स हेट्ठा असंखेजगुणपरिहीणं तईयं कायजोग णिरुंभइ, से णं एएणं उवाएणं पढमं मणजोगं णिरंभइ त्ता वयजोगं णिरंभइ ता कार्यजोगं णिरंभइ त्ता जोगनिरोहं करेइ त्ता अजोगत्तं पाउणति त्ता इसिंहस्सपंचक्खरउच्चारणदाए असंखेजसमइयं अंतोमहुत्तियं सेलेसिं पडिवजइ पुश्वरइयगुणसेढीयं च णं कम्मं तीसे सेलेसिमदाए असंखेजाहिं गुणसेदीहि अणंते कम्मंसे खवेति वेयणिजाउयणामगुत्ते इचेते चत्तारि कम्मसे जुगवं खयेइ त्ता ओरालियतेयाकम्माई सव्याहिं विप्पजहणाहिं विप्पजहइ त्ता उजुसेढीपडिक्ने अफुसमाणगई उड्ढं एकसमएणं अविग्गहेणं गंता सागारोवउत्ते सिज्झिहिइ, ते णं तत्व सिद्धा हवंति सादीया अपज्जवसिया असरीरा जीवघणा दंसणनाणोवउत्ता निट्ठियट्ठा निरयणा नीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयद्धं कालं चिटुंति, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ-ते णं तत्थ सिद्धा भवंति सादीया अपज्जवसिया जाय चिट्ठति ?, 8 गोयमा! से जहाणामए बीयाणं अग्गिदड्ढाणं पुणरवि अंकुरुष्पत्तीण भवइ एवामेव सिद्धाणं कम्मबीए दड्ढे पुणरवि जम्मुष्पत्ती न भवइ से तेणटेणं गोयमा! एवं बुच्चइ-ते थे तत्व सिद्धा हवंति सादीया अपज्जवसिया जाब चिटुंति, जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरंमि संघयणे सिझंति?, गोयमा ! बइरोसभणारायसंघयणे सिज्झति, जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरंमि संठाणे सिज्झति ?, गोयमा ! छण्हं संठाणाणं अण्णतरे संठाणे सिझति, जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरम्मि उच्चत्ते सिझति?, गोयमा ! जहणेणं सत्तरयणीओ उकोसेणं पंचधणुस्सए सिझति, जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरम्मि आउए सिज्झवि ?, गोयमा ! जहणेणं साइरेगट्ठयासाउए उच्कोसेणं पुब्बकोडियाउए सिझंति, अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसति', णो इणद्वे समढे, एवं जाव अहेसत्तमाए, अस्थि णं भंते ! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे सिद्धा परिवसंति?, णो इणट्टे समढे, एवं सचेसि - पुच्छा, ईसाणस्स सणकुमारस्स जाच अचुयस्स गेविजविमाणाणं अणुत्तरविमाणाणं, अस्थि णं भंते! ईसीपब्भाराए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसंति?, णो इणढे समढे, से कहिं खाइ णं भंते ! सिदा परिवसंति?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ उड्ढं चंदिमसूरियग्गहगणणक्खत्तताराभव(ग)णाओ बहुई जोयणसयाई बहई जोयणसहस्साई बहूई जोयणसयसहस्साई बहूओ जोयणकोडीओ बहूओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढतरं उप्पइत्ता सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलंतगमहासुकसहस्सारआणयपाणयआरणय तिष्णि य अट्ठारे गेविजविमाणावाससए वीइवइत्ता विजयवेजयंतजयंतअपराजियसबट्टसिद्धस्स य महाविमाणस्स सबउबरिडाओ धूभियग्गाओ दुवालसजोयणाई अबाहाए एत्य णं ईसीपम्भारा णामं पुढवी पं० पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं एगा जोषणकोडी चायालीसं सयसहस्साई तीसं च सहसाई दोण्णि य अउणापण्णे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिरएणं, ईसिपम्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठजोयणाई बाहडेणं तयाऽणंतरं च णं मायाए परिहायमाणी २ सयेसु चरिमपेरंतेसु मच्छियपत्ताओ तणुयतरा अंगुलस्स असंखेजइभागं बाहल्लेणं पं०, ईसीपब्भाराए णं पुढवीए दुवालस णामधेजा पं० ते-ईसीइ वा ईसीपब्भाराइ वा तणूड वा तणतणूड वा सिद्धीइ वा सिद्धालएइ वा मुत्तीइ वा मुत्तालएइ वा लोयम्गेइ वा लोयग्गथूभियाइ वा लोयग्गपडि(बु)ज्झणाइ वा सबपाणभूयजीवसत्तसुहाबहाइ बा, इसीपम्भारा णं पुढवी सेया संखतल आयंसतल पा०)विमलसोडियमुणालदगरयतुसारगोक्खीरहारवण्णा उत्ताणयच्छत्तसंठाणसंठिया सबजुणसुवण्णमई अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठाणीरया णिम्मला णिप्पका णिकंकडच्छाया समरीचिया सुप्पभा पासादीया दरिसणिजा अभिरुवा पडिरूवा, ईसीपम्भाराए णं पढवीए सीयाए जोयणमि लोगते तस्स जोयणस्स जे से उबसिडे गाउए गाउअस्स जे से उवरिले छमागिए तत्थ णं सिद्धा भगवंतो सादीया अपज्जवसिया अणेगजाइजरामरणजोणिवेयणसंसारकलंकलीभावपुणब्भवगम्भवासवसहीपवंचसमइकंता सासय. मणागयमदं चिट्ठति । ४३ । गाथा-'कहिं पडिहया सिद्धा', कहिं सिद्धा पडिट्ठिया । कहिं बोंदि चइत्ताणं, कस्थ गंतूण सिवाई ? ॥ ९॥ अलोगे पडिहया सिद्धा, लोयग्गे य पडि५७० औपपातिकमुपांगं, उपकार मुनि दीपरनसागर Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ट्ठिया। इह बोदि चहत्ताणं, तत्थ गंतूण सिनह ॥१०॥जं संठाणं तु इहं भवं चयंतस्स चरिमसमयंमि। आसी य पएसघणं तं संठाणं तहिं तस्स // 11 // दीहं वा हस्सं वा जंचरि. मभवे हवेज संठाणं / तत्तो तिभागहीणं सिद्धाणोगाहणा भणिया // 12 // तिगिण सया तेत्तीसा धणूतिभागो य होइ चोदया। एसा खलु सिद्धाणं उक्कोसोगाहणा भणिया // 13 // चनारि य स्यणीओ रयणि तिभागृणिया य बोडधा। एसा खलु सिद्धार्थ मज्झिम ओगाहणा मणिया॥१४॥एका य होइ रयणी साहीया अंगुलाई अहमवे। एसा खलु सिद्धाणं जहण्ण ओ. गाहणा भणिया॥१५॥ ओगाहणाए सिद्धा भवत्तिभागेण होन्ति परिहीणा। संठाणमणित्यंथं जरामरणविप्पमुक्काणं // 16 // जत्थ य एगो सिदो तत्थ अणंता भवस्वयविमुक्का / अण्णोऽपणसमवगाढा पुट्ठा सधे य लोगते॥१७॥ फुसइ अणते सिद्ध सबपएसेहिं णियमसो सिद्धो। तेवि असंखेजगुणा देसपएसेहि जे पुट्टा // 18 // असरीरा जीवघणा उवउत्ता सणे य णाणे य। सागारमणागारं लक्षणमेयं तु सिद्धाणं // 19 // केवलणाणुवउत्ता जाणंती सवभावगुणभावे। पासंति सवओ खलु केवलदिट्टीहऽणताहि ॥२०॥णचि अस्थि माणुसाणं तं सोक्वं णविय सञ्चदेवाणं / जं सिद्धाणं सोक्खं अबावाहं उवगयाणं // 21 // जं देवाणं सोक्खं सबदापिडियं अणंतगुणं / ण य पावइ मुत्तिमुहं णताहि वग्गवम्गृहि // 22 // सिद्धस्स हो रासी सवद्यापिडिआ जइहवजा। साऽणतवग्गभइआसवागासणमाएजा // 23 // जहणाम काइमिच्छा नगरगुण बहुविह वियाणता। नचएइ परिकहउ उबमाएताह असताए॥२४॥ इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं णत्थि तस्स ओवम्म। किंचि विसेसेणेत्तो ओवम्ममिणं सुणह वोच्छं॥२५॥जह सबकामगुणियं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोई। तण्हाहाविमुक्को अच्छेज जहा अमियतित्तो // 26 // इय सबकालतित्ता अतुलं निवाणमुवगया सिद्धा / सासयमबाबाह चिट्ठति सुही सुहं पत्ता // 27 // सिद्धत्तिय बुद्धत्तिय पारगयत्तिय परंपरगयत्ति। उम्मुक्कक - म्मकवया अजरा अमरा असंगा य // 28 // णिच्छिण्णसव्वदुक्खा जाइजरामरणवंधणविमुक्का। अवाबाहं सुक्खं अणुहोती सासयं सिद्धा॥२९॥अतुलसुहसागरगया अचाबाहं अणोवमं पत्ता। सबमणागयमद्ध चिटुंति सुही सुहं पत्ता॥३०॥२२उववाइउवंग संमत्तं औपपातिकोपांगं१शिलायामुत्कीर्ण श्रीसिदाद्रितलहट्टिकागतश्रीवर्धमानजैनागममंदिरे वीरविभोः२४६८ PASSET-42