Book Title: Anekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 6
________________ [२] विषय और लेखक पृष्ठ विषय और लेखक पृष्ठ ब्रह्मचर्य पर श्रीकानजी स्वामीके विचार- १४२ श्रीजिज्ञासा पर मेरा विचारभारतके अजायबघरों और कलाभवनोंकी सूचो- [क्षुल्लक सिद्धिसागर टाइटिल ३ पे० ३३० [बा० पन्नालाल अग्रवाल ६८ श्री पार्श्वनाथस्तोत्रम्-श्रुतसागरसूरि २३६ भारतदेश योगियोंका देश है श्रीबाहुबली जिनपूजाका अभिनन्दन टाइटिल पेज ३ बा. जयभगवान जैन एडवोकेट ६६,६३ २ श्रीबाहुबलीकी आश्चर्यमयो प्रतिमामथुराक जैन स्तूपादि यात्राके महत्वपूर्ण उल्लेख . [आचार्य श्री विजयेन्द्र सूरि [अगरचन्द नाहटा २८८ श्रीमहावोजीमें वीरशासन जयन्तीमूलाचारकी कुन्दकुन्दके अन्य ग्रन्थोंके साथ समता [पं. हीरालाल सिद्धान्त शस्त्री ३६२ - [राजकृष्णाजेन मूलाचारको मौलिकता और उसके रचयिता श्रीतराग स्तवनम्-अमरकवि । [पं. होरालाल मिद्धान्न शास्त्री ३३० श्री शारदा स्तवनम-[भ० पद्मनन्दि शिष्य . मूलाचारके कर्ता-[तुल्लक सिद्धिसागर ३७२ भट्टारक शुभचन्द्र ३०३ संग्रहकी वृत्ति और त्यागधर्ममूलाचार संग्रह ग्रंथ न होकर आचाराङ्गके रूपमें मौलिक ग्रन्थ है-[६० परमानन्द जैन शास्त्री ३५५ [चैनसुखदास न्यायतीर्थ १३३ संयम धर्म-ला. राजकृष्ण जैन युगपरिवर्तन (कविता मनु ज्ञानार्थी 'साहित्यरत्न' ३४२ संस्कृत माहित्यके विकासमें जैन विद्वानोंका सहयोगराजस्थानके जैन भण्डारों में उपलब्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ[कस्तूरचन्द्र जैन काशलीवाल एम.ए. १५५ [डा. मंगलदेव शास्त्री एम. ए. पी.एच.डी.२५ राष्ट्रकूदकालमें जैनधर्म मंशोधन डा० अ० स० अल्तेकर एम० ए. डी. लिद ८३ सत्य धर्मश्री १०५ पज्य क्षुल्लक गणेश प्रसादलघुद्रव्य संग्रह-सम्पादक जी वर्णी १२६ वामनावतार और जनमुनि विपणुकुमार सतसाहित्यके प्रचारार्थ सुन्दर उपहारोंकी योजना-- [श्री अगरचन्द्र नाहटा [मैनेजर वोरसेवामन्दिर २ वसुनन्दिश्रावकाचारका संशोधन सम-आराम बिहारी (कविता -[पं० भागचन्द्र ४१ [.पं. दोपचन्द पाण्ड्या और रतनलालजी समन्तभद्र वचनामृत-[ 'युगवीर' , १५१ कटारिया केकड़ो २०१ समयगारकी १५ वी गाथा और श्री कानजी स्वामीविविध विषय-[महावीर जयन्तो आदि ३६० [सम्पादक १७७, २६५ वीनरागस्तवनके रचयिता-अगरचन्द नाहटा ११३ ममयमारके टीकाकार विद्वदर रूपचन्द जीवैभवकी शृंखला (कहानी) [अगरचन्द नाहटा २२० मनुज्ञानार्थी 'साहित्यरत्न' ३४३ सल्लेखनामरण-[ श्री १०५ पूज्य तुल्लक शान्तिनक स्तुतिश्रुतसागरसूरि २५१ गणेशप्रसादवर्णी ४६ शोचधर्म-पं० दरवारीलाल कोठिया न्यायाचार्य १२६ साधु कौन ? एक प्रवचन-[श्री १०५ पूज्य श्रमणबलिदान-[श्री अखिल ३६६ तुल्लक गणेशप्रसादवर्णी १७३ श्रमणका उत्तर लेख न छापना ३२८ साधु स्तुति (कविता)-[कविवर बनारसी दास २१५ २२१ १४६

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