Book Title: Yugpradhan Jinchandrasuri Charitam
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Abhaychand Seth

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Page 155
________________ युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरि चरितम् महा परिश्रमाग्रन्थ रास विहार पत्रतः। हिन्दी भाषामयं चक्रे चरितं चन्द्र सद्गुरोः ॥१०॥ त्रिभिविशेषकम।। तस्य महानुभावस्याग्रहात्तदनुसारतः।। श्री भुजनगर द्रङ्ग श्रीकच्छ विषय स्थिते ॥११॥ . वैशाख कृष्णा सप्तम्यां कराङ्काङ्कन्दु वत्सरे । श्री जिन चन्द्र सूरीणामकारि चरितं मया ॥१२॥ इति श्री सवाई युगप्रधान भट्टारक परम पितामह, सम्राट अकबर जहाँगीर प्रतिबोधक श्रीजिनचन्द्रसूरि चरितम् समाप्तम् ।। १३८ । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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