Book Title: Yugo Yugo me Bahubal
Author(s): Vidyavati Jain
Publisher: Z_Deshbhushanji_Maharaj_Abhinandan_Granth_012045.pdf

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ जिस प्रकार बाहुबली के चरित्र से प्रभावित होकर विभिन्न कवियों ने विविध कालों एवं भाषाओं में तद्विषयक साहित्य प्रणयन किया उसी प्रकार आधुनिक काल के अनेक शोध प्रज्ञों एवं कलाकारों ने बाहुबली चरित तथा तत्सम्बन्धी इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, भूगोल, पुरातत्त्व, शिलालेख आदि विषयों पर शोध निबन्ध भी लिखे हैं। उनके अध्ययन से बाहुबली के जीवन के विविध अंगों पर प्रकाश पड़ता है। ऐसे निबन्धों की संख्या शताधिक है। उनमें से कुछ प्रमुख निबन्ध निम्न प्रकार हैंक्रम शोध निबन्ध शीर्षक भाषा लेखक जानकारी के स्रोत विशेष संख्या १. जनबिद्री अर्थात् श्रवण हिन्दी बेलगोला डॉ. हीरालाल जैन जैन सिद्धान्त भास्कर आरा (बिहार) ६/४/२०१-२०४ इस निबन्ध के अनुसार श्रवणबेलगोल का अर्थ है जैनमुनियों का धवलसरोवर। इस लेख में लेखक ने श्रवणबेल गोल के प्राचीन इतिहास तथा चन्द्रगुप्त-चाणक्य आदि के जैन होने सम्बन्धी अनेक प्रमाण प्रस्तुत किए हैं। गोम्मट शब्द की व्युत्पत्ति पर विशेष विचार । यथा मन्मथ>गम्मह>गम्मट> गोम्मट हिन्दी २. श्रवणबेलगोल एवं यहां की श्री गोम्मट मूर्ति पं० के० भुजबलि शास्त्री जै० सि भा० ६/४/२०५-२१२ हिन्दी श्री गोविन्द पै जै० सि० भा०४/२ ३. श्रीबाहुबली की मूर्ति गोम्मट क्यों कहलाती है ? ४. गोम्मट शब्द की व्याख्या हिन्दी डॉ० ए० एन० ०सि० भा०८/२/८५. गोम्मट शब्द की कई दृष्टियों उपाध्ये से व्युत्पत्ति एवं विकास का अध्ययन । डॉ० कामताप्रसाद जै०सि० भा० ६/४/ श्रवणबेलगोल के शिलालेखों जैन २३३-२४१ का ऐतिहासिक अध्ययन ५. श्रवणबेलगोल के शिलालेख हिन्दी ६. श्रवणबेलगोल के शिलालेखों में भौगोलिक नाम हिन्दी ७. श्रवणबेलगोल के शिलालेखों में हिन्दी कतिपय जैनाचार्य ८. गोम्मट मूर्ति को प्रतिष्ठाकालीन हिन्दी कुण्डली का फल जै० सि. भा•८/१/ १५-१६ तथा ८/२/ ८१-८४. बी० आर० रामचन्द्र जै०सि० भा० ८/१/ दीक्षित ३६-४३. पं० नेमिचन्द्र जैम जै०सि० भा० ६/४/ (डॉ० नेमिचन्द्र २६१-२६६. शास्त्री) पं० जुगल किशोर जै०सि० भा०६/४/ मुख्तार २४२-२४४. है. गोम्मट स्वामी की सम्पत्ति का गिरवी रखा जाना हिन्दी श्रवणबेलगोल के ताम्रपत्र लेख सं०१४० तथा मण्डप के शिलालेख सं० ८४ के आधार पर लिखित आश्चर्यचकित कर देने वाला निबन्ध । उक्त दोनों अभिलेख कन्नड़ भाषा में लिखित है। गोम्मटश दिग्दर्शन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16