Book Title: Vyakaran Siddhant Param Laghu Manjusha
Author(s): Nagesh Bhatt, Kapildev Shastri
Publisher: Kurukshetra Vishvavidyalay Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शुद्धि-पत्र
पृष्ठ
स्थल
प्रशुद्ध पाठ
शुद्ध पाठ
३१ ग्रन्थ भाग, पंक्ति ३ व्याकरणाम्
व्याकरणम् ३५ ग्रन्थ भाग, पंक्ति ४ मुखे दाहापत्तिः मुखे माधुर्यरसास्वादापत्तिः ।
वह्निशब्दोच्चारणे मुखे
दाहापत्तिः । १०० ग्रन्थ भाग, कारिका का उत्तरार्ध
अप्यन्तं
अत्यन्तं १६० उपकमणिका
लंकारार्थं लकारार्थ १८० ग्रन्थ भाग, दूसरा खण्ड, एवान्वयोः, एवान्वयो, पंक्ति १,
(मीमांसा सं०) (मीमांसा सू०) २२६ उपक्रमणिका
घटो: न पट: घटो न पट: २३५ ग्रन्थ भाग, पंक्ति ४, अलङ्कार, अलङ्कार,
ग्रन्थ भाग, पंक्ति ६, तुल्यन्याय तुल्यान्य
ग्रन्थ भाग, श्लोक निवृत्तिरिइष्टा निवृत्तिरिष्टा २३७ व्याख्या भाग में उद्धृत
श्लोक का उत्तरार्ध शल्ककी शल्लकी २३८ व्याख्या में परिसंख्या का प्रथम उदाहरण
यदासक्त्या चेयं यदासक्त्या चेतो २३६ व्याख्या में परिसंख्या का दूसरा उदाहरण
नयनयोरर्वसति नयनयोर्वसति २७८ उपक्रम वाक्य
घिटो नश्यति घटो नश्यति २७६ व्याख्या में शीर्षक भाग न च ताद्रिशोत्प- न च तादृशोत्पत्तिकत्वमेव
त्तिकत्वमेव २९६ ग्रन्थ भाग, पंक्ति १ स्वर्गकामोयजेत स्वर्गकामो यजेत ३०४ ग्रन्थ भाग, पंक्ति १ विधिर्' इति विधिः' इति ३२५ व्याख्या भाग, नीचे से वषाड्योगाच्च वषड्योगाच्च
चौथी पंक्ति ३३२ पाद टिप्पण सं० २
बिषयभक्षणम्
बिषभक्षरणम्
For Private and Personal Use Only