Book Title: Usaniruddham
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 168
________________ सिलोअ-सूई अअं दु णाइधम्मो जं ४-६५ । असिविप्फुरिअग्गि २-१७ अअं महिंदो उण एस १-३१ . अह जाणिअ बाण २-११ अगुणप्पइदिस्स २-६४ अह णिसिदमुहेण ३-२० अंके समारोविअ १-५६ अह ताण रणं २-५९ | अंगअं कंकणट्ठाणे ४-९ अह ताण विमाण २-३७ अज्ज पज्जुण्णिणा ४-३४ अह दे जदुसेण्ण २-२९ अडणिघडिअ ३-४२ अह धुज्जडिणा २-५२ अणिरुद्धेक्खिणी ४-१५ अह पमुदिअचित्त ३-५७ अणुखणमणिरुद्ध ३-१९ अह पेच्छइ वच्छअस्स २-१ अणुविरणइ गंध ३-१८ अह बालमिअच्छीओ ४-२१ अत्तिणेत्तसमुत्थो वि ४-५६ अह भणइ हरी ३-४० अत्थावबोहम्मि १-६ अह रोसकसाइदेक्खणो २-४६ अवंगदोणिमारूढा ४-४७ अह व ण बहु ३-४४ अप्पा लच्छीघरं ४-६८ अह वडुववुणा ३-३३ अबोहणिद्दाविहलो १-२ अह वुसहधओ ३-२४ अभअं विहुरस्स २-६२ अह संभुविसिट्ठ २-४१ अमअप्पढमट्ठाण ४-२ अह संबरमम्मभेदिहिं २-३२ अमंदसुंदेर १-१३ अह सिहरणिहे ३-१ अमुण च्चिअ रुद्द २-६१ अह सोदूण तं पोरा ४-१ अंभोइणीअं विअ १-५३ अह सो कअवम्म २-१५ अम्हो बम्हण अम्हकेरअ २-७१ अह सो पडिहार २-२२ अविणअकअ ३-५१ अह सो परमेसरो २-३५ अवि सीदच्छदच्छाअ ४-३२ अहह तुह महेस ३-४६ असंतत्तेण संतत्तं ४-२६ अहिअं जहि णं २-१३ असणिसअलबीअ ३-३१ अहिअमुहअपास ३-५ असरणसरणं ३-३९ अहीअकामसत्थो वि ४-२४ For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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