Book Title: Updesh Mala
Author(s): Dharmdas Gani, Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divyadarshan Trust
View full book text
________________
૧૮૨
खरकर खित्ताई
गच्छ गय
४४१ ४३०
गाम गार गिरि गीअत्यं
गुज्झो गुणदोस
외
७१
गुणहीणो गुरु गुरु गुरु पच्च
ઉપદેશમાળા १८३ छक्काय
४३५ ३६२ छज्जीवकायवह० ३८८ छज्जीवकायविर०
३२ छज्जीवनिकायदया ३५७ छज्जीवनिकायमह ४२९ ४२२ छल
३०७ २२७/ छेओ
५० ३७६ जइ गिण्हइ २२२ ३३७ जइ ठाणी ३१५ जइ ता अ
३४४ ३५१ जइ ताज १४२ जइ तात ण ३७८ जइ ता ति
| जइ ता ल २५९ जइ ताव ३१४| जइ दुक्कर ४७७ जइ न
६०१ ३९६ जइ सव्वं ४२८ जग चूडा ५३० जं आणवेइ २८३ | जं जयइ
३९८ २८४ जं जं न
२०९ ४५७। जं जं समयं
२४
४५८
외
गुरुपरि
३७७/जाता
चित्तूण घोरे चंदुव्व चरण्इ चरणकरण चरणकरणा चारग
चिंता चोरि

Page Navigation
1 ... 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204